कितने जतन से पाला पोसा बेटा तुम्हे – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

तुझे पाल-पोस कर इतना बड़ा किया था बेटा और तू चार दिन के प्यार के लिए मां बाप को छोड़ देगा। कहां है बेटा तू इतनी रात हो गई तू घर क्यों नहीं आया।मैं घर नहीं आऊंगा मां जबतक आप लोग मेरी बात नहीं मानोगे।वो लड़की कैसी है क्या पता तेरे लिए ठीक है कि नहीं । नहीं मम्मी हम दोनों एक दूसरे को पसंद करते हैं और शादी करना चाहते हैं और फोन कट गया ।

               मोहित मोहिनी और नीरज की इकलौती संतान है बड़े लाड़-प्यार से पाला था मोहिनी और नीरज ने। दोनों ही बेटे पर जान छिड़कते थे।हर ख्वाहिश हर मांग पूरी की जाती थी मोहित की ।नीरज जी बड़े आफिस में आफीसर के पद पर थे ।घर की आर्थिक स्थिति अच्छी थी गाड़ी मकान सबकुछ था ऐशो आराम की जिंदगी  थी।

मोहित इस समय ग्रेजुएशन कर रहा था । आगे मास्टर  डिग्री के लिए नीरज जी मोहित को विदेश भेजना चाहते थे। पढ़ने लिखने में अच्छा था मोहित। मोहित अपने साथ पढ़ने वाली नव्या को छुप छुपकर देखा करता था और मन-ही-मन उसे पसंद भी करता था। लेकिन नव्या को इस बात का पता नहीं था ।

नव्या की सहेलियां नव्या से कहती वो लड़का तूझे बराबर देखता रहता है क्या बात है ।धत पगली तुम लोग भी न,,,,,,।अब नव्या को भी धीरे-धीरे अहसास होने लगा कि मोहित उसे छुप छुप कर देखता है । नव्या थी भी बड़ी खुबसूरत गोरा रंग , अच्छी कद काठी तीखे नैन-नक्श की स्वामिनी थी नव्या।अब नव्या भी मोहित को देखने लगी

और उसके मन में भी मोहित के लिए कुछ कुछ होने लगा । मोहित भी अच्छी पर्सनेलिटी का मालिक था । लेकिन दोनों एक दूसरे से कुछ नहीं कहते थे बस दूर से देखते रहते थे ।

              नव्या के मन में मोहित के लिए कुछ था कि नहीं ये मोहित को नहीं पता था लेकिन नव्या भी मोहित को देखती थी कभी कभी दोनों की नजरें आपस में टकरा भी जाती थी तो झट से दोनों दूसरी तरफ मुंह कर लेते थे ।

       आज जब मोहित कालेज गया तो नव्या को कुछ सहेलियां घेरे खड़ी थी और पार्टी की मांग कर रही थी । तभी मोहित के कानों में नव्या के एक सहेली की आवाज पहुंची हैप्पी बर्थ डे नव्या । मोहित के लिए ये अच्छा मौका था वो बहुत दिनों से किसी मौके की तलाश में था जिससे वो नव्या को प्रपोज कर सके ।

वो कालेज के बाहर निकल कर फ्लावर स्पाट से एक लाल गुलाब ले आया और मौका ढूंढने लगा जब उसे नव्या अकेले मिले । कैंटीन से सब सहेलियों के संग जब नव्या बाहर आई तो बाकी सब सहेलियां

अपनी क्लास में चली गई और नव्या किसी से फोन पर बात करने लगी ।फोन कट करते ही मोहित लपककर नव्या के पास आ गया और गुलाब उसकी तरफ बढ़ाते हुए हैप्पी बर्थडे बोलकर  ,मैं तुमको बहुत पसंद करता हूं नव्या क्या तुम भी ,,,,, नव्या थोड़ी शरमा गई और बोली हां इतना कहकर भाग खड़ी हुई । मोहित की तो बाछें खिल गई ।

                   नव्या एक साधारण से परिवार से थी।दो बहन और एक छोटा भाई था। बहनों भाइयों में नव्या ही सबसे बड़ी थी ‌‌। नव्या के पापा बैंक में क्लर्क थे। नव्या के पापा के ऊपर तीन बच्चों की पढ़ाई लिखाई का बोझ था और फिर बेटियों की शादी भी तो करनी थी ।

