Moral Stories in Hindi :
जैसा कि आपने कहानी में अभी तक पढ़ा कि शुभ्रा और उमेश की शादी की डेट फिक्स हो गयी हैँ… उन दोनों की आपसी बातचीत भी बढ़ रही हैँ… वो जीवन के सबसे खुशनुमा दौर से गुजर रहे हैँ… शुभ्रा का पेपर हैँ इस वजह से वो दो दिन तक उमेश ने बात नहीं कर पायेगी …. उमेश बोलता हैँ अच्छा ठीक हैँ शुभ्रा तुम एक बार वो बोल दो… शुभ्रा अंजान बनने का नाटक करती हैँ… तभी उमेश को परेशान देख शुभ्रा बोलती हैँ… ठीक हैँ उमेश जी… गुस्सा मत होईये … बोलती हूँ…
अब आगे…
जी… तीन बज गए .. ओटो आ गया.. मैं चलती हूँ…
अरे ज़ाते ज़ाते एक बार बोल तो जाओ यार… बहुत परेशान करती हो …
जी सहेलियां खड़ी हैँ… मेरी तरफ ही कान लगे हैँ उनके… अच्छा अपना ख्याल रखियेगा… और उस डेट वाली से दूर रहियेगा… समझे. ..
अच्छा जी…. जलन हो रही हैँ…
सुनो शुभ्रा.. आई लव यू … उमेश एकदम से जल्दी से बोल गया……
जी क्या कहां आपने??
तुमने नहीं सुना ना … ठीक हैँ रहने दो… अब मैं भी नहीं बोलूँगा….
जी आप तो नाराज हो गए हैँ..अच्छा चलती हूँ…ज्यादा मेरे बारें में मत सोचियेगा…बाय बोल फ़ोन काट देती है शुभ्रा…..
अब मैडम करें फ़ोन मंडे को… बिल्कुल नहीं उठाऊँगा ….
यह बोल आर्मी गाड़ी का गेट बंद कर उमेश बैठ जाता हैँ…
सभी लोग मेस पहुँचते हैँ… जहां आज बड़ी मेस का आयोजन होगा… यह आर्मी में लगभग हर माह ही होती हैँ.. सभी लोग तैयार होकर ज़ाते हैँ….तरह तरह के मनोरंजक प्रोग्राम होते हैँ… वेज नोनवेज , स्टार्टर, ड्रींक्स हर तरह के खाने पीने का इंतजाम होता हैँ… ज़िनके क्वार्टस सबसे साफ सुधरे होते हैँ उन लेडीज को इनाम मिलता हैँ…कई तरह की प्रतियोगितायें होती हैँ…कुल मिलाकर बहुत मज़ा आता है …
सभी लोग कुरसी पर बैठे हुए हैँ.. स्टेज पर कार्यक्रम शुरू हो चुके हैँ… उमेश और राहुल भी कुरसी पर बैठे कोल्ड ड्रींक्स का मज़ा ले रहे हैँ..
यार अच्छा हुआ तू उस कामिनी मैडम के जाल से निकल आया… बहुत बड़े लेवल की चालाक औरत हैँ वो… राहुल उमेश से बोला…
तभी सामने से सिल्क की पीले रंग की खुले पल्ले की साड़ी पहने हाथ में भरी भरी चूड़ीय़ां , होंठों पर लाल लिपिस्टिक , गहरा काजल लगाये ,एक हाथ में पर्स पकड़े दूर से एक लेडी उमेश और राहुल की तरफ आतें दिखी…..
यार ये कौन है जो हमारी तरफ बढ़ी चली आ रही हैँ… राहुल उमेश से बोला…
हां यार.. जानी पहचानी सी शक्ल लग रही हैँ…
जैसे ही वो लेडी और पास आयी… उमेश चिल्लाया ये तो वहीं आफत हैँ… चल उठ… अंदर चलते हैँ.. उमेश राहुल का हाथ पकड़ उठाने लगा….
राहुल और उमेश बस उठे ही थे तभी कामिनी मैडम पास आ चुकी थी…
तुम लोग कहां जा रहे हो?? क्या मुझे देखकर…
उमेश ने अपना मुंह फेर लिया.. अपने फोन पर व्यस्त होने का नाटक करने लगा…
देखो उमेश… मैं उस दिन के लिए माफी मांगने आयी हूँ… पता नहीं मुझे क्या हो गया था उस दिन … तुम्हे अपने से दूर जाता देख बर्दास्त नहीं कर पायी इसलिये उस समय जो ठीक लगा वो किया…
छि मैडम… आप तो बहुत कमज़ोर है … किसी के चरित्र पर दाग लगा जबरदस्ती कर आप प्यार हासिल नहीं कर सकती…. आपको पता ही नहीं कि प्यार क्या होता हैँ?? उमेश गुस्से में बोला…
तभी तो तुम्हारे पास आयी हूँ उमेश… मुझे तुमसे जानना हैँ कि प्यार क्या होता हैँ…. एक बार मुझे अपना बनाकर तो देखो….
