मां के लड्डू -लतिका श्रीवास्तव  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : बेटा सुन मैंने बहुत बुरा स्वप्न देखा है रात में ..मेरा दिल धड़क रहा है अभी तक तू आज मत जा बेटा कल चले जाना ….आशा बार बार अंबर से कह रही थी वास्तव में उसका दिल कुशंका से बुरी तरह धड़क रहा था

मां मेरा आज ही जाना बहुत जरूरी है इतनी मुश्किल से तो ये जॉब मिला है नहीं गया तो #गुड़ गोबर हो जायेगा … जॉब किसी दूसरे को दे दिया जायेगा …  मां तुम कोई चिंता मत करो लाओ मेरा गुड़ सोंठ के लड्डू का डिब्बा दे दो जल्दी से.. ये तेरे हाथ के लड्डू ही सारी अलाए बलाए दूर कर देंगे …काजू ज्यादा मिलाए हैं ना तुमने  हंसकर मां का ध्यान हटाने की कोशिश की थी अंबर ने और सामान लेकर स्टेशन के लिए रवाना हो गया था।

ट्रेन दुर्घटना की खबर को टीवी में लगातार लाइव दिखाया जा रहा था

आशा पड़ोस में खाना बनाने गई थी…. वहीं टीवी पर समाचार देख कर वो सहम सी गई….किस ट्रेन का एक्सीडेंट हो गया उसका दिल किसी आशंका से  फिर से तेज़ी से धड़कने लगा..पता लगाया ये तो वही ट्रेन है जिससे अंबर गया है….

उसने अंबर को फोन लगाया फोन नही लगा बार बार लगाने पर भी फोन नहीं उठाया …अब तो उसे यकीन होने लगा उसने जो बुरा स्वप्न देखा था वो सही हो गया।

कितना मना किया था आज मत जा बेटा पर सुनता ही नहीं अब मैं कहां जाऊं किससे पता लगाऊं….रोते रोते आशा का बुरा हाल हो गया था।ऐसे ही एक दिन अंबर के पिता का भी एक्सीडेंट हो गया था घर वापिस उनकी निष्प्राण देह आई थी उनकी बाइक की ट्रक से जबरदस्त टक्कर हो गई थी बाइक चकनाचूर हो गई थी।

आशा की आंखों के सामने  एक झटके में सारा दृश्य सजीव हो उठा था …आज इस संसार में मैं नितांत अकेली और असहाय रह गई हूं…बेटा भी साथ छोड़ गया….सोच ही रही थी कि तभी फोन बज उठा देखा तो अंबर का था झट से उठाया बेटा…. तू कैसा है आवाज रूंध गई थी

इस कहानी को भी पढ़ें: 

मैनेजर – भगवती सक्सेना गौड़ #लघुकथा

एकदम चंगा हूं मां आज चमत्कार हो गया मां.. अंबर चहक रहा था …मैं अपनी ट्रेन में  बैठ  गया था अपना सामान भी जमा लिया था ….खिड़की से बाहर देख रहा था कि अचानक मेरा बचपन का दोस्त समीर दिख गया.. मेरे पास आ गया और मेरा पूरा सामान निकालने लगा …चल मेरी ट्रेन में मेरे साथ…. मेरी ट्रेन पहले चलेगी … तेरी ये  ट्रेन देर से जायेगी .. तू जॉब में नहीं पहुंच पाएगा कहते हुए फुर्ती से मेरा पूरा सामान उठाकर वह अपनी ट्रेन की तरफ बढ़ गया …!

समीर की ये अप्रत्याशित हरकत मेरा खून खौला रही थी …

सब #गुड़ गोबर# कर रहा है समीर… मेरा सपना मेरा जॉब मुझे छूटता नजर आ रहा था  जब मैने देखा  जिस ट्रेन से समीर मुझे बलात उठा कर लाया था …वह धीरे धीरे रेंगने लगी और फिर रफ्तार पकड़ के चल पड़ी।

सच बता रहा हूं मां सोच रहा था तुमने इसी लिए बुरा स्वप्न देखा था कि तेरा बेटा फिर से नाकामयाब होने वाला है …और  समीर बैठ बैठे मुस्कुरा रहा था बल्कि तुमने जो लड्डू का डिब्बा मुझे दिया था उसमे से लड्डू निकाल रहा था…मेरे तो आग ही लग गई थी। आव देखा ना ताव लड्डू और लड्डू का डिब्बा दोनो उसके हाथ से छीनने लगा गुस्सा इतना था कि उसके हाथ में मेरे हाथ से खरोंचे भी आ गई….!

तभी अचानक अनाउंस होने लगा  था….उस ट्रेन के दुर्घटना ग्रस्त होने का भयानक समाचार…!

और….हमारी ट्रेन थोड़ी ही देर में  रेंगने लगी .. किसी दूसरे ट्रैक से ट्रेन को ले जाया जा रहा है…!.

समीर अब भी मुस्कुरा रहा है मां पर अब उसके साथ मैं भी मुस्कुरा रहा हूं लड्डू खाते हुए सच में आपके हाथ के लड्डू इतने स्वादिष्ट कभी नहीं लगे मुझे ….! 

#गुड़ गोबर करना#

लतिका श्रीवास्तव

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!