मेरी डिजिटल सासु माँ

ममता दिल्ली के एक स्कूल में टीचर थी, टीचर होने के साथ-साथ वह एक  ब्लॉगर भी थी और फेसबुक पर उसने एक पेज बना रखा था जिस पर वह अपने ब्लॉग पोस्ट किया करती थी.  ममता शनिवार के दिन का बेसब्री से इंतजार करती थी क्योंकि अगले दिन संडे आता था और उस दिन स्कूल नहीं जाना होता तो ममता पूरे सप्ताह जो  कॉन्टेंट सोचती रहती थी वह शनिवार के रात को लिख देती थी। इस वजह से संडे को वह सुबह देर से सोकर उठती थी यह बात उसके पति राघव को पता था।  लेकिन ममता के सास को यह बात पता नहीं था उसे लगता था बहु जानबूझकर देर तक सोती रहती है।

आज भी कुछ ऐसा ही था संडे का दिन था ममता 10:00 बज गया था अभी सो कर नहीं उठी  थी ममता की सास अपने बेटे राघव पर जोर जोर से चिल्ला रही थी सब तुम्हारा ही मन बढ़ाया हुआ है बताओ ऐसे कोई करता है क्या किसी के घर में भी जाकर देख लो किसी की भी बहू क्या 10:00 बजे तक सोती रहती है।   अपनी सासू मां की आवाज सुनकर ममता अपने कमरे से निकल कर बाहर आई और अपने सासु मां को गुड मॉर्निंग बोली।

सासु माँ  ने गुस्से में कहा जाओ जाओ और जाकर फिर से सो जाओ अभी तो 10 ही बजे हैं। लेकिन यह महारानी अब उठी है।  अच्छा ममता तुम यह बताओ पूरी रात करती क्या हो तुम्हारे कमरे में लाइट पूरी रात जलता रहता है।

ममता ने कहा, “कुछ नहीं मम्मी जी बस ऐसे ही कुछ लिखती पढ़ती हूं।”  सासु मा ने तपाक से जवाब दिया पढ़ती रहती हो या पूरी रात मोबाइल चलाती रहती हो क्या मुझे पागल समझ रखी हो मुझे पता नहीं है, मैंने आज तुम्हारे कमरे में झांक कर देखा था कि  यह लड़की पूरी रात करती क्या है तो मैंने देखा मोबाइल चला रही है। अब सासु मां को कौन समझाए की ममता मोबाइल में फेसबुक पर अपना ब्लॉग लिखती है।

ममता समझ गई थी कि आज सासु मां कुछ ज्यादा ही गुस्से में है और कम से कम इनका  गुस्सा आज शाम तक तो शांत होने वाला नहीं है राघव ने भी अपनी मां को समझाने की कोशिश की जाने दो ना माँ क्या हो गया पूरे सप्ताह स्कूल पढ़ाने जाती है फिर घर का भी काम करती है एक ही दिन तो इसके पास होता है थोड़ी देर तक सो लिया तो क्या हो गया।  

सासु माँ  ने कहा तुम तो राघव चुप ही रहो तुम भी तो पूरी सप्ताह नौकरी करते हो तुम तो देर से नहीं सोकर उठते हो तुम तो सुबह ही उठ जाते हो।  आजकल के लड़के हो ही गए हैं “जोरू के गुलाम।”



तभी ममता बोली मां मैं मोबाइल नहीं चलाती हूं आपको बता दूं मोबाइल में एक फेसबुक होता है जिस पर मैंने अपनी कहानियां लिखकर पोस्ट करती रहती हूं और एक ही दिन तो मुझे टाइम मिलता है लिखने का तो वही  करती हूं। इतना सुनते ही सासु माँ बोली, “फेसबुक????” हां यह एक नया चल गया है आजकल जिसे देखो बस दिन भर फेसबुक में लगा रहता है पता नहीं उसको क्या मिलता है इस फेसबूक मे। अगर कुछ नहीं मिलता है तब तो लोग पूरे दिन लगे रहते हैं अगर इसे पैसा भी मिलने लगे तो लोग तो इसी से चिपके रहेंगे।

राघव  ने कहा सही कह रही हो मां, लेकिन कुछ लोगों को फेसबुक से पैसे भी मिलते हैं अगर वह अच्छी ब्लॉग लिखें और उनका खुद का लिखा हुआ हो तो, अगले महीने से ममता को भी फेसबुक से पैसा मिलने वाला है।

पैसे के नाम पर सासू मां थोड़ी ठंडा पड़ गई। सासु माँ ने राघव से कहा सचमुच फेसबुक से पैसा मिलता है अगर मिलता है तब तो कोई बुराई नहीं है।

ममता ने चुटकी लेते हुए कहा मां जी अब आप भी फेसबुक इस्तेमाल करना सीख लीजिए इसमें बुराई क्या है आप भी तो इतनी सारी कहानियां सुनाती रहती है इतनी सारी कविताएं अपने फ्रेंड को सुनाती रहती हैं  उसको आप अपने फेसबुक पेज पर डालिए। ममता कुछ और बोलती सासु माँ ने कहा चलो चुप रहो बहू और कोई मेरे पास काम है दिन भर फेसबुक चलाते रहो घर का सारा काम तुम करोगी।