घर की परिस्थितियों को देखते हुए नव्या पढ़-लिखकर नौकरी करना चाहती थी। जिससे घर में उसके पापा को थोड़ी राहत मिल सके। नव्या देखने सुनने में बहुत सुंदर थी जिससे बहुत से लड़के उसको लाइन मारते थे। लेकिन नव्या इन सब को इग्नोर कर देती थी । लेकिन फिर भी न चाहते हुए भी मोहित के प्यार में पड़ ही गई ।इस साल दोनों का ग्रेजुएशन पूरा हो रहा था । मोहित के पापा मोहित को अमेरिका भेजना चाहते थे आगे की स्टडीज के लिए ।

          अब जब ग्रेजुएशन का रिजल्ट आ गया तो नीरज जी खाने की टेबल पर बैठे मोहित से पूंछने लगे और मोहित अब आगे क्या करने का इरादा है मैं तो तुम्हें अमेरिका भेजना चाहता हूं आगे की पढ़ाई के लिए ।

लेकिन मोहित बीच में ही बोल पड़ा नहीं पापा मैं विदेश नहीं जाना चाहता मैं यही पर रहकर आगे की पढ़ाई पूरी करना चाहता हूं । क्यों बेटा बाहर जाने में क्या परेशानी है ‌‌ कुछ नहीं पापा बस मैं यही रहना चाहता हूं आप लोगों के साथ। लेकिन बेटा मैंने तो तुम्हारे लिए कुछ और ही सोचा है । नहीं पापा मैं बाहर ं

 नहीं जाना चाहता। मोहित विदेश  नव्या की वजह से नहीं जाना चाहता कहीं मैं विदेश गया तो नव्या की शादी न हो जाए। नीरज जी ने सोचा शायद लाड़-प्यार में पला बेटा हम लोगों से दूर नहीं जाना चाहता। मोहिनी जी ने भी नीरज से कहा बेटा नहीं जाना चाहता तो मत भेजिए न हम लोग भी कहां मोहित के बिना रह पाएंगे।

नीरज जी बोले चलो भई ठीक है नहीं जाना चाहते तो अब यही पर रहकर पढ़ाई करों। आंखों के सामने रहो  मैं कौन सा दूर भेजना चाहता हूं। आजकल बच्चों को विदेश भेज दो तो पढ़-लिख कर वहीं नौकरी कर लेते हैं और फिर मां बाप को छोड़कर वहीं के होकर रह जाते हैं।

            इधर जबसे नव्या ने मोहित का प्रपोजल स्वीकार किया है धीरे धीरे दोनो में नजदीकियां बढ़ने लगी है।जब भी समय मिलता दोनों साथ-साथ देखें जाते। दोनों ने एक ही कालेज में एक‌ही सब्जेक्ट में एम बीए करने के लिए एडमिशन लिया है। इससे मोहित और नव्या को काफी समय साथ साथ ही बीतता था। दोनों का प्यार परवान चढ़ रहा था।

         इधर घर आकर नव्या के पापा ने पत्नी रश्मि को बुलाया अरे सुनती हो , हां बोलों अरे मेरे कालेज का दोस्त सुधाकर इस शहर का डी एम होकर आया है मुझे आज ही पता चला है सोंच रहा हूं एक दिन उसको और उसकी फैमिली को घर पर खाने पर बुला लूं । हां हां क्यों नहीं बुला लीजिए आखिर आप लोग इतने अच्छे दोस्त रहे हैं ।

              आज घर पर कुछ ज्यादा ही साफ सफाई देखकर नव्या मां से पूछने लगी मां आज बड़ी सफाई हो रही है क्या बात है । बेटा आज तेरे पापा के कालेज के दोस्त सुधाकर जी और उनकी पत्नी घर पर खाने पर आ रहे हैं । अच्छा हां बेटा ज़रा जल्दी आ जाना कालेज से खाने में मेरी थोड़ी मदद कर देना हां मां।

              बहुत अच्छा खाना था भाभी जी और आप लोगो से मिलकर भी बहुत अच्छा लगा।कम से कम इस अनजान शहर में कोई तो अपना मिला।और फिर मेरी और विनय की दोस्ती भी तो बहुत पक्की है ।और आपकी बिटिया नव्या तो बहुत पसंद आई हमें । बहुत ही सुशील और सुंदर बेटी है आपकी  ।

