क्या मां आज नारियल वाली चटनी एकदम खराब बनाई थी आपने …..अपनी सहेलियों के जाते ही मोना मां के ऊपर खीज पड़ी और ये इतनी मुसी मुसी सी साड़ी आपकी..!! जानती हो मेरी सहेली नीरा कह रही थी कि तुम्हारी मां से ज्यादा ढंग से तो मेड रहती हैं…..!
मां खामोश थी..उसकी आंखें पनियाली हो उठीं थीं।
एक तो मां ने तेरी लंबी चौड़ी फरमाइश डोसा सांभर चटनी बनाई खिलाई सत्तू वाला शरबत बनाया पिलाया इतनी गर्मी में मां की हालत खराब हो गई और तू मां को थैंक्स कहने के बजाय ये कह रही है…. भाई भुवन तैश में आ गया।
अरे क्या लंबी चौड़ी फरमाइश कर दी थी मैने पहली बार तो मेरी सभी सहेलियां इकठ्ठी हुई थीं ऊपर से मां ने सारा इंप्रेशन खराब कर दिया अरे डोसा ही तो बनाने कहा था..!!मोना को भी गुस्सा आ गया।
खुद तो एक कप चाय नहीं बना सकती..!! भुवन फिर बोल उठा।
क्यों नही बना सकती मैं सब कर सकती हूं मां से ज्यादा अच्छे से कर सकती हूं समझे।
हां तो ठीक है कल एक दिन सुबह का नाश्ता चाय बना कर दिखा…तुझे दीदी बोलने लगूंगा।
अरे सिर्फ नाश्ता नहीं लंच डिनर सब…मोना को ताव आ गया।
ठीक है और हां कोई सहायता नहीं करेगा तेरी मां भी नहीं सोच ले .. भुवन ने चेतावनी सी दी।
अरे हां हां सहायता किसे चाहिए..!!
दूसरे दिन जब मोना सुबह सोकर उठी चाय का समय बीत चुका था।
अभी तक तो मां दो बार चाय पिलाकर नाश्ता भी बना लेती थी भुवन ने उसे देखते ही तंज कसा।
आदत के अनुसार मोना देर से सोकर उठी।रोज मां समय पर चाय पहुंचा देती थीं।
नाश्ता क्या बनाऊं सोचने में ही मोना का काफी समय चला गया.. भजिए सरल है वही बना देती हूं फटाक से।
प्याज काटने में ही उसके पसीने छूट गए … कितनी गर्मी है यहां किचन में… सब लोग मजे से कूलर में बैठे हैं भुवन कूलर इधर घुमाओ मोना ने गुस्से से आवाज लगाई।
गैस बुझ जायेगी मेरी बहन मां भी तो रोज बनाती हैं वहां पर तुम भी बनाओ जल्दी करो भूख के मारे पेट में चूहे क्रिकेट खेल रहे हैं
प्याज काट कर मोना ने बेसन ढूंढना शुरू किया उसे मिला ही नहीं।मां बेसन कहां है जोर से चिल्लाई।
नहीं मां कोई सहायता नहीं करेंगी अपने आप ढूंढो समझी भुवन ने हंसते हुए कहा ।
किसी तरह बेसन मिला तो कड़ाही चढ़ाई मोना ने।पहली ही भजिया कड़ाई में डालते ही गरम तेल छिटक कर उसके हाथ में जा लगा। ओ मां मै जल गई जल्दी आओ…वह चिल्ला उठी।
कोई नहीं आएगा बहाने मत बना भजिए बना भुवन ने झटपट उठती मां को पकड़कर बिठाते हुए कहा।
काफी मशक्कत के बाद कुछ कच्ची कुछ जली प्याज की भजिया प्लेट में रख डाइनिंग टेबल पर लाने में मोना को दिन में तारे दिखाई पड़ गए थे।
लंच टाइम में नाश्ता मिल रहा है पर शुक्र है मिला तो … भुवन ने जल्दी से मुंह में एक भजिया रखी और थू थू करके बेसिन की तरफ दौड़ पड़ा।
अब क्या हुआ इसे भाई तू नाटक मत कर इतनी मेहनत से बनाया है मैंने ..!!
तू खा के देख मेरी बहन कह मोना के मुंह में भजिया रख दी।
छी छी ये कैसा स्वाद आ रहा है जल गई है क्या मोना मुंह बिगाड़ कर बोली।
तब तक मां ने खा कर देखा।
मोना तूने बेसन की जगह सत्तू डाल दिया है इसीलिए स्वाद एकदम अलग लग रहा है ।
सत्तू…. भुवन जोर से हंस पड़ा।
मां मुझसे नहीं होगा प्लीज तुम कैसे कर लेती हो इतना सब सुबह से रात तक और ऊपर से हम इतने नखरे दिखाते रहते हैं अस्त व्यस्त बेहाल मोना मां के गले लग रुआंसी हो उठी थी।
अरे मेरी बहना तूने एकदम सही कहा इतना ही करने में तेरी हालत खराब हो गई है #दिन में तारे दिख गए अभी तो लंच शाम का नाश्ता और डिनर सब बचा है ऊपर से मेरे दोस्त इसकी सहेलियां पापा के दोस्त…..मां रोज बिना नखरे दिखाए करती रहती है…कोई थैंक्स तक नहीं कहता..!! उफ्फ मां कैसे कर लेती हो ये सब आप!!
सच में मां मुझे माफ कर दो मैं बहुत खराब बेटी हूं लेकिन आप दुनिया की बेस्ट मां हो…. थैंक यू सो मच मां..चलो ना आप बनाओ मुझे भी जोर से भूख लगी है…अब से मैं भी तुम्हारे साथ सब काम करवाऊंगी ..!!
हां मां मै भी..!!भुवन मां के गले लग गया।
हट पगले…तुम लोगों का ये प्यार ही मेरी ताकत है मेरी खुशी है..कह दोनों बच्चों और उनके अगाध प्यार को अपने आंचल में समेटती मां हंसती आंखों से पानी पोछती किचन की तरफ बढ़ गई थी..!
#दिन में तारे दिखाई देना
लतिका श्रीवास्तव