चंचला की आंखों में आज फिर एक बार आंसू आ गए और वह अपने नित्यक्रम वाले रसोई के काम में लग गई मगर काम करते करते उसका मन पुरानी स्मृतियों पर जा अटका !!
चंचला के पिता मोहन लाल जी के दोस्त छगनलाल जी उनके परिवार सहित मोहन लालजी के घर आने वाले थे , जिसकी खबर मोहन लाल जी ने अपनी पत्नी सुधा और अपनी बेटी चंचला को दे दी थी !!
चंचला शुरू से ही बहुत चंचल , खुशमिजाज और अपनी धुन में रहने वाली लड़की थी जो सच को सच और झूठ को झूठ बोलने का साहस रखती थी !!
चंचला बोली पापा , आपके यह दोस्त अचानक इतने सालो बाद हमारे घर क्यों आ रहे हैं ??
मोहन लाल जी हंसकर बोले अरे बेटा , वह भी अपने कामकाज में व्यस्त होगा मेरी तरह ओर क्या ?? जैसे ही डोर बेल बजी चंचला दरवाजा खोलने दौड़ पड़ी और छगन लाल जी और उनकी पत्नी माला जी को देखकर उनके पांव छूते हुए बोली नमस्ते अंकल , नमस्ते आंटी !!
हालांकि चंचला उनसे काफी साल बाद मिल रही थी इसलिए साथ में खड़े शैलेश को वह पहचान नहीं पाई !!
शैलेश ने चंचला को एक प्यारी सी मुस्कान दी तो चंचला ने भी बदले में मुस्कुराहट दे दी !!
मोहनलाल जी छगनलाल जी को देखकर गले लगकर बोले आज याद आई हैं तुझे मेरी , बरसो हो गए हमें मिले !!
छगन लाल जी बोले – यार मिलने का मन तो मेरा भी बहुत होता था मगर कारोबार और परिवार में ऐसे उलझे , मिलने का समय ही नहीं निकाल पाए !!
सुधा जी ने भी माला जी और छगनलाल जी की खुब आवभगत और खातिरदारी की !!
माला जी और सुधा जी भी जल्द ही एक दूसरे से घुल मिल गए !!
छगनलाल जी के वापस अपने घर जाने का समय हो गया था वह बोले मोहन हम तुम्हारी बेटी चंचला का हाथ अपने बेटे शैलेश के लिए मांगना चाहते हैं , कुछ जल्दबाजी नहीं है , तुम सोच समझ कर जवाब देना !!
चंचला भी तभी सभी के साथ हॉल में ही खड़ी थी , जैसे ही उसने यह बात सुनी , एक नजर शैलेश को देखा , शैलेश चंचला को देख मंद मंद मुस्कुरा रहा था , चंचला तुरंत अपने कमरे में चली गई !!
छगनलाल जी के जाने के बाद मोहन लालजी सुधा जी से बोले अरे भागय खुल गए हमारी चंचला के जो छगन ने अपने बेटे के लिए हमारी चंचला को पसंद किया हैं !!
शैलेश उनका इकलौता बेटा हैं और बहुत ही होनहार भी हैं , अमेरीका से पढ़कर आया हैं और अब इनका अमेरीका में भी व्यवसाय हैं , शैलेश की इच्छा हैं कि वह अपना कारोबार देश – विदेश में फैलाएगा !!
चंचला भी अपने होने वाले भावी पति के सपने देख शर्मा गई !!
चंचला और शैलेश की सगाई हो गई , सगाई के दौरान चंचला ने शैलेश से दो तीन बार बात करनी चाही मगर शैलेश कहीं ना कही व्यस्त होता या घर पर सभी के साथ होता !! सगाई और शादी के बीच ज्यादा अंतराल ना होने की वजह से जल्द चंचला और शैलेश की धूमधाम से शादी हो गई !!
