Moral stories in hindi : पदमा अपने मायके में अपनी बेटी आरजू को खाना खिलाकर उसके बर्तन रखने रसोई की तरफ जा रही थी कि तभी उसके पति मोहित जो पिछले कई महीनो से फोन करके उसे वापस घर बुलाने की जिद कर रहे थे परंतु, पदमा के इनकार करने पर वह अचानक ही उसे लेने के लिए उसके घर पहुंच गया था और हाथ जोड़कर उससे अपने साथ चलने की विनती करने लगा।
पति का अपने प्रति ऐसा व्यवहार देखकर उसे कुछ समय पहले की याद आ गई थी पदमा बेहद शिक्षित संस्कारी और खूबसूरत लड़की थी शादी से पहले उसका एक ही अरमान था कि उसका होने वाला पति उसका सम्मान करें प्यार करें भले ही उसके पास पैसा ज्यादा ना हो क्योंकि वह भी सिलाई कढ़ाई का काम जानती थी जिसके कारण वह सिलाई करके काफी पैसे कमा लेती थी।
जब उसके मम्मी पापा ने उसके लिए वर की तलाश करने से पहले उसके होने वाले जीवन साथी के बारे में उसका अरमान पूछा तब पदमा ने उनसे यही कहा था कि उसे ऐसा पति चाहिए जो उसे बहुत प्यार करें और उसका सम्मान करें कभी भी किसी के सामने उसका अपमान ना करें
तब बेटी के अरमान को ध्यान में रखकर उसके पापा ने काफी तलाश करने के बाद मोहित के वादा करने पर कि वह नारी का बहुत सम्मान करता है और किसी भी तरह का नशा नहीं करता उसका विवाह कर दिया था।
विवाह के बाद पदमा जब अपनी ससुराल गई तब अपने गूण और सेवा भावना से उसने अपने सास, ससुर, पति सबका दिल जीत लिया था सुबह के 4:00 बजने से पहले ही रहे बिस्तर से उठ जाती और घर के सभी सदस्यों के उठने से पहले सारे घर की सफाई करके उनके लिए नाश्ता और खाना तैयार कर देती फिर पति और ससुर को ऑफिस भेजने के बाद घर के सारे काम निपटाकर सिलाई करने बैठ जाती।
शाम को ससुर और पति के आने से पहले ही खाना तैयार करके उनके ऑफिस से आते ही सबको गरम-गरम खाना खिलाती थी फिर घर का सारा काम निपटाकर अपनी सास के पैर दबाती उसके बाद ही सोने के लिए अपने कमरे में जाती थी इस दौरान घर के सभी सदस्यों के साथ-साथ उसके पति भी उससे बहुत प्यार से बातें करते थे जिससे पदमा बहुत खुश रहती थी।
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कुछ समय बाद वह गर्भवती हुई और 9 महीने के बाद उसने जब एक बिटिया को जन्म दिया तो घर के सभी सदस्यों का व्यवहार उसके प्रति अचानक से बदल गया था मोहित जिसने शादी से पहले उसके पापा से नशा न करने का और औरत का सम्मान करने का वादा किया था अब जब भी रात को ऑफिस से घर आता शराब के नशे में चूर रहता था।
जब पदमा उसे शराब पीने को मना करती तब वह उल्टे पदमा से लडने लगता जब उसने अपने सास ससुर से पति की शिकायत की तो उसके ससुर मोहित को समझने की बजाय उल्टा डाटते हुए बोले” अपने पति की शिकायत करते हुए तुम्हें शर्म नहीं आती अरे आजकल तो शराब पीना आम बात है यह तो कभी-कभी एक दो पैग लगा लेता है” तब पति को समझाने की बजाय ससुर के द्वारा उसका पक्ष लेने पर पदमा बेहद दुखी हुई थी।
