मुझे किसी सहारे की जरूरत नहीं !! – स्वाती जैन

सुबह – सुबह कोमल को तैयार होते देख सासू मां बोली बहु , तुम इतने बड़े घर की बहु होकर ट्रेन में बैठोगी , हमारे घर का नाम मिट्टी में मिल जाएगा , लोग क्या कहेंगे ?? स्नेहलता जी बोलीं !!

 

कोमल बोली मम्मीजी मैं तो शादी के पहले भी इसी तरह ट्रेन में बैठकर जॉब पर जाती थी और जब आपने मुझे पसंद किया था तब भी आप अच्छे से जानती थीं कि मैं नौकरी करती हूं !!

 

स्नेहलता जी झुंझलाकर बोलीं अरे तब की बात और थी अब और बात हैं तब तुम एक मिड़िल क्लास फैमिली से थी मगर अब इतने बड़े खानदान की बहु हो!! हमारे यहां बहुएं ऐसे ट्रेन में बैठकर जॉब करने नहीं जातीं !!

सबसे अहम तो ट्रेन में ही नही बैठती यहाँ चार कार हैं तुम जानती हो !!

हम लोग मिड़ल क्लास वालों की तरह ट्रेन में नही बैठते और ना दरबदर जॉब के लिए घूमते हैं और ना किसी के दबाव में काम करते हैं !!

 



तुम्हें हमारे यहां के नियम समझने होंगे , हमारा करोड़ों का व्यापार है जो तुम्हारे ससुर जी और तुम्हारा पति मिलकर संभालते हैं , तुम्हें कहीं जाने की जरूरत नही दूसरी औरतों की तरह घर के काम करो , वैसे उसकी भी नौबत नहीं आती घर में इतने सारे नौकर – चाकर जो हैं और हां यह सुबह – सुबह जो जींस- टी शर्ट पहनकर और बैग लेकर तुम चल पड़ी हो यह सब यहां नहीं चलेगा !!

 

कोमल बोली मम्मी जी अगर आपको मेरे जॉब करने से इतनी ही दिक्कत थी तो आपने शादी से पहले क्यूं नहीं कहा कि हम तुम्हें जींस नहीं पहनने देगें या ट्रेन में बैठकर जॉब करने नहीं जाने देंगे तो शायद मैं यह शादी करती ही नहीं क्यूंकि मम्मीजी मेरी यही लाईफ है , मैं आत्म निर्भर लड़की हूं , मैं अपने पैरों पर खड़ी रहना चाहती हूं इसलिए मैं यह जॉब नही छोडूंगी.

मुझे किसी सहारे की जरूरत नहीं कहकर कोमल घर से निकल पड़ी !!

 

कोमल ने हमेशा की तरह अपनी मेट्रो ट्रेन ली और उसमें चढ़ गई रास्ते में एक-एक स्टेशन आ रहे थे और कोमल उन दिनों की यादों में खो गई जब सासू मां उसे पसंद करने आई थीं !!

सासु मां ने एक झटके में पसंद कर लिया था कोमल को अपने बेटे के लिए मगर तब मां पापा से कहा था आपकी बेटी को हम अपनी बेटी की तरह समझेंगे , हमारे यहां कपड़ों की भी पूरी आजादी है कोई रोक-टोक नहीं आप बेफिक्र होकर अपनी बेटी का रिश्ता हमारे घर कर सकते हैं !!



 

सासु मां की यह बात मां- पापा को भी बहुत पसंद आई थी और उन्होंने भी मेरा रिश्ता यहां तय कर दिया !!

एक महीने के बाद अब जब कोमल आज जॉब पर जाने लगी तब सासु मां का रवैया बहुत ही अलग था !!

 

आखिर क्यों एक लड़की की शादी के बाद उसकी अपनी जिंदगी पर ही कोई हक नहीं रहता !!

वो क्या करेगी कब करेगी यह ससुराल वाले तय करते हैं ??

इन बंधनों में कोमल अपने आप को बांधना नहीं चाहती थी इसीलिए उसने अपना जॉब करने का फैसला नहीं बदला !!

 

शाम को जब वह घर पहुंची सासू मां फिर से बोलने लगी कोमल आखरी बार कह रही हूं हमारे घर की औरतें यूं जॉब नहीं करती !!

कोमल बोली सासू मां यही मेरी लाइफ है मैं भी अंतिम बार कह रही हूं मैं यह जॉब नहीं छोडूंगी और इस तरह कोमल अपने फैसले पर अडिग रही !!

दोस्तों आपको क्या लगता है कोमल ने सही किया ??

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आपकी सखी

स्वाती जैन

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