कामिनी मैडम बस उमेश को निहारे जा रही थी और बोलती जा रही थी…
आपको पता है ना मैडम….मेरा दोस्त इंगेज्ड हैँ… फिर भी आप उसके पीछे हाथ धोकर क्यूँ पड़ गयी हैँ…. राहुल कामिनी मैडम और उमेश के बीच में आता हुआ बोला….
अभी इंगेज्ड ही हैँ ना … शादी हुई तो नहीं…. मुझसे खूबसूरत नहीं हैं वो….कामिनी मैडम घमंड से बोली…
जी…. ये आप बड़े लोगों के यहां चलता होगा कि दस बार इंगेज्ड हो जाओ फिर शादी कर लो. .. फिर उससे मन भर जाए तो डायवोर्स देकर किसी और के पास चले जाओ… माफ कीजियेगा… मेरे संस्कार ऐसे नहीं… ना ही मैं इतने बड़े घर से हूँ… ज़िस जीवनसाथी को परिवार वालों ने मेरे लिए चुना वो मेरे लिए बेस्ट हैँ…. तो आप कहीं और जाईये … यहां टाइम वेस्ट करने का कोई फायदा नहीं… चल राहुल अब चल… उमेश यह बोल राहुल के साथ आगे बढ़ गया…
इसे तो मैं देख लूँगी… कामिनी मैडम ने वेटर को आवाज लगायी…. उन्होने उसे पैसे दे कोल्ड ड्रींक के साथ शराब मिला दी… इशारा किया कि उसे उस साहब को दे आयें जो वहां खड़े हैँ…..
वो वेटर उमेश के पास आ गया… एक साहब स्टेज पर कोमेडी डांस कर रहे थे… सभी लोगों की नजर बस उन्ही पर थी.. कोई सीटी बजा रहा था कोई ताली…. कोई साथ में ठुमके लगा रहा था….
उमेश और राहुल भी डांस करने में मस्त थे… बेचारे ये फौजी आदमी इतने भारी जूतें और वर्दी पहने बस इन्ही पलों में अपने जीवन को जी लेते हैँ… और थोड़े समय के लिए परिवार की यादों को भूल जातें हैँ…बाकी तो पूरा दिन वो ज़ितनी मेहनत करते हैँ वो आम आदमी के बस का नहीं… तभी तो मेरे मामा जी भी सेना में भर्ती होने के बाद भी वहां का टाईट श्ड्यूल देख अपना बोरिया बिस्तरा उठा उल्टे पांव घर को लौट आयें थे.. गरियाएं भी बहुत गए पर ये गालिय़ां उन्हे आर्मी की कठिन नौकरी से मधुर ही लगती थी…
वो वेटर उमेश के पास आया.. उसे शराब वाली ड्रींक हाथ में पकड़ाकर चला गया…. उमेश अपनी धुन में मस्त पता नहीं कितनी ड्रींक पी गया… अब उमेश को चक्कर आने लगे थे…
राहुल ने उसे गिरता देख संभाला…
उमेश बोला.. चल यार…रूम पर चलते हैँ….
राहुल उमेश को पकड़ बाइक पर बैठा रहा था पर उमेश पर बैठा नहीं गया… तभी मैडम कामिनी अपनी फोर व्हीलर से सामने से आयी…
ओह ये उमेश को क्या हुआ… लगता हैँ इसकी तबियत बिगड़ रही हैँ… सुनो राहुल बाइक य़हीं छोड़ दो… मेरे साथ गाड़ी में उमेश को लेकर बैठ जाओ… होस्पिटल चलते हैँ… देर मत करो…
बेचारा राहुल अपने दोस्त की अचानक से ऐसी बिगड़ती हालत देख घबरा गया… उमेश को लेकर मैडम कामिनी की गाड़ी में बैठ गया…
इधर उमेश के फ़ोन पर शुभ्रा मेसेज पर मेसेज कर रही थी… जब मेसेज का जवाब नहीं मिला तो घबराकर उसने उमेश को फ़ोन लगाया… फ़ोन उमेश की जेब में था…मैडम कामिनी ने फ़ोन पर जान लिखे देखा तो तुरंत फ़ोन उठा लिया..
शुभ्रा बोली… हेलो…
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