बेटी क्या कर रही हो ,एम बीए कर रही हूं अंकल अच्छा उसके बाद क्या करना है नौकरी करना चाहती हूं । शादी वादी का इरादा नहीं है क्या इतना सुनते ही शरमा कर नव्या अंदर चली गई।

                सुधाकर जी के दो बेटे थे ।छोटा बेटा अभी पढ़ रहा था और बड़ा बेटा शुभम इंजीनियरिंग करकें नौकरी कर रहा था अभी अभी तीन महीने पहले ही नौकरी पर आया है। सुधाकर जी घर जाकर नव्या के पापा विनय जी को फोन किया यार मैं तुझसे एक चीज मांगना चाहता हूं तू मना नहीं करेगा ,अरे नहीं मना क्यों करूंगा

विनय जी बोले बता क्या चाहिए बेझिझक होकर मांग ,मैं तेरी बेटी को अपनी बेटी बनाना चाहता हूं । मेरी बेटी तेरी भी बेटी ही तो है । नहीं मैं नव्या बिटिया को अपनी बहू बनाना चाहता हूं सच में सुधाकर तब तो हमारे रिश्ते और मजबूत हो जाएंगे  हमारी दोस्ती रिश्तेदारी में बदल जाएगी। मुझे तो कोई परेशानी नहीं है सुधाकर मैं जरा घर में तेरी भाभी और बिटिया से बात कर लूं , हां हां तू घर में बात कर लें ।

              विनय जी जब घर आए तो पत्नी रश्मि को आवाज दी बोले जरा दो कप चाय लेकर यहां आओ कुछ बात करनी है। हां आ रही हूं।चाय लेकर आई रश्मि पूछने लगी क्या बात करनी है आपको अरे आज सुधाकर का फोन आया था वो अपने बड़े बेटे शुभम के लिए हमारी बेटी नव्या का हाथ मांगा है ।

अच्छा ये तो बड़ी अच्छी बात है एक जाने पहचाने परिवार में बेटी की शादी हो तो बहुत बढ़िया है। नव्या अंदर से सब सुन रही थी दूसरे दिन कालेज जाकर उसने मोहित से बात की मोहित मेरे पापा के दोस्त के बेटे के लिए मेरा रिश्ता आया है । मोहित बोला क्या तुम मुझे छोड़कर दूसरे से शादी कर लोगी ।

नहीं मोहित मैं भी तुमसे उतना ही प्यार करती हूं जितना तुम मुझसे करते हो। मोहित तुम अपने घर भी बात करो तुम्हारे मम्मी पापा तैयार होते हैं कि नहीं फिर मैं अपने घर में बात करूंगी। अच्छा ठीक है मैं आज ही मम्मी से बात करता हूं।

               मोहित घर में जाकर मम्मी से बोला मम्मी मैं अपने कालेज की एक लड़की से प्यार करता हूं और उससे शादी करना चाहता हूं । अचानक से ऐसी बात सुनकर मोहिनी थोड़ी आश्चर्य में पड़ गई ।ये अचानक से क्या कह रहा है बेटा अभी तो तेरी पढ़ाई चल रही है । हां मम्मी शादी तो पढ़ाई के बाद ही करूंगा

लेकिन पहले आप लोगों की मर्जी जानना चाहता हूं । लेकिन बेटा कैसी लड़की है कहा रहती है क्या करती है, परिवार कैसा है एक सांस में ही सारी बातें मोहिनी जी ने पूछा डाली। मां हमलोगों ने सोचा था कि पहले पढ़ाई पूरी करेंगे फिर जब नौकरी पर आ जाएंगे तब आपसे बात करेंगे लेकिन उसकी शादी तय हो रही है इस लिए बात करनी पड़ रही है।

           आप पापा से बात करें । क्या शादी करना चाहते हैं बरखुरदार ।अरे भई पहले पढ़ाई तो पूरी कर लो और कुछ नौकरी करने लगो तो शादी करना नीरज जी बोले। मोहित चुप रहा । फिर मोहिनी ने अलग से नीरज से बात की तुम जैसा बता रही हो लड़की के बारे में वैसे तो कुछ भी नहीं है लड़की के घर में अपने बराबर के कहां है , बैंक में क्लर्क है क्या ही कर पाएंगे मेरे मुताबिक शादी। नहीं भाई वहां शादी वादी नहीं हो सकती मोहित को मना कर दो ।

