सुनो दीदी कि शादी है,मुझे नए लहंगा चुन्नी चाहिए।
अरे अभी तो अपनी शादी को छ महीने ही हुए है,आपके पास तो बहुत सारी ड्रेसेज नई नई ही है ।
तो क्या?
दीदी की शादी रोज़ थोड़ी ना होंगी।फिर मम्मी को भी तो अपनी तरफ से मुझे कपड़े दिलाने पड़ेंगे।आखिर एक इकलौती बहू हूं।
तुम्हे तो पता है ना ?काम्या मम्मी के पास इतना ही पैसा है।
वो भी पापा के निधन के बाद उनका जो मिला बस….
तो क्या सारा दीदी के ही लगाएगी क्या?
सुनो जी आप भी उनके बेटे हो, ओर वैसे भी पापा जी के बाद तो सर्वे सर्वा आप हो गए।
आप अपनी इच्छा से कुछ भी करवा सकते हो ।
ओर क्या जरूरत है सारी पूंजी दीदी कि शादी में लगाने की हम भी तो है?
मतलब मेरी तो कदर ही नहीं है।
“आपको किस चीज की कमी लग रही है”? निलय प्यार से बोला
“कमी , कमी है, अच्छा है हि क्या”?काम्या निलय का हाथ झिड़कते हुए बोली
तुम्हारी तो कोई बात मेरे समझ नहीं आती ,चलो अभी तो ऑफिस जा रहा हूं, शाम को शॉपिंग पर चलेंगे।
शाम को निलय के आते ही काम्या एकदम तैयार थी।”चलो चाय पिलो फिर चलते है।”काम्या खुश होते हुए बोली
हा हा चलते है।
मार्केट पहुंचते ही काम्या बोली सुनो निलय अपन नया घर बसा रहे है।मम्मी की तरफ से एक L.E.D, डबल डोर फ्रिज ड्रेसिंग टेबल ,डायनिंग टेबल ये भी होना ही चाहिए।
अरे तुम फालतू की बात मत करो ,तुम्हे शादी के लिए लहंगा चुन्नी लेनी है।ले लो।
इतने में काम्या का मुंह फूल गया ।
मुझे कुछ नहीं चाहिए अब घर चलो।
ओह हो ! अब क्या हुआ काम्या?
नहीं मैने गलती कर दी ,तुमसे शादी करके।
निलय ने भी गुस्से मै बोल दिया तो खुश तो मै भी नहीं हु,तुम्हारे साथ रह कर।
दोनों आधे रास्ते से ही घर आ जाते है।
काम्या अपनी मम्मी को फोन लगाती है, ओर जोर जोर से रोने लगती है।मम्मी ये किसके पल्ले बांध दिया । मुझे, मै यहां एक पल भी नहीं रह सकती।
दम घुटता है ,यहां पर मेरा ।
मै तो आपके पास आ रही हूं , सिसिकिया रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी।
काम्या की मम्मी ने गुस्से में कहा, तुम यहीं आ जाओ।
जवाई जी से मै बात कर लूंगी।
मेरी बेटी मै कोई कमी नहीं है हीरा है, हीरा।
दिया लेकर ढूंढो के तो नहीं मिलेगी मेरी जैसी बच्ची।
आजा, कोई अच्छा सा लड़का देख लूंगी मेरी लाडो के लिए। तभी काम्या के पापा की जोर से बोलने की आवाज सुनाई देती है ” देखो लड़की की जिंदगी मै मां _ बाप का दखल उसके लिए भारी पड़ जाता है।अभी कच्ची मिट्टी का घड़ा है।अपने आप ढल जायेगा। ओर अगर हम बीच मै जाकर लात मारने की कोशिश करेगे तो फुट जाएगा।
काम्या की मम्मी बोलती है।तो क्या बच्ची को मरने दे?