शादी की रात शैलेश चंचला को बाहों में भरकर बोला – ओह !! मॉय डॉर्लिंग यू आर लुकिंग सो ब्यूटीफुल !!
चंचला भी शर्मा गई और अपने आप को शैलेश को सर्मपित कर दिया !!
दूसरे दिन जब चंचला उठी तो देखा शैलेश उससे पहले ही उठ चुका है , उसने पुरे घर में शैलेश को ढूंढा मगर शैलेश कहीं दिखाई नहीं दिया !!
सज धजकर तैयार होकर जब वह माला जी के पास रसोई में पहुंची तो उसे पता चला कि शैलेश को अर्जेंट काम से अमेरिका जाना पड़ा !!
चंचला के तो मानो पैरो तले जमीन खिसक गई , शैलेश उसे बिना बताए ही अमेरीका चला गया था !!
माला जी बोली फिक्र मत करो बेटा !! दो – तीन दिन में वापस आ जाएगा और अब इन बातो की आदत डाल दो , आखिर हमारा कारोबार इतना बड़ा है कि शैलेश को ही देखना पड़ेगा इसलिए उसे कभी छोटी छोटी चीजों के लिए परेशान मत करना !!
अरे हां आज तुम्हारे मायके पगफेरे की रस्म के लिए तुमको और शैलेश को जाना था , एक काम करो अब तुम अकेली ही चली जाओ , मैं ड्राइवर को बोल देती हुं गाड़ी निकालने को वह तुम्हें छोड़ देगा और दो – तीन दिन वहीं रूक जाना , मैं वापस ड्राईवर को बोल दूंगी तुम्हें परसो तक वह लेने आ जाएगा !!
चंचला उदास मन से कार में बैठ गई और अपने मायके आ गई !!
चंचला के माता पिता को भी जब सब पता चला तो उन्हें भी यूं जमाई सा का चंचला को बिना बताए अमेरीका चले जाना अखरा मगर फिर भी उन्होंने चंचला को ढाढस बंधाते हुए कहा अर्जेट काम आ गया होगा जमाई बाबू को वर्ना अपनी पत्नी को बिना बताए कभी ना जाते !!
चंचला ने शैलेश को फोन किया तो शैलेश ने फोन कट कर दिया वह भी एक बार नहीं लगभग दो या तीन बार और वापस शैलेश का एक फोन ना आया !!
चंचला तो बेचारी अपने आप को मानो ठगा हुआ सा महसूस कर रही थी !!
लगभग तीन दिन बाद चंचला के ससुराल से उसे लेने कार आई जिसमें वह बैठ गई , बैठते ही ड्राईवर से बोली – भैया शैलेश जी अमेरीका से वापस आ गए क्या ??
ड्राईवर बोला हां मालकिन शैलेश बाबू कल रात ही वापस आ गए थे !!
जब चंचला अपने कमरे में पहुंची तो शैलेश उसे देखते ही बांहो भी भरकर बोला सॉरी सॉरी ड्रार्लिंग , अर्जेंट ना होता तो ऐसे बिना बताए कभी ना जाता !!
शैलेश का प्यार देखकर चंचला का सारा गुस्सा पल भर में उतर गया और वह बोली मुझे एक भी फोन तक नहीं किया तुमने , उपर से मेरे फोन करने पर बार बार कट कर दिया !!
शैलेश उसे किस करते हुए बोला समझा करो जान !! बहुत काम होता है वहां , मेरा सपना हैं कि पिताजी का कारोबार मैं देश विदेश मे फैलाऊं और उसके लिए मुझे घूमना भी बहुत पड़ता हैं , तुमने जब फोन किया तब क्लाइन्टस थे मेरे पास और वापस तुम्हें फोन नहीं किया क्योंकि मैं तुम्हें सरप्राइज देना चाहता था !!
