नहीं नहीं ..
मुझसे नहीं होगा माँ जी…
सुलेखा ने झिझकते हुए अपनी सास शारदा देवी से कहा…
क्यूँ नहीं होगा….भला
और इसमे हानि ही क्या है….
क्या लड़कियाँ दुकान नहीं चलाती…व्यपार नहीं करती..??
पर माँ जी लोग क्या कहेंगे..??
फिर आस पड़ोस एवं मुहल्लों वालों का क्या ..??
किस किस को जवाब देंगी मैं और आप…
अभी महीने भर नहीं हुए बब्लू के पापा को गुजरे…
और मैं दुकान पर बैठूँ…
बड़े शहरों की बात और है….लेकिन हम छोटे शहर में रह रहें…जहाँ छोटी से छोटी बात..घड़ी भर में बड़ी रूप ले लेती है..
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बहुत फिक्र हो रही सबकी…?
लोग क्या कहेंगे.. क्या सोचेंगे..?
ठेंगा सोचेंगे…
शारदा देवी ने मानों मुँह चिढाते हुए बहू से कहा
बड़ा छोटा कुछ नहीं होता…पेट सबका बराबर होता है
कहाँ गए सब,…?
जब दाने दाने के मोहताज हुए हम..
पति चल बसे मेरा बेटा चल बसा…
बस दो बूँद आँसू बहा गए सभी
बाद कोई देखने या पूछने तक नहीं आया…
किस हाल जी रह़े हम…जिंदा भी हैं या मर गए..?
अभी तो दुकान में पड़े रासन के समान काम आ रहें..लेकिन आगे…क्या… घर घर बर्तन मांजेंगी हम तुम..?
नहीं माँ जी ऐसा न कहें…
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तो और क्या कहूँ…मैं या तू इतनी पढ़ी लिखी तो हैं नहीं कि कोई दूसरा काम कर लें..
फिर मैं तो हूँ ही हाँथ बटाने को…
दूसरी दूर तो जाना नहीं..
घर की दुकान घर के आगे ही है..
मृत पति का बंद मनिहारी दुकान सँभाल लेगी तो कुछ तो बिक्री होगी..दो पैसे तो घर आऐंगे..
पर माँ जी…..??
पर वर कुछ नहीं… भगवान का नाम ले और दुकान का सटर उठा…
लोगों की चिंता छोड़…लोगों का क्या…लोग तो कुछ न कुछ कहेंगे ही….उनका तो काम ही कहना है…
खुद की चिंता कर…
घर वार भी तो चलाना है…कब तक यूँ ही…चलेगा..फिर मैं हूँ न…जब मुझे आपत्ति नहीं तो जमाने का क्या..?
कोई कुछ कह के तो दिखाए…मुँह न नोंच लूँ..उसकी
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शारदा देवी ने यह बात बहू सुलेखा से कुछ इस तरह कहा कि सुलेखा के होठों पर मुस्कान आ गई…और साथ म़े हिम्मत भी..
अतः सुलेखा ने सास की बात मान ली…और दुकान चलाने का फैसला ले लिया..
अगले ही दिन शारदा देवी ने जन रख दुकान साफ सुथरा करवा डाली
और दूसरी सुबह सुलेखा ने दुकान के आगे अगरबत्ती जलाई… पूजा अर्चना की नारियल फोड़ा..और बंद दुकान की सटर उठा दी..
सोच रही थी…
उसकी सास उसके साथ है तो फिर वो क्यूँ और किसकी फिक्र करे..्…क्यूँ चिंता करे कि लोग क्या सोचेंगे और क्या कहेंगे..
सास ने सही कहा.. लोग तो कहेंगे ही…लोगों का काम है कहना…
विनोद सिन्हा “सुदामा”