Moral Stories in Hindi : मेम साहब..! कल मैं नहीं आऊंगी.. लक्ष्मी ने कहा…
क्यों कल ना तो होली है ना तो दिवाली…. फिर छुट्टी किस बात की..? पूजा ने कहा..
लक्ष्मी: कल मेरी बेटी की परीक्षा है… वह 12वीं में है ना… वैसे तो हर रोज वह अपनी सहेलियों के साथ मिलकर एक ऑटो में जाती है… पर वह ऑटो खराब हो गई है, इसलिए आज सबके माता-पिता ही उन्हें छोड़ने जाएंगे… आपको तो पता ही है मेरे पति नहीं है तो फिर कल मुझे ही जाना पड़ेगा…
पूजा: यह तुम लोग भी ना… तुम लोगों की किस्मत में पढ़ना लिखना यह सब नहीं होता, पर दुनिया से मुकाबला करने के चक्कर में इन सब के पीछे लग जाते हो, फिर बाद में करना तो वही होता है.. लोगों के घर के काम, तो फिर फालतू में इन सब में अपना समय और आमदनी क्यों गंवाती हो..? तुम्हें पता भी है 12वीं के बाद पढ़ाई का खर्च कितना है..? अब तक तो सरकारी स्कूल में पढ़ा लिया… पर आगे और कैसे पढ़ा पाओगी..? उससे अच्छा उसे अभी से घर के काम सिखाओ और मां बेटी मिलकर कमाओ…
लक्ष्मी: मेम साहब… मानती हूं हमारी किस्मत आप लोगों की तरह नहीं होती… आप लोगों को हर चीज आसानी से मिल जाती है.. पर हमें हर एक चीज के लिए लड़ना पड़ता है… पर मैं यह भी जानती हूं मेहनत किस्मत को बदलने की ताकत रखती है और मैं भी वही मेहनत करना चाहती हूं… ताकि मेरी बेटी की किस्मत मेरी जैसी ना हो… उसे मैं बदल पाऊं…
पूजा: तुम लोग यह बड़ी-बड़ी बातें तो बहुत करती हो, तुम भी यही हो और मैं भी… देखती हूं कौन सी मेहनत तुम लोगों की किस्मत बदलती है..?
उसके बाद कुछ साल बीते… धीरे-धीरे लक्ष्मी ने पूजा के यहां अब काम करना बंद कर दिया… पूजा ने भी कभी लक्ष्मी की कोई सूध नहीं ली और उसने किसी और को काम पर रख लिया… लक्ष्मी का यूं काम छोड़ देना, उसे कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ा… फिर वह भी जिंदगी में आगे बढ़ गई और इसी तरह इसी तरह कई साल बीत गए और पूजा ने भी लक्ष्मी को भुला दिया…
एक दिन पूजा का पति परेशान होकर घर आता है… उसे यूं परेशान देखकर पूजा उसे उसकी उदासी का कारण पूछती है….
मनीष: पूजा हम बर्बाद हो गए.. मेरा पार्टनर मुझसे धोखा कर गया… उसने हमारी सारी प्रॉपर्टी धोखे से अपने नाम कर ली… अब हमारे पास कुछ भी नहीं बचा….
पूजा: क्या..? पर ऐसे कैसे उसने कहीं किसी कागज पर आपके साइन लिए बिना ही यह सब कर लिया..?
मनीष: पूजा..! उसने मुझे एक नए प्रोजेक्ट के पेपर पर साइन करने को कहा और मैं उस पर भरोसा कर, उस पेपर पर अपने साइन कर दिए और बस सब खत्म हो गया… मैं अपना, अपने परिवार का गुनहगार हूं… मेरी वजह से अब मेरा परिवार भी सड़क पर आ गया… यह कहकर मनीष रोने लगा…
पूजा: आप चिंता मत कीजिए… हम किसी अच्छे वकील के पास जाएंगे… ऐसे कैसे वह हमारा सब कुछ छीन सकते हैं..? आपने कितनी मेहनत की है इन सबके लिए…
मनीष: पर पूजा वकील के फीस तक देने की अब मेरी हैसियत नहीं… अब हमारी किस्मत में सड़क की धूल फांकना ही लिखा है…
पूजा: मेरे गहने हैं ना… उसे बेचकर हम वकील की फीस देंगे… आप चिंता मत कीजिए… हमें लड़ना होगा.. इसके लिए हमें जितनी मेहनत करनी पड़ेगी करनी होगी…
मनीष: इस शहर की सबसे नामी वकील है सुरभि प्रसाद… उसने अगर हमारा कैसे ले लिया तो समझो हमारी जीत पक्की.. पर..?
