रुबीना एक दिलकश और खुशमिजाज लड़की थी।जो अपनी खाला के लड़के रशीद के साथ मंगनी के बंधन में बंधी थी।रुबीना की खाला नुसरत भी उसपर प्यार लुटाती थी क्योंकि उनके शौहर का इंतकाल रशीद के बचपन में हो गया था और राशिद की मां और बड़ी बहन आमना ने मेहनत कर के घर का ख्याल रखा
क्योंकि तब रशीद और उसकी छोटी बहन नजमा स्कूल में पढ़ते थे।वो और रुबीना एक ही मोहल्ले में रहते थे।पर अचानक ही रुबीना की खाला नुसरत की लाटरी लग गई और उनके तेवर ही बदल गए अब वो एक बड़े से पोश एरिया में चले गए।रशीद की जॉब दुबई में लग गई और राशिद की बड़ी बहन आमना की शादी हो गई।
बहुत अच्छे परिवार में उसका रिश्ता हुआ पर वो किसी ओर को चाहती थीं इसलिए वो उन लोगों के साथ अच्छा व्यहवार नहीं करती थी। वो छुप छुप कर उस लड़के से मिलती थी।उसका नाम शाहिद था वो कोई काम नहीं करता था एक्टिंग में कैरियर बनाने की कोशिश कर रहा था।उसके छोटे मोटे खर्चे आमना ही उठाती थीं।
उसकी मां उसे हमेशा कहती ससुराल में बसने की कोशिश कर पर वो हमेशा किसी ना किसी बात पर लड़कर घर आ जाती।और मां को झूठी सच्ची बातें बताती। कई बार बिना गलती के भी आमना का पति मजहर उसे मनाने आता और घर पहुंचते ही बखेड़ा खड़ा कर देती।अब रशीद भी दुबई में जम गया था।अब रुबीना की मां चाहती थीं
कि वो भी इस जिम्मेदारी से आजाद हो जाए।इसलिए एक इतवार रुबीना की मां शहला और उसके अब्बा दिलशाद और भाई जुनैद रशीद के घर रिश्ते की बात करने आए।पर अब पैसा आने की वजह से नुसरत अब अमीर हो गई थी तो उसमें गुरुर भी आ गया था वो ये रिश्ता अब नहीं करना चाहती थीं
पर रशीद ने साफ शब्दों में कह दिया था कि वो शादी करेगा तो सिर्फ रुबीना से नहीं तो वो शादी ही नहीं करेगा।इसलिए बिना मर्जी के रुबीना और राशिद की शादी हो गई और उधर आमना तलाक लेकर घर आ बैठी। रशीद जब तक शहर में था तब तक नुसरत और आमना रुबीना से बड़ा प्यार दिखाती पर वो दोनों मन से नहीं चाहती थीं
कि रुबीना दुबई जाए वो चाहती थी वो यही रहे और घर के काम करे।रशीद ने बड़ी कोशिश की रुबीना का पासपोर्ट वीजा बन जाए पर अभी उसमें टाइम लगना था इसलिए रशीद को अकेले ही जाना पड़ा। राशिद के जाते ही नुसरत ने सारी जिम्मेदारी रुबीना पर डाल दी
और आमना बाहर घूमती ।सिर्फ नजमा ही थी जो रुबीना की मदद करती और उसको समझाती। रुबीना भी परेशान थी कि जो खाला उस पर जान लुटाती थी वो अब ऐसी क्यों हो गई।एक दिन नुसरत के कान के नहीं मिल रहे थे।उसने सबसे पूछा ढूंढा पर नहीं मिले।आमना बोली कही रुबीना ने तो नहीं ले लिए।रुबीना बोली
बाज़ी आप कैसी बाते कर रही है मेरे पास अपने गहने है मै चोरी क्यों करूंगी।आमना बोली तुमने अपनी मां को दे दिए होंगे।उसी समय नुसरत ने फोन करके रुबीना की मां को बुला लिया। रुबीना के मां , बाप और भाई उसी समय वहां पहुंचे।शहला बोली नुसरत क्या होगया इतनी रात को नुसरत बोली तुम्हारी बेटी को अमीरी रास नहीं आ रही
यहां से चोरी कर सामान पता नहीं किस को दे रही है।शहला बोली ये क्या कह रही हो नुसरत तुम रुबीना को बचपन से जानती हो कि वो कैसी है और तुम उस पर इल्ज़ाम लगा रही हो। नुसरत बोली पैसा और चमक देख अच्छे अच्छे के मिजाज बदल जाते हैं। रुबीना का भाई
जुनैद बोला बस खाला बहुत हुआ हम अपनी बहन को ले जा रहे हैं जब रशीद आएगा तो उससे बात करेंगे।और वो रुबीना को ले आए।वो झुमके आमना ने अपने आशिक को देने के लिए चुराए थे। घर से निकलने से पहले जब वो पर्स में झुमके और पैसे रख रही थी तब नजमा ने देख लिया और नुसरत को बता भी दिया पर नुसरत पर तो बेटी के प्यार की पट्टी बंधी थी।
