मां कहती थी- पूर्णिमा सोनी : Moral stories in hindi

प्रीति ने सभी काम भलीभांति समेट दिए थे। सुबह का खाना निपटाने के बाद चौका साफ कर दिया था। जब तक वो सबको खाना खिला कर, स्वयं खाना खाती, तब तक ( सासू मां) मम्मी जी के चाय पीने का समय हो जाता।

उसने चाय का भगोना चढ़ा कर सबको चाय भी पिला दिया…

सब कहते हैं, मम्मी जी थोड़ा ज़बान की तेज़ हैं…. मगर प्रीति समय से हर काम पूरा रखती, तो मम्मी जी  ने कभी कुछ कहा नहीं ( फिलहाल.. अभी तक)

इतनी जल्दी क्यों मचा रही है…

मम्मी जी ने पूछा

मम्मी जी वो मंदिर में पाठ चल रहा है, फिर शाम को कीर्तन भी है,तो बगल वाली भाभी ने बोला है कि मैं भी उनके साथ चलूं

प्रीति ने हाथ में चाय का भगोना पकड़ा हुआ था… खाली करके बाहर रखने के लिए

तो शाम का खाना कौन बनाएगा..  आकर तेरा बाप?

छन्न से भगोना गिर पड़ा.. उसके हाथ से .. वैसे वो रखने ही आई थी बाहर

इतने  तीखे व्यंग्य बाण उसने अपने मायके में किसी को बोलते नहीं सुना था.. कि किसी का कलेजा क्या, आत्मविश्वास  ही तार तार हो जाए

मैं जो दिनभर  हाड़ तोड़ कर काम करती हूं.. जितना कभी मायके में किया ही नहीं उसका यह सिला?

फिर मना दूसरे तरीके से भी किया जा सकता है…

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फिर तो यह रोज का सिलसिला हो गया

मसलन, यदि वो नाश्ता बनाए. और झाड़ू लगाने में देर हो जाए तो

इतनी देर हो गई. घर की सफाई कौन करेगा आकर.. तेरा बाप?

अभी तब कपड़े धोकर नहीं फैलाए गए?.. आकर कौन करेगा,तेरा बाप?

प्रीति अपनी नियति में ऐसी सास पाकर मुंह  बन्द कर चुप थी… अब उसने और मुंह बंद रख कर काम करना शुरू कर दिया था।

यानि कि ज़हर बुझे तीरों से बचने का तरीका।

हालांकि उसकी( अपनी मां) कहा कहती थी कि सच को सच और झूठ को झूठ बोल देना चाहिए

मगर यहां वैसा माहौल ही नहीं है मां… मैं क्या बोलूं… आपसे क्या बताऊं?

किससे क्या कहूं?

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प्रीति की गोदी में नन्ही सी बिटिया है… बड़ी ननद  ने नया घर लिया है, गृहप्रवेश की पूजा में सासू मां ने भेजना तो उसे ही चाहा था

हां हां,भई.. जो आसानी से अपनी बहू को कहीं जाने ना दे उसने

कारण अब भी नहीं समझे

अरे जाकर सब काम जो संभाल लेगी

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वो भी बगैर कुछ बोले मुंह बंद करके

और दीदी भी काम से बस बचने की ही कोशिश करती हैं… ये मम्मी जी भी बस अच्छी तरह जानती हैं

मगर बिटिया की तबियत ठीक नहीं है,और सासू मां की भी तबियत नासाज है, तो पापा जी अकेले गए हैं। प्रीति के पति  अपने काम के सिलसिले में दूर हैं….

तो अब क्या किया जा सकता है?

मम्मी जी सुबह का नाश्ता करके,चाय की भर गिलास हाथ में पकड़ कर बालकनी में बैठी चाय का लुत्फ उठा रही हैं

मगर मन तो बिटिया के घर में ही डोल रहा है

इतना काम फैला है बिटिया के घर.. कौन सब करेगा?…. कौन खाना बनाएगा?

पापा जी, करेंगे, जाकर मम्मी जी…. अपनी बेटी के घर का सभी काम… समय से पहुंच भी  गए हैं..

( कहना तो चाहा था कि,आपकी बेटी के बाप… मगर कह ना सकी…. मगर असर कुछ वैसा ही हुआ…

छन्न से  कांच की गिलास गिर कर टूट गई थी…

मम्मी जी उठकर खड़ी हो गई थीं

सही बात है, बहू के बाप के नाम को अपने घर  घर काम करने वाले नौकर की तरह, गाली की तरह इस्तेमाल करने वाली सासू मां को ( सटीक) ज़वाब मिल चुका था….

इतना ज़बान चलाने वाली सासू मां चुप क्यों हैं??

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आश्चर्य की बात है…. सन्नाटा सा क्यों पसरा है?

आखिर प्रीति ने अपनी सासू मां को  जो कहते सुना… उनसे जो सीखा.. वही तो कहा है…

किसी के मां, बाप,भाई,बहन को गाली देना नहीं है…. तो सुनने की जरूरत  भी नहीं है

आज उसने बहुत हिम्मत करके….. सच को सच और झूठ कह ही दिया

जो अपनी मां भी से सीखा था

मां कहती थीं

कि किसी को व्यंग्य बाणों से बेधना भी ग़लत. है तो….. और अपने हृदय को   आहत करने वालों की बातें सहन करना भी ग़लत ही होता है,पाप और पुण्य का अर्थ मां की सिर्फ बातों से नहीं व्यवहार से भी सीखा!

फिर भी मां ज्यादातर बातें सुन कर रह जाती थीं… अकेले में आंसू पोंछती थीं … सब समझती थीं फिर भी..

और फिर उसे अपनी बेटी को भी सिखाना ही था कि जिस तरह ससुराल में सास ससुर को माता पिता मान कर सम्मान करना है उसी प्रकार   तुम्हें जन्म देने और पालन पोषण करने वाले माता-पिता का अपमान सहना ही ग़लत है… पाप है

चुप रह कर गलत बातों को समर्थन देकर भी नहीं। क्योंकि आप चुप रह कर दूसरे के हृदय को तो कोई कष्ट नहीं देते मगर वो बातें जो आपके दिमाग में बहुत देर तक घूमती रहती हैं…. जो आपको शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार करती हैं.. उनका क्या?

अपने बात, व्यवहार, आचरण से दूसरे को तनाव नहीं देना है तो आपको तनाव देने वाली बातों का भी विरोध करना चाहिए।

 क्योंकि गलत व्यवहार करना भी नहीं चाहिए और सहना भी नहीं चाहिए, ये दोनों ही पाप हैं… एक समान!

पूर्णिमा सोनी

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1 thought on “मां कहती थी- पूर्णिमा सोनी : Moral stories in hindi”

  1. Jane kaise priti ne itne din Tak ye sab suna or bardash kiya.mai shayad pehle din hi tok deti.par sach me jispar bitati hai wahi samjhta hai.khair der ayi durust ayi😍 well-done priti👍 or priti ko banane wali ma’am apko bht badhayi 🫶🫶bht pyara likhti hain aap.as always 😘😘

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