चंचला ने शैलेश को गले से लगा लिया और बोली शैलेश फिर कभी ऐसे बिना बताए ना जाना , तुम नहीं जानते शायद मेरा इन तीन दिनों में क्या हाल हो गया था ?? मेरी जान ही निकल गई थी !!
शैलेश ने फिर माफी मांगी और बोला चलो आओ खाना खा लेते है , मुझे बहुत भूख लगी हैं !!
शैलेश का यह प्यार सिर्फ एक महिने तक ही टिक पाया होगा क्योंकि कोई इंसान ज्यादा दिनो तक नाटक नही कर सकता !!
अब शैलेश को चंचला की हर बात से दिक्कत होती थी चंचला का हंसना , खाना खाना या किसी से भी बात करना शैलेश को जाहिलो जैसा लगता और वह चंचला को हर बात में टोकने लगता , यहां तक कि शैलेश चंचला को घर की कामवाली बाईयो से तक बात नही करने देता और कहता तुम्हारा कोई स्टैटर्ड हैं या नहीं ??
किसी से भी बात करती हो , शायद मेरी ही गलती है कि मैंने तुम जैसी जाहिल और गंवार लड़की से शादी कर ली !!
चंचला बिचारी तो अपनी गलती ही नही जान पाती कि आखिर उसने ऐसा भी क्या कर दिया हैं कि शैलेश उसे इतना नीचा दिखाता है !!
शैलेश के बारबार टोकाटाकी से चंचला का आत्मविश्वास खो चुका था , उसे लगने लगा था कि शायद उसमें ही बहुत सारे दोष है !! वह हंसने मुस्कुराने वाली चंचला कही खो चुकी थी और अब बच गई थी एक बेजान आत्मा वाली चंचला जिसका शरीर सिर्फ काम कर रहा है !! तभी कामवाली बाई राधा की आवाज से चंचला की तंद्रा टूटी और उसने अपने आंसुओं पर नियंत्रण किया !!
शैलेश बार बार कारोबार के चलते अमेरीका जाता और जब जी चाहे वापस आता , अब धीरे धीरे वह चंचला से बहुत दूर होते जा रहा था बस चंचला उसके लिए मात्र वासना तृप्ति की एक मशीन बनकर रह गई थी !!
चंचला शैलेश से जब भी बात करने की कोशिश करती , शैलेश बिना जवाब दिए चला जाता या उससे नजरें चुराने लगता !!
आज शैलेश जब बाथरूम में नहा रहा था , उसका मोबाईल बजा , विडियो कॉल पर हैनी नाम लिखा हुआ आ रहा था !!
चंचला किसी लड़की की विडियो कॉलिंग देख अपने आप को रोक नहीं पाई और उसने विडियो कॉल उठा लिया मगर उस पर अपना चेहरा नहीं आने दिया , मोबाईल कॅमरा को उपर सीलिंग की तरफ रख दिया जिससे वह सामने वाली लड़की का चेहरा देख पाए मगर वह लड़की उसका चेहरा ना देख पाए !!
फोन उठते ही हैनी सामने कोई ना पाकर बोली हैलो डॉर्लिंग !! वेयर आर यू डियर ??
चंचला ने तुरंत फोन काट दिया और उसकी आंखो से आंसू टपकने लगे !!
शैलेश ने चंचला की आंखो में यह आंसू हमेशा के लिए उपहार में दे दिए थे तभी तो हमेशा बह पड़ते थे !!
चंचला जिस विवाह को सात फेरो का बंधन , स्नेह और प्यार का बंधन मान रही थी , आज उसे इस विवाह की काली सच्चाई पता लगी थी !!
चंचला रोते रोते बाहर पहुंची और अपनी सास माला जी को ढूंढने लगी मगर वे घर पर नहीं थी , उनकी कामवाली बाई राधा जो कि इस घर का सारा राज जानती थी , चंचला को यूं बेधधक रोते देख सब समझ गई !! चंचला ने उससे पूछा राधा मुझसे शादी के पहले क्या शैलेश किसी ओर से शादी करना चाहते थे ?? क्या जानती हो तुम मुझे खुलकर बताओ !!
