मुझे कमाऊ लड़की चाहिए – ज्योति आहूजा

“मोहित  और प्रिया  दोनों की अरेंज मैरिज थी। मोहित  एक इंजीनियर था। पढ़ा लिखा स्मार्ट और गुड लुकिंग था। उसके अपनी शादी को लेकर कुछ अरमान थे। उसे भी अपनी तरह पढ़ी लिखी लड़की चाहिए थी। जो देखने में भी अच्छी हो और सुंदर भी हो।

पर मोहित  के पिताजी भानु लाल अपने दोस्त घनश्याम दास जी की बेटी से मोहित  का रिश्ता करना चाहते थे। मोहित  भी एक दो बार घनश्याम दास जी के परिवार से मिल चुका था। उसने प्रिया  को पहली बार वहीं देखा था। पहली नजर में प्रिया  उसे विशेष पसंद नहीं आई थी।

एक दिन घनश्याम दास जी ने भानु लाल जी के पूरे परिवार को रात के खाने पर बुलाया। और बातों ही बातों में घनश्याम दास जी ने भानु लाल जी से मोहित  और प्रिया  की शादी की बात कर डाली। भानुलाल जी तो पहले ही इस रिश्ते से खुश थे।

घर आकर उन्होंने अपनी पत्नी रमा और बेटे मोहित  से कहा “मुझे घनश्याम दास जी की बेटी प्रिया  अपने मोहित  के लिए पसंद है। इन दोनों की शादी करवा देते हैं। लड़की बी.ए पढ़ी हुई है। घर के कामों में भी निपुण है। हमारे घर में आकर जल्दी ही घुल मिल जाएगी।

पर मोहित  को प्रिया  इतनी पसंद नहीं थी। उसे पढ़ी-लिखी अपनी बराबरी की, नौकरी करने वाली खूबसूरत लड़की चाहिए थी। उसने अपने पिताजी को कहा।”पापा मुझे इस लड़की से शादी नहीं करनी है। मुझे अपनी पसंद की लड़की से शादी करनी है। जो मेरे साथ उठती बैठती अच्छी लगे और प्रिया  को मैं इस हिसाब से अपने उचित नहीं समझता।

“पर पिताजी के आगे मोहित  की एक नहीं चली। और आखिरकार मोहित  और प्रिया  की शादी हो गई।

“शादी की रात को ही मोहित  प्रिया  से अनजान की तरह व्यवहार करने लग गया। उसने उस से ढंग से बात तक नहीं की। प्रिया  को समझ ही नहीं आ रहा था  कि मोहित  ऐसा क्यों कर रहा है।




“शादी के अगले दिन भी सुबह से ही मोहित  उसे इग्नोर करता रहा। और हल्का फुल्का नाश्ता करके अपने काम पर चला गया।

उदास मन से प्रिया  ने अपनी सास रमा जी को पूछा!

” क्या बात मम्मी जी मुझसे कोई गलती हुई है क्या? कल ही हमारी शादी हुई है। और उन्होंने मुझसे एक मिनट की  ढंग सेबात भी नहीं की है ।क्या बात है? कुछ हुआ है क्या?

तभी सास ने बोला।”कुछ नहीं बेटी! बस ऐसे ही। शादी वाला घर है ना। खूब काम के चक्कर में थकावट हो गई होगी। दो-तीन दिन में सब ठीक हो जाएगा। तू चिंता मत कर।

“थोड़े दिन और बीत गए। आखिरकार बहुत जोर जबरदस्ती करने पर मोहित  ने प्रिया  को पूरी बात बता ही दी। और कहा कि वह इस शादी से खुश नहीं है।

उसने कहा। “मुझे अपने बराबर की पढ़ी- लिखी, कमाऊ लड़की चाहिए थी जो स्टेटस में मेरे बराबर हो और तुम अपने आप को देखो। आज के जमाने में सिर्फ बी. ए पास हो। क्या हुनर है तुम्हारे पास?

