अपनी नौकरी के सिलसिले में विकास कई दिनों के लिए गांव से दूर शहर गया हुआ था जब वह वहां से वापस आया तो वह बस एक ही दिन अपने दोस्त से मिलने गया था यह देखकर उसकी मम्मी विमला बोली” तू आज अपने दोस्त शेखर से मिलने नही गया तू तो उसके बगैर एक दिन भी नहीं रह पाता था विमला की बात सुनकर विकास को कुछ दिनों पहले की बात याद आ गई थी
जब वह खुशी-खुशी शेखर से मिलने के लिए उसके घर जाता था तब उसकी मम्मी उर्मिला उसके लिए मनपसंद खाना बना कर बड़े प्यार से खिलाती थी विकास के अलावा उसके चार भाई और एक बहन पूनम भी थी जिन्हें उर्मिला और उसके पति आजाद ने खेतों में काम करके कड़ी मेहनत से पाई पाई जोड़कर चारों बेटों को सरकारी अफसर बना दिया था फिर धूमधाम से एक-एक करके चारों बेटों और पूनम की शादी कर दी थी
घर में चार-चार बहू के आने के बाद उर्मिला यह सोचकर बड़ी खुश रहती थी कि अब फर्ज से मुक्त होकर चैन से खाना खाऊंगी जब तक उनके पति आजाद जीवित रहे तब तक तो उनके बेटा बहू ने उनकी बहुत सेवा की परंतु ,जब एक दिन दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई तो चारों बेटों ने उनकी सेवा करने से साफ इनकार कर दिया था ।
तब पूनम कुछ दिनों के लिए उन्हें अपने साथ ले गई थी और उनके पास जो भी जेवर और पैसे बचे थे उन्हें लेकर अपने घर से अपनी मम्मी को धक्का दे दिया था अपनी बेटी और बेटा बहूओ के बुरे बर्ताव के कारण उर्मिला मानसिक तनाव में आकर इधर-उधर भटकने लगी थी
तभी राह गुजरते एक आदमी की निगाह उन पर पड़ी तो वह उन्हें उनके परिजनों से मिलाने के लिए पास ही बने थाने में ले गया था थाने के थानेदार किशन ने जब उर्मिला से उनका परिचय पूछा तो रोते हुए उर्मिला ने उन्हें अपनी सारी कहानी बता दी थी उर्मिला की कहानी सुनकर किशन की आंखें भर आई थी
उन्होंने उसी वक्त उसके चारों बेटों को थाने में बुलाकर डांट लगाई तो चारों बेटे अपनी गलती मानने की बजाय बेशर्मी से मुस्कुराने लगे थे तभी अपनी मम्मी को आपस में बांटने का फैसला करते हुए शेखर बोले”किसी एक भाई पर मम्मी का बोझ डालना बेकार है इसलिए हम चारों भाई मम्मी को तीन-तीन महीने के लिए अपने पास रखेंगे ऐसा करके चारों भाइयों को मम्मी की सेवा करने का मौका भी मिल जाएगा और किसी एक पर यह बोझ भी नहीं बनेंगी।”
“ठीक है यदि तुम्हारा ऐसा फैसला है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है पर यदि आज के बाद मैंने कभी तुम्हारी मम्मी को ऐसे सड़कों पर भटकते हुए देखा या फिर इनका कोई दुख देने के बारे में सुना तो मैं तुम सबको कड़ी से कड़ी सजा दूंगा” शेखर की बात सुनकर किशन ने उन्हें चेतावनी देकर उनके घर भेज दिया था।
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चारों भाई घर आकर बारी-बारी से अपनी मम्मी को अपने पास रखने लगी थी उर्मिला यदि एक बेटे के पास 3 महीने से ऊपर एक दिन भी रह जाती तो उनकी बहू उन्हें धक्का देकर घर से बाहर निकाल देती थी।
विकास इस बात से अनजान था कि शेखर ने अपनी मम्मी को सेवा करने के लिए आपस में बंट गया है एक दिन जब विकास शहर से आने के बाद शेखर से मिलने के लिए उसके घर गया तो उसने देखा उर्मिला सर पर अपने कपड़ों की पोटली रखकर बाहर की तरफ जा रही थी।
जब विकास ने उनसे बाहर जाने का कारण पूछा तब उर्मिला दुखी मन से बोली”पति के जाने के बाद मैं अपने ही बच्चों पर बोझ बन गई इसलिए मेरे बेटो ने मुझे बांट दिया है अब मैं 3 महीने के लिए दूसरे बेटे के पास जा रही हूं आज मेरे 3 महीने पूरे हो गए हैं यदि मैं यहां एक दिन भी ज्यादा रह गई तो मेरी बहू मुझे धक्का देकर घर से बाहर निकाल देगी”उर्मिला की बात सुनकर विकास की आंखें भर आई थी
जो औरत उसे अपने बेटे से भी ज्यादा प्यार करती थी आज उसकी दुर्गति देखकर उसे बेहद दुख हो रहा था वह शेखर को समझाते हुए बोला”तू इनको अपने पास नहीं रख सकता जिस मां ने चार-चार बेटों को कभी बोझ नहीं समझा आज वह तुम पर बोझ हो गई मुझे शर्म आ रही है तुम्हारे बारे में ऐसी बात सुनकर।”
“देख यह मेरे घर का मामला है तुझे इसमें बोलने की कोई जरूरत नहीं है हमारी दोस्ती से इस बात का कोई मतलब नहीं है दोस्ती अपनी जगह परिवार अपनी जगह और हां इसमें शर्म की क्या बात है? जब मां सब की है तो फिर मैं अकेले इन्हें अपने पास क्यों रखू ? विकास की बात सुनकर शेखर ने कहा तो विकास दुखी मन से उर्मिला से बोला”आप अपने साथ मेरे घर चलो
मैं वहां पर आपकी सेवा करूंगा”यह सुनकर उर्मिला उसे समझाते हुए बोली”यदि मैं तुम्हारे साथ चली गई तो लोग मेरे बेटों के बारे में तरह-तरह की बातें बनाएंगे इससे अच्छा तो यही है कि मैं बारी-बारी से अपने बेटों के पास रहूं इससे उनकी इज्जत पर कोई दाग नहीं लगेगा।”
एक मां की दुख पाने के बाद भी अपने बेटो के प्रति ऐसी निष्ठा देखकर विकास शेखर से बोला”जो अपनी मां को बोझ समझकर उसका बंटवारा कर दे ऐसे इंसान का मेरे दिल में कोई स्थान नहीं क्या पता कल को तुझे देखकर मेरे मन में भी मेरी मां के प्रति ऐसी भावना आ जाए इसलिए मैं आज ही तूझसे अपनी दोस्ती खत्म करता हूं
क्योंकि मेरी मां मेरे लिए भगवान है और मैं कभी नहीं जाऊंगा की मानसिक तनाव के कारण मेरी मां दर-दर भटके”ऐसा कहकर विकास हमेशा के लिए शेखर से अपनी दोस्ती तोड़कर अपने घर आ गया था अपनी मम्मी को जब उसने दोस्त के घर ना जाने का कारण बताया तो प्यार से उसकी मम्मी ने उसे गले से लगा लिया था दोस्तों क्या विकास नहीं सही किया? कमेंट करके जरूर बताएं।
बीना शर्मा