मेरा पति सिर्फ मेरा है –  मनीषा भरतीया

रमा और उसके पति हर साल गर्मी की छुट्टियों में बच्चों के साथ कहीं ना कहीं छुट्टियां मनाने जरूर जाते थे इस साल उन्होंने ऊटी जाने का प्लान बनाया था। ऊटी जाने के लिए बच्चे भी बहुत खुश है लेकिन इस बार रमा घूमने अकेले नहीं जा रही थी बल्कि अपने सास-ससुर को भी अपने साथ ले कर जा रही थी। 

इसी संडे .. उनकी रात की फ्लाइट थी …इसलिए वह पैकिंग में लगी हुई थी….उसे अपने बच्चे, पति  और सास ससुर के कपड़े भी पैक करने थे…  इसलिए वह टूल पर चढ़कर बैग उतार रही थी तभी…. सूटकेस के ऊपर रखा हुआ एक कैरी बैग नीचे गिरा…. तो जैसे ही वह उसे उठाने लगी… तो उसने देखा  कि उसमें एक लेदर का पर्स है ….

पहले तो रमा ने सोचा कि रमन यह पर्स उसी के लिए लाए होंगे… शायद   सरप्राइज होगा जो वह मुझे ऊटी जाने पर देना चाहते होंगे… इसलिए वह पर्स  वापस रखने लगी… उसने देखा उसमें से एक लेटर है … जिसमें लिखा था . ..

चाँदनी  मेरी जान मैं 1 हफ्ते के लिए अपनी बीवी और बच्ची के साथ ऊटी घूमने जा रहा हूं…. इस बीच तुम मुझे फोन मत करना…. मैं तुम्हारे बर्थडे वाले दिन ठीक टाइम से पहुंच जाऊंगा तुम्हारी सरप्राइस गिफ्ट के साथ तुम्हारे पास….

तुम्हारा प्यारा रमन

मिस यू जान…



अब तो काटो तो खून नहीं…. रमा के साथ धोखा हो रहा था…और ना जाने कब से… रमन रमा से इतनी बेपनाह मोहब्बत करता था कि उसे कभी उस पर शक हुआ ही नहीं… उसे अभी भी अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था कि रमन उसके साथ ऐसा भी कर सकता है…. लेकिन जो हो रहा था उसे झुठलाया तो नहीं जा सकता था….

गुस्से से लाल पीली रमा जब शाम को रमन लौटा तो रमन को पर्स और लेटर दिखाते हुए कहा कि ये सब क्या है???

देखते ही रमन के चेहरे का रंग उड़ गया…. रमा ने कहा मैंने कभी जीवन में नहीं सोचा था कि तुम मेरे साथ ऐसा कर सकते हो… कितना टूट कर मैंने तुम्हें चाहा था ….तुम भी मुझसे बेपनाह मोहब्बत करते थे… फिर मेरे साथ इतना बड़ा धोखा क्यों? ??

रमन कब से चल रहा है ये सब??

रमन ने कहा मैं तुम्हें बताना चाहता था लेकिन डरता था कि तुम कैसे रिएक्ट करोगी… दरअसल करीब 2 साल पहले मेरी और चाँदनी की मुलाकात जब मैं कंपनी के काम से बाहर मुंबई गया था…. तभी हुई थी . …वो भी अपनी कंपनी के काम से वहां आई हुई थी….

जितना भी दिन मैं वहां था …हम लोग रोज मिलते थे… धीरे धीरे मुझे उसकी और उसे मेरी आदत सी हो गई. … फिर रोज फोन पर बातें करना ऑफिस के बाद कभी कभार मिल लेना अच्छा लगता था…. बस तभी से मैं और वो  रिलेशनशिप में है…. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मैं तुमसे और हमारे बच्चों से प्यार नहीं करता..

  मैं  आज भी तुम लोगों  से बहुत प्यार करता हूं…. लेकिन यह भी सच है कि मैं चाँदनी को भी चाहता हूं… तब रमा ने कहा तुम्हारे लिए कितना आसान है ना यह बोलना कि तुम चाँदनी को चाहते हो….



देखो रमन तुमने मुझे जितना धोखा देना था ….दे दिया बस अब और नहीं.. आज तुम्हें यह फैसला करना ही होगा कि तुम मुझे या चाँदनी में से किस को चुनोगे… ” क्योंकि मैं तुम्हें किसी और के और के साथ नही बांट सकती….मैं ही क्या कोई भी औरत अपना पति नहीं बांट सकती.,..

रमन ने कहा तुम्हें दिक्कत क्या है मेरा और चाँदनी का चल भी रहा है तो चलने दो तुम तो आराम से हो.. अपनी लाइफ को एंजॉय करो…. रमा ने पुछा… क्या ये तुम्हारा आखरी फैसला है…. तब रमन ने कहा हां… तब रमा ने कहा…

तुम्हारे लिए यह कहना बहुत आसान है ना कि दिक्कत क्या है… मैं आज तुमसे एक सवाल पूछती हूं…कि क्या तुम्हारी जगह मेरा किसी के साथ अफेयर चल रहा होता तो क्या तुम्हें कोई दिक्कत नहीं होती??? रमन ने कोई जवाब नहीं दिया तो रमा ने फिर कहा क्यों बोलती बंद हो गई? ? तुम्हारी खामोशी ही बता रही है कि तुम्हें बर्दाश्त नहीं होता….

फिर मैं क्यों बर्दाश्त करू सिर्फ इसलिए कि मैं एक औरत हूं… तो रमन मैं तुम्हें बता दूं कि मैं एक पढ़ी-लिखी एजुकेटेड लड़की हूं…. नौकरी करके अपना और अपनी बेटी का भरण पोषण अच्छे से कर सकती हूँ…. मुझे तुम्हारे सहारे की कोई जरूरत नहीं है…. मैं अभी इसी वक्त अपनी बेटी को लेकर तुम्हारा घर छोड़ कर जा रही हूं….

अगर तुम्हारा फैसला बदले तो तुम मुझे लेने आ जाना मैं तुम्हारे साथ खुशी-खुशी वापस आ जाऊंगी….

नहीं तो तुम तुम्हारे रास्ते मैं अपने रास्ते….

कहां सुबह रमा  इतनी खुश थी…और शाम को  खराब मूड में रोते-रोते चली गई…

रमा  ने दो बार पलट कर देखा भी की शायद रमन को अपनी गलती का एहसास हो गया और वह उसे रोकेगा..लेकिन उसने उसे नहीं रोका…

दोस्तों आपको क्या लगता  है कि रमा ने घर छोड़कर सही फैसला किया.??…. आपकी जो भी राय जरूर दीजिएगा….

अगर आपको मेरी कहानी अच्छी लगी हो तो इसे प्लीज लाइक, कमेंट और शेयर करना मत भूलिए….

धन्यवाद🙏💕

आपकी ब्लॉगर दोस्त

@ मनीषा भरतीया

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