अपने पति की इस तरह की कड़वी बातें सुनकर प्रिया  का दिल भर आया।

उसने अपने पति से कहा। “क्या सिर्फ अच्छी पढ़ाई- लिखाई ही स्टेटस बनाती है। माना मैं बीए पास हूं। पर मुझ में भी कुछ कर दिखाने की ललक है। मैं खाना बहुत अच्छा बनाती हूं। मुझे पेंटिंग्स बनाने का भी शौक है। मैं सिलाई कढ़ाई बुनाई सब बहुत अच्छे से जानती हूं। हर इंसान में कोई ना कोई गुण अवश्य होता है।

इतने में मोहित  कहता है “जिस दिन कुछ करके दिखाओ गी उस दिन मानेंगे। हाल फिलहाल के लिए अपना मुंह बंद रखो। अब जाओ यहां से। मुझे बहुत काम है।

रोती कोई प्रिया  ने कमरे से बाहर निकलते निकलते पति को जो शब्द कहे वह मात्र कोरे शब्द नहीं थे। वह एक स्त्री के अंतर्मन से निकले हुए सुनहरे शब्द थे । प्रिया  ने कहा था।” कोई बात नहीं पति महाशय। मेरे भी दिन आएंगे। और जल्द ही आएंगे।

“कहते कहते प्रिया  कमरे से बाहर निकल जाती है।

“गुस्से में बड़ बढ़ाता  हुआ मोहित  भी अपने काम में लग जाता है।




“कुछ दिनों के बाद रविवार का दिन था। मोहित  अपने कमरे में बैठा हुआ अखबार पढ़ रहा था ।अखबार में अपनी पत्नी की तस्वीर देखकर वह चौक जाता है।।कमरे से बाहर आकर जोर-जोर से सब को बुलाने लगता है।

“प्रिया  मम्मी -! कहां हैं आप सब लोग।

“अरे क्या हुआ? बता तो सही। मोहित  की मां ने कहा।

यह देखो अखबार में प्रिया  की मेन कवर पर फोटो आई है।  और कुछ पेंटिंग्स दिखाई दे रही है।पूरी बात बताओ मामला क्या है?

इससे पहले की प्रिया  कुछ कह पाती। मोहित  की मां ने कहा। “जिस दिन तूने प्रिया  से रूखे पन से बात की थी। मैंने तुम दोनों की बातें सुन ली थी। मैंने प्रिया  को उसके हुनर को लोगों तक पहुंचाने के लिए , और खासकर तुझे दिखाने के लिए कि केवल पढ़ाई- लिखाई या नौकरी करने वाले ही कामयाब नहीं होते। हुनर- हुनर होता है चाहे वह खाना बनाने का हो सिलाई- कढ़ाई का हो ,पेंटिंग का हो या कुछ और।

” जब तू ऑफिस चला जाता था। तब पीछे से प्रिया  मेरे साथ काम में हाथ बंटा ती  और खाली समय में बैठकर  पेंटिंग करती।

“एक दिन मेरी सहेली घर में आई और उसने प्रिया  की पेंटिंग्स देखी। उसे पेंटिंग इतनी पसंद आई कि उसने खरीद ली। और इनकी और इसकी फोटो लेकर अपने पास रख ली। लगता है यह पेंटिंग किसी फोटोग्राफर के पास चली गई।और आज अखबार में आई है।

” देख तेरी पत्नी रातों- रात फेमस हो गई है।

“अपनी मां की ऐसी बातें सुन मोहित  का सिर शर्म से झुक जाता है। वह झुकी नजरों से अपनी पत्नी प्रिया  की तरफ देखता है जैसे माफी मांग रहा हो । निशब्द सा हो गया था वह।

आपको यह कहानी कैसी लगी।

इंतजार में।

ज्योति आहूजा।

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!