राधा बोली – शैलेश बाबू ने यह शादी सिर्फ परिवार की खुशी के लिए की है मालकिन !!
वह तो कोई गोरी मैम लाना चाहते थे मगर उनके माता – पिता ने इस बात के लिए साफ मना कर दिया था और कहा था वे यह किसी हालत में नहीं होने देंगे मगर शैलेश बाबू ने भी कह दिया था कि भले ही आपकी मर्जी की बहु ले आओ मगर मैं है__ नी ऐसा कुछ नाम लिया था और बोले मैं उसके साथ ही रहूंगा और आपकी खुशी के लिए यहां की लड़की के साथ नाटक कर लूंगा !!
चंचला को तो मानो सांप ही सूंघ गया था यह जानकर कि मतलब इस कांड में उसके सास ससुर और पति सब मिले हुए हैं !!
इन सब लोगो ने मिलकर मेरी जिंदगी की आहुति चढ़ा दी बिना यह सोचे कि मेरा क्या होगा ??
अब चंचला ने बहुत झेल लिया था , अब सब कुछ उसकी बर्दाश्त के बाहर था !!
आज फिर उसकी आंखों में आंसू थे और उसने अपना सामान पैक किया और अपने मायके के लिए चल पड़ी !!
मायके आकर सबसे पहले उसने अपने मां पापा को सारी बाते बताई !! मोहन लाल जी और सुधा जी ने भी बेटी का साथ दिया और मोहन लालजी ने तुरंत छगन लाल जी को फोन करके अपने साथ किए गए छल का सारा गुबार निकाला !!
छगन लालजी अपनी गलती पर क्या बोलते ??
फिर सहजता से बोले – मोहन , तू चंचला को यहां भेज दे , अब अगली बार हम ऐसा सब नहीं होने देंगे !!
मोहन लाल जी बोले इतने महिनो से तो तूने अपने बेटे को एक बार भी नहीं रोका , वह मेरी बेटी का पल पल अपमान करते रहा और बार बार अमेरीका काम के बहाने जाता रहा और बेचारी मेरी बेटी जो अपने आप को ही गलत मानने लग गई थी , उसकी मनोदशा बिगड़ने लगी थी उसका क्या ??
तुम तीनों को हम लोग इस अपराध के लिए कभी माफ नहीं करेंगे और इसका हल तो अब कोर्ट में ही होगा !!
छगन लालजी बोले मोहन खानदान की थू थू हो जाएगी , प्लीज कोर्ट तक यह बात मत पहुंचाना !!
मोहन लालजी बोली छगन यह तो तुम लोगो को मेरी बेटी का हाथ मांगने से पहले सोचना चाहिए था !!
चंचला ने अपने ससुराल वालों के खिलाफ धोखाधड़ी और शैलेश के साथ तलाक का केस कर दिया जिसमें जीत चंचला की हुई !!
कोर्ट के बाहर जब चंचला ने अपने ससुराल वालो का उतरा मुंह देखा , चंचला उनके पास आकर बोली किसी के घर की लड़की आप लोगों के घर की कठपुतली नहीं होती जिसे जब चाहो जैसे चाहो नचाओगे , उसका अपना भी स्वाभिमान , अधिकार और हक होता हैं जिसे छिनने का हक किसी को नहीं !!
आज चंचला फिर से अपने आप को वही पहले वाली चंचला महसूस कर रही थी जो सच को सच और झूठ को झूठ कहने की हिम्मत रखती थी !!
दोस्तो आपको यह कहानी कैसी लगी ?? कृपया बताए और मेरी ऐसी ही रचनाओ को पढ़ने के लिए इस पेज को जरूर फॉलो करें !!
धन्यवाद !!
स्वाती जैंन