पूजा: पर क्या मनीष..? हम उसी के पास जाएंगे…
मनीष: पहली तो उसकी फीस बहुत ज्यादा है और दूसरी उसका अपॉइंटमेंट इतनी आसानी से नहीं मिलता…
पूजा: फिस कि आप चिंता मत कीजिए और हम कल ही चलेंगे उसके ऑफिस में… मैं उसके पांव में गिरकर भी अपॉइंटमेंट ले ही लूंगी…
अगले दिन जब दोनों उस वकील के ऑफिस में बैठे अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे, कि तभी पूजा की नजर लक्ष्मी पर पड़ी…
पूजा: अरे लक्ष्मी तुम यहां..? अब घर के कामों को छोड़कर ऑफिस के काम करती हो क्या..? तभी मोहल्ले में तुम्हारी किसी को खबर नहीं…
लक्ष्मी: अरे नहीं मेम साहब… इससे पहले लक्ष्मी अपनी बात खत्म कर पाती रिसेप्शन में उन्हें आवाज लगाते हुए कहा… आपको आज अपॉइंटमेंट नहीं मिल सकती… आज मैम बहुत बिजी है… आप लोग किसी और दिन आना…
पूजा: नहीं नहीं… ऐसा मत कीजिए… हम सड़क पर आ जाएंगे… हमारा उनसे मिलना बहुत जरूरी है…
लक्ष्मी: क्या हुआ मेम साहब… आप बहुत परेशान लग रही है…
पूजा: लक्ष्मी अभी तुमसे बात करने का समय बिल्कुल भी नहीं है मेरे पास… यह कहकर पूजा फिर रिसेप्शनिस्ट के आगे गिड़गिड़ाने लगती है… तभी उस रिसेप्शनिस्ट को एक फोन आया और उसने पूजा और मनीष को अंदर जाने को कहा….
दोनों जब अंदर गए तो लक्ष्मी को वहां पहले से खड़ा पाया… वह दोनों हैरान बस लक्ष्मी को कभी, तो कभी सुरभि को देखे जा रहे थे…
लक्ष्मी: मेम साहब… यह मेरी वही बेटी है जिसकी किस्मत मैंने बदलने की बात कही थी… मेरी बेटी आज इस शहर की सबसे नामी वकील बन चुकी है… अब आप लोग अपनी घटना इसे बताइए… शायद यह आप लोगों की भी किस्मत को बदल सके…
पूजा आज अपनी कही हुई एक-एक बात के लिए शर्मिंदा थी, पर फिर भी उसने अपनी पूरी कहानी सुरभि को बताया… सुरभि ने ना सिर्फ उसके केस को लिया, बल्कि उसे जीत भी दिलवाई…
आज पूजा के घर के केस को जीतने की खुशी में पार्टी रखी गई थी… जहां लक्ष्मी और सुरभि भी आमंत्रित थे….
पूजा भरी पार्टी में सबसे कहती है… आज मैं आप सबसे एक बात कहना चाहती हूं… जो मैंने अपने किसी खास से सीखा है.. यह सच है कि जितना किस्मत में होता है, उतना ही मिलता है… पर यह भी एक सबसे बड़ा सच है की मेहनत किस्मत को बदलने की ताकत रखती है… कभी जो आपकी किस्मत अच्छी हो तो, उस पर घमंड मत करना.. क्योंकि किस्मत को बदलने में देर नहीं लगती और जो आपकी किस्मत बुरी हो तो मेहनत का साथ मत छोड़ना… क्योंकि खाना सामने पड़ा है… यह आपकी किस्मत ने रखा है पर, उसको अपने मुंह में डालने के लिए हाथ को तो मेहनत करनी ही पड़ेगी ना..?
यह कहकर पूजा लक्ष्मी के पैरों में गिरकर माफी मांगने लगती हैं… फिर लक्ष्मी उसे गले लगा कर कहती है… चलो आज आपकी मेहनत ने भी आपकी किस्मत बदल दी… फिर सभी वहां भावुक हो जाते हैं…
धन्यवाद
अप्रकाशित/स्वरचित/मौलिक
#किस्मत
रोनिता कुंडू