कहते हैं नारी खुद का अपमान तो सह लेती है परंतु, जब कोई उसके बच्चों का अपमान करे तो वह सह नहीं पाती एक दिन जब उसका पति ऑफिस से शराब पीकर कर आया तो पदमा ने जब उसे फिर से समझाने का प्रयास किया तो वह सबके सामने उसे गंदी गंदी गालियाँ देने लगा पदमा ने उसे गाली देने से मना किया तो वह आरज़ू के लिए भी बुरा भला कहने लगा तब उसका दिल बुरी तरह से टूट गया था।
क्योंकि उसने ना कभी अपने पति से कोई गहना मांगा था ना दौलत बस थोड़ा सा प्यार और सम्मान चाहा था बस यही उसका अरमान था जो उसके पति ने बुरी तरह से तोड़ दिया था दुखी होकर वह उससे बोली” जहां मेरा और मेरी बच्ची का सम्मान नहीं मैं वहां एक पल नहीं रह सकती मैं
अभी इसी वक्त यह घर छोड़ कर जा रही हूं” मोहित ने मन ही मन सोचा कि यह गुस्से में कह रही होगी रात में बच्ची को लेकर कहां जाएगी इसलिए उसने भी कह दिया “जाना है तो जा मुझे भी तेरे जैसी मुसीबत से छुटकारा मिल जाएगा।
पति के शब्द सुनकर पदमा की आंखों से आंसू बह निकले थे उसे उम्मीद नहीं थी कि उसका पति उससे इतने कड़वे शब्द बोलेगा वह तो अपने पति से बेपनाह प्यार करती थी इसलिए बगैर किसी लालच के उसकी और उसके परिजनों की निस्वार्थ भाव से सेवा करती थी वह यही सोच रही थी
कि उसके दोबारा घर छोड़ने की बात सुनकर उसका पति पिघल जाएगा और उससे माफी मांग कर कहेगा तू घर छोड़ कर मत जा मैं आज के बाद ना ही तुम्हें और बिटिया को गाली दूंगा और ना ही शराब को हाथ लगाऊंगा।
रोते हुए उसने जल्दी से अपना बैग पैक किया और बगैर किसी को बताएं चुपचाप बेटी के साथ ससुराल छोड़कर अपने मायके आ गई।मायके आने के बाद जब उसने सारी बात अपनी मम्मी पापा को बताई तो उसके मम्मी पापा ने उसके अरमान का सम्मान करते हुए उसे कभी भी ससुराल ना भेजने का निर्णय ले लिया था और उसे खुशी खुशी मायके में ही रहने का निर्देश दिया जिससे वह अपने मायके में ही रहने लगी थी।
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सुबह के वक्त जब मोहित का नशा उतरा तो उसने पदमा को सारे घर में ढूंढा जब पदमा घर पर नहीं मिली तो उसे अचानक से रात वाली बात याद आ गई थी फिर मन ही मन सोचते हुए” हे भगवान! गुस्से में उसके मुख से क्या निकल गया? पदमा उससे कितना प्यार करती थी
और उसने उसके प्यार के बदले शराब पीकर सबके सामने उसे गालियां देकर उसका कितना अपमान किया पश्चाताप करते हुए उसने पदमा से फोन करके वापस घर लौटने को कहा तो पदमा ने घर आने से साफ इनकार कर दिया था जब काफी दिनों तक भी पदमा उसके कहने से वापस घर ना लौटी तो वह उसे मनाने के लिए अपनी ससुराल चला गया था।
पति की विनती सुनकर पदमा दुख भरे स्वर में बोली” पति-पत्नी का रिश्ता विश्वास की डोर से बंधा होता है जब विश्वास ही टूट गया फिर रिश्ता कैसा? अपने घर वापस जाओ आज के बाद मुझसे दोबारा मिलने की कोशिश मत करना” यह सुनकर मोहित उससे माफी मांग कर वापस घर चलने के लिए कहने लगा
तो पदमा भावुक स्वर में बोली” रहिमन धागा प्रेम का मत छोड़ो चटकाए टूटे पर फिर ना जुड़े जुड़े गांठ पड़ जाए अब मुझसे माफी मांगने से कुछ नहीं होगा आप अपने घर जाइए” पदमा की बातें सुनकर दुखी मन से मोहित अपनी गलती पर पश्चाताप करते हुए दुखी मन से वापस अपने घर आ गया था अब पदमा के बगैर उसे अपना जीवन एक मुसीबत लगने लगा था।
स्वरचित
बीना शर्मा