लड़के वाले सीजन -3 (भाग – 1) : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अभी तक आप सबने “लड़के वाले” कहानी के सीजन  -1 और सीजन  -2 में पढ़ा कि नरेश जी के लाला उमेश का ब्याह भुवेश जी की लाली शुभ्रा से तय हो गया हैँ…. दोनों की सगाई भी 16 अक्टूबर को अच्छी तरह से सम्पन्न हो गयी हैँ…. खैर कई उतार चढ़ाव भी आयें कहानी में…. उमेश नरेश और वीना जी का सगा बेटा नहीं हैँ.. उन्होने एक अनाथ बच्चे को अपना नाम दिया… आज वो लड़का फौज में भर्ती हो गया हैँ…. सबकी आँखों का तारा हैँ उमेश… इधर शुभ्रा की दो बहनें हैँ… एक भाई विक्की हैँ… शुभ्रा के दादा जी का भी दूसरा जन्म हैँ… वो गुसलखाने में गिर गए थे सगाई से कुछ दिन पहले … पर सभी घर वालों की सेवा से जल्द ही ठीक हो गए…. पर अभी भी चलने फिरने में उन्हे किसी का सहारा लेना पड़ता हैँ…. सगाई होने के बाद उमेश के घर वाले अपने घर पहुँच चुके हैँ…..

अब आगे….

अच्छा.., पापा अब हम निकलते हैँ…. 11 बजे की ट्रेन हैँ…. उमेश अपनी सगाई की शेरवानी उतारते हुए बोला….

अरे आज तो रुकों तुम सब….घोड़े पर सवार होकर आयें हो….सभी रिश्तेदार घर पर हैँ आज…ऐसे अच्छा नहीं लगता बेटा….उमेश के पिता नरेशजी बोले….

पापा… मुझे भी पता है … पर क्या करूँ मजबूरी हैँ… फिर 20 दिन बाद छुट्टी लेनी हैँ 15 दिन की….शादी के लिए… भोपाल जाने में ही एक दिन लग जाता हैँ….

ठीक हैँ… जाने दीजिये ना … आप कुछ कह देते हो तो वैसे ही मेरा बच्चा परेशान हो जाता हैं … हमारा बस चले तो हम इसे कभी जाने ही ना दे… अपनी आँखों के सामने ही रखे…. अभी इधर छुट्टी बचा लेगा तो उधर शादी में ज्यादा ले लेगा…. वीना जी नरेश जी को समझाते हुए बोली…

बेटा अब कब आयेगा शादी से कितने दिन पहले … बताता जा…

18 नवम्बर को अगर छुट्टी मिल गयी तो तभी आ जाऊँगा माँ ….

चल उमेश अब निकल बे … लेट हो ज़ायेंगे…. उमेश का दोस्त विक्रम बोला….

लाओ भाई बैग दो आप लोग अपने … गाड़ी की डिग्गी में रख दूँ…. समीर उमेश के बैग उठाते हुए आगे बढ़ रहा हैँ….

ये लो तुम लोग अपने अपने डिब्बे … लिफाफा तो सबको मिल गया था ना नारायण जी के यहां से…..

हां आंटी मिल गए थे…. राहुल हां में सर हिलाता हुआ बोला….

तुम लोग भी इतनी जल्दी में जा रहे हो… फल की डलिय़ां अभी गाड़ी में ही हैँ… फल रख देती एक एक बैग में… अच्छा रुको….. मैं थोड़े से फल निकाल लाती हूँ….

रहने दो माँ…. क्यूँ परेशान हो रही हो….फल यूनिट में हम खाते रहते हैँ…

ये आपकी ससुराल के हैँ दादा….. ये स्वाद यूनिट वाले फलों में कहां … उमेश की बहन अपनी 4 महीने बच्ची को गोद में लिए हुए बोली…

तो दीदी आपने भी खूब खाये होंगे अपने ससुराल के फल क्यूँ ….

उमेश अपनी बहन से मजाक करता हुआ बोला….

देखो ना माँ… दादा कैसे बोल रहा हैँ….. मैने खाये थे कहीं फल … मेरा तो पेट ही खराब हो गया था….

हां ज्यादा खा लिए होंगे दीदी….

बस बस…. अब हंसी मजाक तो चलते रहेंगे…. अब चलो सब लोग… लेट हो जाओगे …. नरेश जी आगे बढ़ते हुए कहते हैं ….

पापा रुकिये…. भाई और सभी लोगों को टीका तो कर दूँ…. बहन ज्योति टीका की थाली लिए हुए आगे बढ़ती हैँ…….

