Moral Stories in Hindi : भाभी आप कुछ दिन के लिए वाणी को अपने पास रख लेंगी ।मुझे कुछ दिन के लिए ऑफिस के काम से बाहर जाना है जानती हूं आप को परेशानी होगी क्योंकि वाणी अभी एक साल की है ज्यादा बोल नही पाती पर आप भी एक औरत ही है तो समझ ही लेंगी मानसी अपनी भाभी जया से बोली ।
जया के दिल मै खुशी के फूल खिल उठे वाणी से उसे बहुत प्यार था क्योंकि शादी के पांच साल बाद भी मां नही बन पाने का दुख उसे मन ही मन दुखी कर रहा था उस से ज्यादा दुख लोगों ताने सुनकर होता था कैसे उसे सब ताने देते रहते है।
मानसी ने जब मां बनने की खबर दी थी तब वो बहुत खुश हुई थी लेकिन जब सास को कहते सुना की भाभी से दूर ही रहना कहीं जलन मैं कुछ उल्टा ना कर दे कहीं उसकी हाय नही लग जाए
तब उसका कलेजा फट गया था ।
मानसी पढ़ी लिखी थी उसने बात सम्हाली मां तुम एक औरत हो कर ऐसी बात कैसे कर सकती हो तुम्हे भाभी की परेशानी समझनी चाहिए और आप उल्टा सीधा बोलती रहती हो।
मां बोली सही कह रही हूं बाकी तू जान ।
मानसी मां की बात पर ध्यान न देकर भाभी के पास चली गई एक ही शहर मै रहने के कारण मानसी का आना जाना लगा रहता था जया उसका पूरा ख्याल रखती उसकी मनपसंद खाना खिलाती डिलीवरी भी मायके मैं हुई थी तो एक मां की तरह पूरी देखभाल करी क्योंकि सास तो उठने मैं असमर्थ थी पर हिदायत पूरी देती थी उन्हे लगता उनके कहने पर ही जया देखभाल कर रही है बरना अंदर से तो चीड़ ही रही है।
भाभी कहां खो गई रख लोगी ना वाणी को मानसी की आवाज से जया वापस लौटी तभी मां की आवाज आई अरे वो कहां सम्हाल पाएगी वो क्या जाने ममता क्या होती है छोटे बच्चे को ममता की ही जरूरत होती है मैं तो असमर्थ हूं पर फिर भी बता दूंगी।
जया चुप रही क्योंकि उसे इस बात की खुशी थी की वाणी उसके पास रहेगी ।
जया ने वाणी की मां की तरह ही देखभाल करी काम करते में भी उसका ध्यान वाणी पर ही रहता कभी रोती तो उसका दर्द समझ कर उसका इलाज करती सास भी महसूस कर रही थी की बहू मां नही बनी तो क्या ममता तो है उसमें उनका व्यवहार भी धीरे धीरे बदलने लगा ।
आज मानसी वापस आई वाणी को लेने तो जया की रुलाई फूट पड़ी मानसी बोली वाणी आपकी भी बेटी है जब मर्जी हो बुला लेना ।
आप भी उसकी मां ही हो तभी सास बोली हां सही कहा बिलकुल मां की तरह ममता है मेरी बहु में।
जया और मानसी दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा दी ।।
#ममता
स्वरचित
अंजना ठाकुर
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