नहीं मैं ये कब कहा रहा हूं भई।
पर नया घर ,नया माहौल मै ढलने का मोका तो देना चाहिए।
जब भी कोई नया सदस्य घर में आता है,तो बदलना सबको पड़ता है।
उन सबके विचार आपस मै मिलेगे तभी स्नेह पनपेगा।
प्लीज बेटी के मोह में आकर गलत सलाह मत दो।
ऐसी सलाह दो,” जिससे उसे घर को प्यार से सजाने में मदद मिले।लाओ मुझसे बात करवाओ मेरी रानी बिटिया की।काम्या की मम्मी ने फोन काम्या के पापा को देते हुए कहा
“ले तेरे पापा तुझसे बात करना चाहते है।”
हा बिटिया केसी हो।
पापा के बोलते ही काम्या फिर जोर जोर से रोने लगी।
देखो काम्या बेटा यहां आ जाओ।
पर सोचो निलय से अच्छा लड़का तुम्हे मिलेगा कहीं।
ओर चलो एक बार मिल भी गया तो उसके साथ झगड़ा नहीं होगा उसकी क्या गारंटी है।
अब तुम देखो ना तुम्हारी मम्मी और मै आज तक लड़ते है।
पर प्यार भी बहुत करते है।
ओर अब इस उम्र में तो हम एक दूसरे के बिना रहने की सोच भी नहीं सकते।
अपनी मम्मी की बातों में मत जाओ।
ये तो मां की ममता है, भावों में बह जाती है।
मेरी बात ध्यान से सुनो ” कोई भी बात हो जाय तो पहले
ठंडे दिमाग से सोचो कहीं गलती अपनी तो नहीं है।
निलय की मम्मी को भी पॉजिटिव वे मै लो।
उनकी जगह अपने आप को रख कर देखो फिर सोचो।
अब देखो आपके घर में निलय की बहिन की शादी है।
अब तुम ये सोचो ,की शादी के काम मै तुम ज्यादा से ज्यादा निलय ओर अपनी सासू मां की मदद केसे कर सकती हो।
बेटा , अपनापन छीन लेने से प्राप्त नहीं किया जाता है
अपनापन,सम्मान जितना अगले को दोगे ,उससे अधिक प्राप्त करोगे।
समझ गई ना बेटा।
ये घर तुम्हारे लिए खुला है,खुला ही रहेगा।
पर आज निलय के ऑफिस से आते ही प्यार से बात करना।
पर काम्या कहां सुनने वाली थी।
बस पापा कर दिया ना ,आपने मुझे पराया ।
अरे बेटा……।
“मत कहिए मुझे बेटा ” काम्या गुस्से में बोली।
ओर फोन रख दिया।
काम्या ने पूनः मम्मी को फोन लगा दिया।
मम्मी। मुझे आना है।
मै निलय के साथ हरगिज नहीं रहूंगी ।
ठीक है तुम आ जाओ।
आप ट्रेन का टिकिट बुक करा दो।
ओर अपना सूटकेस पैक करने लगती है।
उधर काम्या के पिताजी ने निलय को फोन कर दिया।
बेटा अभी काम्या नहीं समझेगी मै जानता हूं।तुम्हारी गलती नहीं है।पर एक बार काम्या को यहां भेज दो।
तुमसे दूर रहेगी तभी उसके समझ आएगी।
ठीक है, पापाजी।
काम्या पीहर मै पहुंच कर एकदम मस्त हो गई।
पर चार दिन बाद काम्या से पिताजी ने बात की।
काम्या तुम्हारे लिए एक लड़का देखा है।
अच्छा है।
पर…………….पापा!
क्यों क्या हुआ?
नहीं पापा वो निलय……?
अरे तलाक की चिंता मत करो वो तो मै करवा दूंगा।
पेपर तैयार है।
बस कल साइन कर देना।
क्या…….?काम्या चौक गई।
रात भर काम्या को नींद नहीं आई।
दिलो दिमाग में तो बस निलय और उसका प्यार।
फिर दो दिन बाद करवा चोथ आ रही थी।
दूसरे दिन सुबह होते ही काम्या पापा मम्मी से मिली ओर बोली मम्मी पापा सही कह रहे थे शायद निलय जैसा लड़का मुझे नहीं मिलेगा।
गलती मेरी ही थी।
घर में शादी में मदद करने की बजाय मै उनसे बिना मतलब का खर्चा करवा रही थी।
सच पापा आप ही ने तो कहां था ना।
अपनापन ओर सम्मान छिने नहीं जाते ,कमाए जाते है।जितना दोगे उतना बढ़ेगा।
फिर आप ही दूसरा लड़का……….।
नहीं पापा मै अपने घर ही, निलय के साथ ही रहूंगी।
काम्या निलय से बात करती है। निलय फोन उठाते ही कहता है मेरा घर खुला है खुला ही रहेगा तुम्हारे लिए।
काम्या हंस देती है।
तो कल आ जाऊं लेने।
हा,काम्या शर्मा के बोली ।
कल करवा चोथ भी है ।
हम दोनों साथ ही करेगे।
निलय अपनी बहिन ,मम्मी के साथ काम्या को लेने आ जाता है।
निलय की मम्मी काम्या को उसकी पसंद के लहंगा चुन्नी देती है और कहती है
” लो बेटा करवा चोथ की सर्गी की ड्रेस।
काम्या चरण स्पर्श कर लेती है।और अपने घर आ जाती है।
आज काम्या की पहली करवा चोथ थी।
निलय आज मै आपसे कुछ मांगना चाहती हूं।
हा बोलो भई अब क्या बाकी रह गया?
मुझे अपने से दूर मत जाने देना।
निलय हाथ पकड़ कर कहता है।
मेरा घर खुला है खुला ही रहेगा तुम्हारे लिए।
दीपा माथुर