लो दी… सबसे पहले मुझे करों टीका फिर तो…आपके भाई उमेश को हर मुसीबत से तो मैं ही बचाता हूँ…. उसका बॉडी गार्ड जो हूँ मैं ….. राहुल अपना सर आगे की तरफ करते हुए बोला….

सारी मुसीबतें होती भी तेरी वजह से ही हैँ…. उमेश राहुल को घूरकर देखते हुए बोला….

लाओ भईया… आपका ही टीका करती हूँ पहले .. बेटी को बुआ जी को पकड़ाते हुए ज्योति ने सबका टीका किया…. और दही खिलाया ….. उमेश को टीका लगाते हुए ज्योति की आँखों में आंसू आ गए….

अरे दी …. आप भी … ज़ाते ज़ाते ईमोशनल कर रही हो….. जल्दी आऊंगा….

दादा भाभी बहुत किस्मत वाली हैँ… जो आप जैसा जीवनसाथी उन्हे मिल रहा हैँ…..

ये बात तो बिल्कुल सही कहीं दी… हमारा उमेश सच में लाखों में एक हैँ….

विक्रम उमेश की पीठ पर हाथ मारते हुए बोला….

सभी लोग बाहर आ चुके हैँ…. उमेश और उसके दोस्तों ने सभी बड़ों के पैर छूये …. सबका आशिर्वाद लिया…. बहनोई , बुआ, फूफा, चाचा , चाची ताई , ताऊ जी, मौसा मौसी, नाना नानी, ऐसा कोई रिश्तेदार नहीं था जो मौजूद नहीं था…..

तुम सबको शादी में भी आना हैँ… और हां ये कार्ड लेता जा उमेश अपनी यूनिट के सभी साहब और बाकी दोस्तों को भी दे देना….

ताऊ रमेशजी उमेश को कार्ड देते हुए बोले….

जी ताऊ जी…..

समीर गाड़ी बढ़ाता हैँ…..

स्टेशन आ चुका हैँ… सारा सामान सीट पर आ गया हैँ….

ठीक हैँ भाई मैं चलता हूँ …

ठीक से जाना छोटे …. रात ज्यादा हो गयी हैँ…. ट्रैफिक काफी होगी….

जी भाई… समीर सभी के पैर छूता हैँ और गले लगता हैँ….

ट्रेन चल रही हैँ… लोग थक चुके हैँ…. खर्राटे लेते हुए सो रहे हैँ….

यूनिट में सभी अपने काम में लग गए हैँ…. उन्हे आयें हुए 15 दिन हो चुके हैँ….

राहुल दौड़ता हुआ उमेश के पास आता है …

अबे तुझे पता भी हैँ आज करवाचौथ हैँ…

हां , तो मैं क्या करूँ ….. उमेश अपने काम में लगा हुआ हैँ…

तो व्रत ब्रत नहीं रख रहा तू भाभी के लिए….

तेरा दिमाग खराब हो गया हैँ…. मैं क्यूँ व्रत रखूँगा … वो तो लड़कियां रखती हैँ…. और शुभ्रा भी क्यूँ रखेगी…. शादी के बाद रखते हैँ….

अरे आज कल तो मोडर्न जमाना हैँ… सब लोग रखते हैँ…… मेरी वाली ने तो रखा हैँ….

और तूने ??

रखा हैँ ना …. राहुल सेब खाता हुआ बोला….

उमेश ठहाके मारते हुए बोला….. तू तो एप्पल खा रहा हैँ….

हां तो फल तो खा सकते हैँ….

कमीने इस व्रत में एक बूंद पानी भी नहीं पीते …. बड़ा आया व्रत रखने वाला…..

आज कल सब ऐसे ही रखते हैँ…ले तू भी खा एप्पल. .. मैं चला …गाड़ी लेकर जानी हैँ…..

राहुल उमेश को एप्पल पकड़ाकर चला गया… उमेश खाने ही वाला था कि उसने कुछ सोचा औए एप्पल को साइड रख दिया ….

शुभ्रा को फ़ोन लगाया… दूसरी बार में शुभ्रा ने फ़ोन उठाया…

हेलो…. आज़ सुबह सुबह ही मेरी याद आ गयी आपको….

शुभ्रा बोली…

हां…. क्यूँ तुम्हे फ़ोन करने के लिए भी टाइम देखना पड़ेगा….. .

जी नहीं….. वो तो बस मैने ऐसे ही पूछा. … आप बताईये क्या कर रहे हैँ?? नाश्ता किया….

मैने कितनी बार बोला हैँ तुमसे शुभ्रा कि मुझे उमेश बोला करों … पर तुम नहीं मानोगी…. कोई नहीं मेरे पास आ जाओ हमेशा के लिए…. तब तुम्हारी क्लास लेता हूँ…. बस नाश्ता करने जा ही जा रहा था… तुम्हे पता है आज क्या हैँ ??