उधर नुसरत ने रशीद को भी झूठी सच्ची कहानी सुना दी वो भी रुबीना का फोन नहीं उठा रहा था। रुबीना समझ ही नहीं पा रहीं थीं कि वो क्या करे उधर आमना ने धीरे धीरे घर से जेवर अपने तलाक में मिले पैसे सब इकट्ठा किए और मजहर से शादी कर ली ।
मजहर के भाई भाभी ने उसे घर से निकाल दिया वो कुछ दिन किराए पर रहे पर वो कोई अच्छी जगह नहीं थी इसलिए आमना रोज चिक चिक करती।उधर मजहर के साथ काम करने वाली रोजी उसकी मदद करती और उसको काम दिलाने में भी मदद कर रही थी। रशीद जब दुबई से वापिस आया तो आमना की शादी की बात उसे पता चली
कि घर में चोरी करके गहने,पैसे लेकर वो भाग गई तब नजमा ने उसे बताया कि वो झुमके भी आयना ने ही चुराए थे और भाभी पर नाम डाल दिया वो मां को इतना भड़क।ती थी भाभी के खिलाफ की मां भाभी से बदसलूकी करती उनके भाई ,मौसी खालू सबकी इतनी बेइजती कि।रशीद को अपने वहवार पर गुस्सा आ रहा था।
क्यों मां बहन की बातों में आकर मैने अपनी रुबीना से ऐसा बर्ताव किया।रशीद तभी रुबीना के घर गया और अपने बर्ताव के लिए सबसे माफी मांगी जुनैद बोला मेरी बहन उस घर में नहीं जाएगी।रशीद ने कहा अब मैं रुबीना को लेकर ही जाऊंगा। अब वो यहां नहीं रहेगी मै यहां उसे लेने ही आया था।रशीद रुबीना को लेकर घर आया।
तो वहां आमना बैठी थी।रुबीना को देखकर वो बोली ये चोरनी यहां क्या कर रही है।रशीद बोला सब को पता है चोर कौन हैं? आप यहां क्या कर रही है? नुसरत बोली इसके पति का एक्सीडेंट हो गया है इसलिए ये कुछ दिन यही रहेगी ताकि उसकी देखभाल अच्छे से हो सके।अब तू इस रुबीना को ले आया है
तो ये इनकी सेवा कर देगी।रशीद ने कहा नहीं मम्मा ये यहां नहीं रहेगी मै इसे अपने साथ ले जा रहा हूं।अब ये दुबई मेरे साथ रहेगी।इस पर नुसरत जोर जोर से चिलाने लगी डायन मेरे बेटे को मेरे खिलाफ भड़का दिया मेरा घर तोड़ दिया।आमना बोली देखा मै हमेशा कहती थी कि ये दोनों मिलकर ये घर तोड़ देंगे।
नुसरत बोली मैने गलती कर दी इससे इसकी शादी करवा कर।रशीद तू इसको तलाक दे मै तेरी दूसरी शादी करवाऊंगी।रशीद और रुबीना दुबई चले गए।आमना और उसका पति मजहर उन्हीं के घर आ कर बस गए।पर आमना के वहवार और झूठ बोलने के कारण और वो कभी मां नहीं बन सकती इस बात की बुनियाद पर मजहर ने उसे तलाक़ दे दिया।
नजमा को अच्छी जगह नौकरी लगी और अब उसकी शादी होने वाली थी उसने रशीद से आने के लिए कहा तब रशीद रुबीना अपने बच्चे के साथ वहां आए।आमना और नुसरत दोनो से माफी मांग रहे थे।रुबीना बोली हमेशा घर तोड़ने का आरोप बेटे और बहु पर लगता है
पर मेरा तो हंसता खेलता घर आप तोड़ने पर लगे थे रशीद ने आपकी बातों पर अंधा एतबार भी किया यदि सच्चाई सामने ना आती तो मै तो लूटी बैठी होती।मुझ पर चोरी का इल्ज़ाम लगाया खाला आप तो मुझे बचपन से देखती आ रही है याद है आपकी चैन भी मै ढूंढ कर लाई थी।
मेरा घर आप दोनों ने खराब करने की कोशिश की।वो तो मेरे खुदा को मुझ पर तरस आ गया और सच्चाई सामने आ गई।रशीद बोला मेरी बात की शादी अच्छी जगह हो गई आप दोनों यही रहे मै आप का खर्चा भेजता रहूंगा।आज दोनो मां बेटी पुराने मोहल्ले में सर छुपा कर बैठी है।रुबीना की मां बहन होने का फर्ज निभा रही है और राशिद बेटे का पर वो लौट कर कभी नहीं आया।आमना रोती है कि क्यों मैने इतने अच्छे आदमी को धोखा दिया उसी की सजा मुझे मिली है।पर अब पछताने से क्या होता दोनो मां बेटी रोती और एक दूसरे को कोसती पर अब क्या हो सकता था।
स्वरचित कहानी
आपकी सखी
खुशी