सुरेंद्र शर्मा जी का 3 मंजिला मकान फूलों की लताओं और बिजली की लड़ियों से घिरा हुआ था.हॉल सुंदर,आकर्षक बड़े हैलोजन, डिजाइनर फूलों के टब,और फ्लोटिंग कैंडल से सजा हुआ था. पूरा मकान जगमगा रहा था.
बाहर लॉन में फूलों की सुंदर बागवानी तो थी.. साथ ही साथ शर्मा जी ने एक्सपेंसिव फूलों के ढेरों गुलदस्ते लगाकर उसे और भी सुंदर बना दिया क्योंकि आज उनके बेटे संजय की शादी का संगीत और पार्टी थी और कल शादी होने वाली थी.
घर में खुशी का माहौल था सब काम में व्यस्त थे.सुरेंद्र जी की पत्नी सीमा अपनी छोटी बहनों और देवरानी को हिदायत दे रही थी किसी भी चीज की कोई कमी ना रह जाए हमारी बहू के लिए जो सामान पैक होना है उसमें कुछ छूट न जाए…
साड़ियां, सूट ,मेकअप का सामान और 3 गहनों के सेट बराबर है ना तुम सब एक बार फिर से चेक कर लेना….नहीं तो समाधियों के सामने हमारी नाक कट जाएगी.
दीदी सब कुछ बहुत अच्छे से हो गया है हमने 4 बार चेक कर लिया है….आप निश्चिंत रहिए…..वह सिर्फ आपकी नहीं हमारी भी तो बहू है..तभी सुरेंद्र जी वहां आ जाते हैं और सीमा जी का हाथ पकड़कर उन्हें किनारे ले जाते हैं
और उनकी आंखों पर पट्टी बांध देते हैं. तब सीमा जी ऊपर से नाराज और अंदर से खुश होकर कहती हैं क्या जी आप भी…”शादी का घर है सो काम पड़े हैं” और आपको छेड़खानी सूझ रही रही है… बूढ़े हो गए लेकिन बचपना नहीं गया…..
क्यों भई बेटे की शादी करें इसका मतलब यह नहीं कि हम बूढ़े हो गए …. हम तो अभी भी जवान हैं…. और फिर अभी हमारी उम्र ही क्या है…. सिर्फ 50 के तो हुए हैं! हां मुझे लगता है कि आप जरूर बूढ़ी हो गई हैं!
अच्छा अब ये तो बताइए कि पट्टी किस लिए बांधी है?? बताता हूं ,बताता हूं ,पहले जरा आप मेरी आगोश में तो आ जाइए. अब इन दोनों बॉक्स को खोल कर देखिए कि हम आपके लिए क्या लाए हैं….
सीमा जी ने जैसे ही बॉक्स खोलें देखते ही दंग रह गई एक में बहुत ही सुंदर आसमानी कलर का लाइट लहंगा मेंचिग ज्वेलरी के साथ संगीत के लिए और दूसरा वाइन कलर का भारी सा लंहगा मेंचिग ज्वेलरी के साथ शादी के लिए….
जब कुछ देर तक सीमा जी ने कुछ नहीं कहा तो शर्मा जी ने पूछा कि आपको लहंगे पसंद नहीं आए क्या??? नहीं ऐसी बात नहीं है लहंगे तो दोनों ही बहुत सुंदर हैं….लेकिन इस उम्र में लहंगे पहनूंगी तो 4 तरह के लोग 4 तरह की बातें बनाएंगे……
अरे आपके बेटे की शादी है…आभी नहीं पहनेंगी तो कब पहनेंगी… क्यों आपको अच्छे से सजने संवरने का मन नहीं है…वो बात नहीं है….तो क्या बात है?? लोग क्या कहेंगे!! पहनना ,
ओढ़ना इंसान को अपनी मर्जी से करने का हक है…इसमें लोग बीच में कहां से आ गये…और जिन्हें आपका पहनना , ओढ़ना पसंद ना हो…. वो जा सकते हैं…. आप समझते क्यों नहीं… वैसे भी अब तो बहू बेटियों के पहनने के दिन हैं….
संगीत और शादी दोनों दिन के लिए भारी साड़ी मैचिंग ज्वैलरी के साथ ला कर रखी है…. मैं वही पहन लूंगी…. देखिए सीमा लहंगे तो आपको पहनने ही पड़ेंगे वैसे भी मैं तो आपके रूप का कायल हूं….
मुझे तो आप आज भी २६ साल पहले वाली सीमा लगती है…..जिसकी शरबती आंखें,लाल -लाल पंखुड़ियों जैसे होंठ, लम्बे काले घने बाल,गोरा रंग जिस पर मेरा दिल अटक गया था…. सोच लीजिए अगर आपने लहंगे नहीं पहने तो मैं आपसे नाराज हो जाऊंगा…
और हां मैंने दोनों दिन के लिए ब्यूटी पार्लर वाली को भी बोल दिया है वह ठीक 3:00 बजे आ जाएगी और आधे घंटे में आपको तैयार कर देगी… अच्छा ठीक है बाबा जैसा आप चाहते हैं वैसा ही मैं करूंगी….
वैसे कैटरिंग वालों को तो आपने फोन कर दिया ना वह भी तक आए नहीं है …सुबह के 10:00 बज गए…… अरे हां वो ठीक 11:00 बजे आ जाएंगे … संगीत और पार्टी सांय 6:00 बजे से स्टार्ट है….
आप फिजूल की टेंशन ना ले…. आप तो बस थोड़ी देर मेरे पास बैठ जाए…. आप भी ना वहां मेरी बहनें और मेरी देवरानी अकेले काम कर रही है और मैं यहां क्या सोचेंगी??
वैसे ही शादी का घर जितने भी काम कर लो फिर भी कुछ ना कुछ काम निकल ही जाता है….कहकर वह शर्मा जी से हाथ छुड़ाकर भाग गई |
दोस्तों आपको क्या लगता है कि उम्र बढ़ने से इंसान को अपने मनपसंद कपड़े पहने का भी अधिकार नहीं है….वो भी तब जब उसके जीवन का अहम दिन हो….लोग क्या कहेंगे ये सोचकर वो अपने मन को मारकर लोगों की पसंद के हिसाब से चलें…
मुझे तो ऐसा नहीं लगता आप लोगों की जो भी राय है प्लीज मुझे कमेंट करके जरूर बताएं…. और मेरा ब्लॉग पढ़कर पसंद आया हो तो प्लीज इसे लाइक और शेयर जरूर करें… आप चाहें तो मुझे फॉलो भी कर सकते हैं मेरी अन्य कहानियां पढ़ने के लिए.
धन्यवाद
©® मनीषा भरतीया