मी टाइम – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

राधिका तुम अपना सारा ‘मी टाइम'(अपना समय) इस लिखने-लिखाने में ही गंवा देती हो। घर से बाहर निकलकर भी दुनिया देखो। किसी ‘किट्टी पार्टी’ या ‘क्लब’ की सदस्य ही बन जाओ। यदि कहो, तो मैं तुम्हें ‘रेड क्रास सोसायटी’ या इन्हरव्हील क्लब’ की सदस्यता दिलवा दूं, मेरे दो मित्रों की पत्नियां इनकी सदस्य हैं।

  ज्ञक्षराधिका मुस्कुराते हुए बोली, ‘नितिन दरअसल मुझे समाज सेवा का सीमित दायरा नहीं चाहिए। मेरा लेखन मुझे मीलों दूर तक पहुंचा रहा है। यह कतिपय गण्य नहीं,अपितु अगणित लोगों के दिलो-दिमाग में मेरी पहचान बना रहा है। यह मेरी अनमोल कमाई है। अपने विचारों को दूर-दूर तक पहुँचाकर समाज सेवा के मेरे इस तरीके को किसी क्लब-सोसायटी की जरूरत नहीं है।

‌नितिन की आंखों पर चढ़ी ‘हाई सोसायटी’ की चर्बी अब पल भर में ही पिघलने लगी थी ।

उमा महाजन

कपूरथला 

पंजाब 

आंखों पर चर्बी चढ़ना

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