              दूसरे दिन मोहित ने मां से पूछा मां आपने पापा से बात की , हां की थी तेरे पापा तो मना कर रहे है । लेकिन मां मुझे नव्या से ही शादी करनी है ।मैं तो सीधे ही पापा से बात कर लूंगा।

                आज जब सब नास्ते की टेबल पर बैठे थे तो मोहित ने सीधे पापा से कह दिया पापा मैं नव्या को पसंद करता हूं और उससे शादी करना चाहता हूं। नहीं अभी तो पढ़ाई पूरी करो और फिर जहां मैं चाहूंगा वहीं शादी करनी पड़ेगी तुमको । मोहित गुस्से से नाश्ते की टेबल से उठ गया ।इधर नव्या ने भी अपनी मम्मी से बोला दिया कि मुझे मोहित से ही शादी करनी है ।अब दोनों के घर वाले भी परेशान और वो दोनों भी परेशान।आज जब

कालेज के लिए निकला मोहित तो देर रात तक घर नहीं आया । मोहिनी ने की बात फोन किया लेकिन मोहित फोन नहीं उठाया। काफी रात हो गई लेकिन मोहित घर नहीं लौटा। नीरज जी जब घर आए तो उन्होंने ने भी फोन किया लेकिन मोहित बात नहीं कर रहा था दोनों पति-पत्नी बहुत परेशान थे कि कहां चला गया मोहित। नव्या पर घर वालों का दबाव बनता जा रहा था शुभम से शादी के लिए लेकिन नव्या भी जिद पर अड़ी रही थी।

              आज दो दिन हो गए मोहित घर नहीं आया।नीरज और मोहिनी बहुत परेशान हो रहे थे और अब तो फोन भी बंद आ रहा था।इधर उधर दोस्तों के पास से मोहित का पता लगा रहे थे । ऐसे ही एक हफ्ता बीत गया। तमाम दोस्तों से पता लगाने पर मोहित का पता लगा कि किसी दोस्त के पास है ।

नीरज और मोहिनी मोहित से मिलने गए बेटा घर चलो ये क्या बचपना है । नहीं मैं घर नहीं जाउंगा।ये क्या बेटा तूझे पाल पोसकर इतना बड़ा किया , तेरी हर जरूरत को पूरा किया और आज एक लड़की के पीछे अपने माता-पिता को छोड़कर आ गया। जरा सोचो क्या बीती है इन एक हफ्तों में हमारे ऊपर। बेटा घर चलो

,ंंनहीं मां जब तक आप लोग हां नहीं कहेंगे मैं घर नहीं आऊंगा।नीरज जी बोले बेटा अभी तुम्हारी पढ़ाई पूरी नहीं हुई है और नौकरी भी नहीं है । हां पापा जानता हूं मैं ये शादी तभी करूंगा जब पढ़ाई पूरी हो जाएगी दो सेमिस्टर बाकी है उसे पूरा करने के बाद ही शादी करूंगा ।बस आप हां कर दे।और हमारी और नव्या की शादी का एक रोका कर दें जिससे हमारी शादी पक्की हो जाए । नहीं तो नव्या की शादी उसके मम्मी पापा कहीं और कर देंगे।

            अब मजबूरन मोहिनी और नीरज जी को मोहित की बात माननी पड़ी ।आज नव्या और मोहित की शादी के लिए हां हो गई और इसके लिए एक छोटा सा फंक्शन करके रोका हो गया।और शादी तब होगी जब दोनों की पढ़ाई पूरी हो जाएगी।

            बच्चे अपनी जिद पूरी करने के लिए मां के लाड़ प्यार और उनकी परवरिश को भी नकार देते हैं । पच्चीस तीस साल तक जो मां बाप बच्चों को अपनी छत्रछाया में रखते हैं ,सभी जरूरतें पूरी करते हैं प्यार दुलार देते हैं वहीं बच्चे कल की किसी लड़की के लिए सबकुछ भूल जाते हैं । आजकल यही चलन चल गया है सब जगह । पच्चीस साल के रिश्ते आज के रिश्ते पर भारी पड़ जाते हैं ।

पाठकों आजकल यही चल रहा है मां बाप मजबूर हो जाते हैं बच्चे की ज़िद पूरी करने को ।

मंजू ओमर

झांसी उत्तर प्रदेश

,1। मार्च

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