“ममता का बंधन – सुधा जैन

 

 #यू हैव ए लविंग सन….

 

“यू हैव ए लविंग सन “डॉक्टर ने जब यह बात हम दोनों पति पत्नी से कहीं , हम दोनों के चेहरे पर मुस्कान आ गई और मैंने मन ही मन इस बात को स्वीकार किया कि मेरा बेटा हमारे  मुस्कुराने की वजह है “

पतिदेव के स्वास्थ्य लाभ के लिए बेटे शुभम के पास आए हैं ।शुभम बार-बार अपने पापा को अस्पताल ले जाना… डॉक्टर से बात करना….  दवाई समय पर देना… फल, नाश्ते ,खाने सभी का ध्यान रखना …और बड़े प्यार से अपने पापा से पूछना “पापा कैसा लग रहा है? कुछ अनईजी  तो नहीं लग रहा है….

 बहुत ही अच्छा लगता है…

 डॉक्टर साहब ने मुस्कुरा कर कहा “यू आर लकी …यू हैव ए लविंग सन… और फिर शुभम से पूछा” पापा दवाई लेने में परेशान तो नहीं करते… नाश्ता वगैरह कर तो लेते हैं…” शुभम ने मुस्कुरा कर कहा “जी सर मेरी सभी बातें मान लेते हैं….

 मैं सोचने लगी यह समय भी कितना अद्भुत है ।कभी हम बच्चों की परवरिश करते थे ,उनका ध्यान रखते थे, उन्हें समय पर सभी चीजें देते थे, और आज जब हमें जरूरत है …बच्चे हमारी सेवा में लगे हैं …सिर्फ अस्पताल ही नहीं… घुमाना… शॉपिंग करवाना अच्छे रिसोर्ट में ले जाना ….सभी कुछ अच्छा लगता है ….रिसोर्ट के मैनेजर भी बोले “सर यू हैव ए लविंग सन… अपने मम्मी पापा को घुमाने के लिए कौन लाता है? ऐसी कई प्यार भरी बातें इन दिनों सहेजी है । और ऐसा लगता है कि अगर हमारे बचपन की परवरिश और संस्कार सही हो तो प्रति फल अवश्य मिलता है। बेटा हो, बेटी हो सभी पर समान रूप से स्नेह कीजिए और स्नेह पाइए जीवन यही जीवन में मुस्कुराने की वजह बनते हैं  बेटा, बेटी ,बहू ,दामाद सभी अपना प्यार और कर्तव्य पूरा करते हैं।  हमें भी अपना प्यार समान रूप से लुटाना  चाहिए… बिना किसी भेदभाव के… ।

बेटे के यहां पर फुर्सत में छोटी मूवी देख रही थी “”

 उसमें बेटा अपनी वृद्ध विधवा मां को मकान बेचकर बहला-फुसलाकर एयरपोर्ट ले जाता है और वही छोड़कर वह विदेश चला जाता है….  मूवी देख कर मेरी आंखों में आंसू आ रहे …. बेटा मेरे पास आकर बोला ” ऐसा नहीं , हां कुछ अपवाद जरूर होते होंगे …और प्लीज आप ऐसे नकारात्मकता वाली बातें मत देखिए और सुनिए भी मत, मुझे बहुत बुरा लगता है” यह कहते हुए उसने अपना सिर मेरी गोद में रख लिया, मैं सोचने लगी सचमुच में वातावरण में इतनी नकारात्मकता बिखर गई है कि चाह कर भी अच्छा सोच नहीं पाते, पर ऐसा नहीं है …युवा पीढ़ी ऐसी नहीं है …हमारे बच्चे हमारी जिंदगी के रियल डायमंड है… और माता पिता के साथ उनका बंधन अटूट बंधन है… बस नजरिए को विकसित करने की देर है… फिर तो हर बंधन प्यार का बंधन हो जाएगा।

#बंधन

 सुधा जैन

 मौलिक रचना

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