Moral Stories in Hindi : अभी रमन को दिल्ली आये एक महीना ही हुआ था, पिछले दो साल से रमन लन्दन में रह रहा था और दिल्ली की एक मल्टी नेशन कम्पनी में कुछ दिन पहले हील उसकी जॉइनिंग हुई थी । अपनी कम्पनी के पास ही उसने एक फ्लैट किराये पर ले लिया था, एक दिन अचानक ही रुचि को उसी कालोनी में देख कर वो चौंक गया,रूचि रमन के बगल वाले फ्लैट मैं ही रहती थी,
रुचि ने रमन को नही देखा था, रुचि से उसका सामना इस तरह से होगा उसने कल्पना भी नही की थी, उसका अतीत उसके सामने आकर खड़ा हो गया था करीब 8 साल पहले रमन की शादी रूचि के साथ हुई थी, वो बहुत ही शालीन और सरल स्वभाव की लड़की थी, दिखने में तो बहुत साधारण नैन-नक्श वाली थी लेकिन जो कोई भी उसके सम्पर्क में आता था उसे अपने “व्यवहार से अपना बना लेती थी, रुचि ने एम.बी. ए किया था लेकिन बिना जरूरत के उसे नौकरी करना पसन्द नही था ,आते ही उसने सारे घर की जिम्मेदारी सम्भाल ली थी।
रमन अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उन दिनों रमन अपने माता-पिता के साथ लखनऊ में ही रहता था और वहीं किसी कम्पनी में नौकरी करता था। रमन के पापा सरकारी नौकरी से रिटायर हुए थे और उसकी माँ अक्सर बीमार रहने लगी थी। शुरू मे तो सब कुछ ठीक ही था फिर रमन ने दिल्ली की किसी कम्पनी में , जॉइन कर लिया था, रमन सभी को वहाँ ले जाना चाहता था.
लेकिन रमन के माता-पिता अपना पुराना घर छोड़कर अभी उसके साथ नही जाना चाहते थे, लेकिन उन्होंने जिद कर के रूचि को उसके साथ भेज दिया था। अभी कुछ ही दिन हुए थे, रमन की माँ की तबियत अचानक बहुत खराब हो गयी थी, इसलिए रमन रुचि को कुछ दिन के लिए लखनऊ छोड़कर दिल्लीचला गया था ।इसी बीच रमन को अपने ही साथ काम करने वाली अंकिता से प्यार हो गया ।
अंकिता को पसन्द तो पहले दिन से ही करता था लेकिन अब अकिता भी उसे पसन्द करने लगी थी, और उसके शादी शुदा होने के बाद भी उसने उससे नजदीकी बढ़ा ली थी। एक दिन उसने अपने घर में भी एलान कर दिया था कि उसे अंकिता के साथ ही रहना है। अपने माँ-बाप के विरोध के बाद भी उसने रूचि से तलाक ले लिया था। हमेशा चहकती रहने वाली रुचि अब पत्थर बन चुकी थी। रमन के माता-पिता ने भी इसी कारण, अपने इकलौते लड़के से भी
नाता तोड़ लिया था। उसके बाद अकिता और रमन लंदन शिफ्ट हो गये थे अंकिता को बन्धन पसन्द नहीं था, वो ज्यादा दिन रमन के साथ नहीं निभा सकी और उसे छोड़कर चली गयी। रमन वर्तमान में लौट आता है और हिम्मत करके रुचि के घर चला जाता है और अपने ही माता-पिता की वहाँ देखकर आश्चर्यचकित हो जाता है.
रमन को देखकर उनकी आँखों में आँसू आ जाते हैं, वे ही उसे बताते हैं कि तलाक होने के बाद भी रुचि हमें छोड़कर अपने घर नही गयी और हमारे समझाने पर भी दूसरी शादी नहीं की। लखनऊ का घर बेचकर हम यहीं रहने लगे थे, अब रुचि एक कम्पनी में जॉब करती है और हमारी देखभाल भी एक बेटी की तरह करती है, तभी रुचि आ जाती है, रमन उसके सामने खुद को कितना तुच्छ महसूस कर रहा था वो खुद से आँख भी नही मिला पा रहा था,
उसकी आँखों में आँसू आ जाते हैं और रुचि के सामने हाथ जोड़कर कहता है मुझे माफ कर दो रुचि, मैं माफी का हकदार तो नही लेकिन कहकर उसका गला रूंध जाता है। वो वापस जाने के लिए मुड़ जाता है लेकिन रुचि कहती है मैं तुम्हे, तुम्हारे ही माता-पिता से अलग नहीं कर सकती, तुम्हारी याद में इन्होंने दिन-रात आंसू बहाये हैं। मैं तुम्हे माफ करती हूँ तभी उसके माता-पिता कहते हैं- तुम महान हो रुचि – सच में, माफ करने वाले का दिल बहुत बड़ा होता है।” तुम्हारे जैसे लोग दुनिया में कम ही होते हैं।
पूजा शर्मा
#माफ करने वाले का दिल बहुत बड़ा होता है