ममता के ससुर तभी बोल पड़े बहू   तो ठीक ही कह रही है राघव की मां, इतनी सारी तुमने कहानियां लिखी है मैंने तो तुम्हारी डायरी भी पढ़ा है अगर वह सारी कहानियां तुम फेसबुक पर डाल दो इतने लोग तुमको पसंद करेंगे,  कुछ दिन में ही तुम्हारी कहानियां वायरल हो जाएंगी और हिट हो जाओगी यह मजाक की बात नहीं है अगर इसे सीरियस तरीके से करोगी तो नाम के साथ पैसा भी कमा सकती हो और घर का कौन सा तुम दिन भर काम करके पहाड़ तोड़ती रहती हो।  घर के काम के अलावा इंसान की जिंदगी में और भी कुछ होता है अपने शौक को पूरा करें अपने शौक से दुनिया को रूबरू कराएं।



ममता की सास उस समय तो बिल्कुल ही शांत हो गई थी लेकिन एक-दो घंटे बाद उन्होंने अपने बहू को अपने कमरे में बुलाया और ससुर जी का फोन देते हुए बोली बहू इस पर लो मेरा भी फेसबुक पर एक अकाउंट बना दो और मुझे फेसबुक चलाना सिखा दो मैं भी कोशिश करती हूं।

उस दिन के बाद से ममता की सास  फेसबुक चलाना धीरे-धीरे सीखने लगी और अपनी स्वरचित  कहानियां और कविताएं शुरू में तो अपने प्रोफाइल पर डालना शुरू किया लेकिन कुछ दिनों के बाद उनकी बहू ने उनके नाम से एक पेज भी बना दिया था।

एक दिन ममता ने अपनी सास से कहा मम्मी जी आप इतना अच्छा खाना बनाती हैं मैं तो कहती  हूं एक यूट्यूब चैनल बना देती हूं आप रेसिपी बनाना और मैं वीडियो शूट करूंगी और एडिट करके चैनल पर अपलोड कर दिया करूंगी।  ममता की सासू मां ने कहा नहीं बहू नहीं यह सब मेरे से नहीं होगा हां लिखने की जहां तक बात है वह तो मैं कर सकती हूं लेकिन कैमरे के सामने मैं नहीं बोल सकती हूं।  राघव बीच में बोल पड़ा मां तुम कर सकती हो एक बार ट्राई तो करो नहीं होगा मत करना।

फिर क्या था ममता ने यू-ट्यूब पर “सासू मा की रसोई” नाम से यूट्यूब चैनल बना दिया।  उस पर ममता स्वादिष्ट व्यंजन की वीडियो डालने लगी। थोड़े समय बाद ही यूट्यूब चैनल पर 10 हजार सब्सक्राइबर हो गए थे।

यूट्यूब  द्वारा जब पहली बार ममता के सास  के अकाउंट में पेमेंट आया तो सब ने यही फैसला किया इस पेमेंट से ममता के सास  को एक नया मोबाइल खरीद के दिया जाए।



लेकिन जब ममता की सास को यह बात पता चला तो उन्होंने बोला, “नहीं.. नहीं क्यों पैसे फालतू में बर्बाद कर रहे हो काम तो चल ही रहा है ना तुम्हारे पापा के मोबाइल से।  राघव ने कहा नहीं मां वह काम चलाउ मोबाइल है तुम्हारे लिए तो एक नया अपडेटेड मोबाइल चाहिए जिससे तुम अपना सारा काम कर सको।

अब तो रोजाना 1 घंटे सासु मां अपनी बहू से मोबाइल के दूसरे फीचर चलाना सीखती थी.। सासु माँ धीरे धीरे इतनी डिजिटल हो गई थी कि अब तो उन्हें अपने घर के काम की परवाह ही नहीं थी  पूरे दिन मोबाइल मे ही लगी रहती थी।

इनके आधे टाइम तो अपने पुराने सहेलियों से वीडियो कॉल पर बातें करने मे   फिर अपने बेटियों से बातें करने मे निकाल जाता था।

फेसबुक पर भी ममता  के सासु माँ के 1000 से ज्यादा फ्रेंड हो गए थे।  एक दिन ममता की सास अपनी बहू से कह रही थी सही में बहु डिजिटल दुनिया की तो बात ही अलग है कैसे पूरा दिन बीत जाता है पता ही नहीं चलता।  मैं तो तुम्हें बेकार में ही डांटते रहती थी जब मुझे इसका चस्का लगा तो मुझे पता चल रहा है यह डिजिटल दुनिया एक अलग ही दुनिया है।

ममता की सास अंग्रेजी पढ़ तो लेती थी लेकिन सही से समझ नहीं पाती थी इसलिए उनको बहुत सारी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता था ममता ने कहा मम्मी जी इसमें भी कोई घबराने की बात नहीं है आइए मैं आपके मोबाइल की भाषा चेंज कर देती हूं इससे अब  सब कुछ आपको हिंदी में लिखा हुआ दिखेगा।

धीरे-धीरे ममता की सास इतना डिजिटल साक्षर हो गई थी कि उन्होंने अपने सारी सहेलियों को फेसबुक और  व्हत्सप्प चलाना सिखा दिया था और अब वह भी रात के 2 बजे तक जाग कर आपस में चैट किया करते थे।

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