आपका बर्थ डे हैँ क्या ?? सोरी … आपने मुझे बताया ही नहीं ना तो कैसे पता चलेगा…. अगली बार से याद रखूँगी …

कितना बोलती हो…. मेरा बर्थ डे नहीं हैँ आज…. तुम बुद्धु हो य़ा बुद्धु बनने का नाटक करती हो…. उमेश झल्लाता हुआ बोला..

शुभ्रा जो कि हर छोटी छोटी बात पर रो ज़ाती हैँ… फिर ऊमेश् की तेज गुस्से वाली आवाज सुन रोने लगी….

अरे नहीं नहीं शुभ्रा…. रो मत यार…. मैं तो भूल ही गया कि आंसू तुम्हारी आँखों में निकलने के लिए बैठे ही रहते हैँ… सोरी शुभ्रा… वो तो बस मैं ऐसे ही बोल रहा था….

क्या हैँ फिर आज…. मुझे नहीं पता … आप बता दीजिये प्लीज…. शुभ्रा अपने आंसू पोंछते हुए बोली….

मेरी प्यारी, मासूम शुभ्रा…. आज करवाचौथ हैँ…. पता हैँ ना ये क्या होता हैँ…

शुभ्रा शर्मा जाती हैँ…. जी जानती हूँ…घर की सभी औरतों ने आज व्रत रखा हुआ हैँ… मैं काम करवा रही हूँ…… जैसे सब लोगों पर ज्यादा काम ना पड़े… नहीं तो सभी को प्यास लग जायेगी….

तुम भी अगली साल से रखोगी ना मेरे लिए ये व्रत ?? बोलो शुभ्रा….

जी….. सभी शादीशुदा लोग रहते हैँ…. सुनिये …. मैने भी..

क्या तुमने भी रखा हैँ आज व्रत ?? सच में….

हां…. सबसे छुपाकर रख तो रही हूँ… कब तक रख पाऊंगी पता नहीं ….

अच्छा… तो मेरी शुभ्रा अभी से अपने उमेश को इतना प्यार करने लगी हैँ…. उमेश को अपना पति मानने लगी हैँ…. क्या बात हैँ…. कोई मेरे लिए भी व्रत रख रहा हैँ… कितनी अच्छी फीलिंग आ रही हैँ…

जी…. आप बस अब मेरे हैँ… और मैं आपकी…. समझे … किसी भी लड़की की तरफ नजर उठाकर भी देखा आपने तो सोच लीजियेगा ….

उफ़…. सच में…. मैं तो सात जन्मों तक तुम्हारा हो गया हूँ…. अब कोई चाहकर भी मुझे तुमसे अलग नहीं कर सकता… तुम्हे पता है मैने भी तुम्हारे लिए…..

धत … लड़के नहीं रहते ये व्रत …. आप मुझ पर पाप मत लगाईये ….

क्यूँ पत्नी पति की लम्बी उम्र के लिए रख सकती हैँ व्रत तो पति क्यूँ ….

जी…. फिर भी नहीं रखते पति ….. अच्छा सुनिये … फल खा लीजियेगा ,,, पानी भी पीते रहियेगा….

तुम तो नहीं पियोगी ना फिर मैं कैसे….. अच्छा सुनो शुभ्रा … काम से बाहर जा रहा हूँ…. दोपहर को फ़ोन करता हूँ तुम्हे … पर एक बार आज तो बोल दो यार ….

जी…. नहीं बोला जाता… मेसेज कर दूँ??.

नहीं… बिल्कुल नहीं…. मेसेज में वो फीलिंग नहीं आती … तुम बोलो ना शुभ्रा… हमेशा परेशान करती हो….

शुभ्रा बोलती ही हैँ…. आई लव यू …. आई लव यू सो मच …. तभी पीछे से ताई जी कमर पर हाथ रखे खड़ी हुई शुभ्रा को घूर रही हैँ… वो गुस्से में बोलती हैँ….

आगे की कहानी कल….

तब तक के लिए करवाचौथ का त्योहार मनाइये … और जो भी पुरूष वर्ग ये कहानी पढ़ रहा हैँ…. अपनी पत्नियों के काम में आज के दिन थोड़ा सहयोग कर दीजियेगा … बिना पानी के व्रत बहुत मुश्किल होता हैँ…. और हां सभी समय से घर ज़रूर पहुँच जाईएगा….

जो भी महिला वर्ग हैँ वो व्रत के दिन बिल्कुल गुस्सा ना करें …. दिन में ना सोये …. पकवान बनाये… पूरे विधि विधान से पूजा पाठ करें ….. बोलो करवा चौथ माता की जय

मीनाक्षी सिंह की कलम से

आगरा

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