सोनम (४४ बर्ष ) बहुत ही अच्छी महिला थी | वह अपना होटल चलाती थी | बहुत ही कम दाम में खाना खिलाती थी लोगो को | और रात को १० बजे होटल बंद करती थी | जो कुछ भी खाने का सामान बच जाता वो पैक कर के रख लेती | रास्ते में जो भी सड़क पे गरीब लोग दिखते उनको वो खाना दे देती | सब उनको बहुत बहुत आशीर्वाद देते |
सोनम बहुत खुश हो जाती | यही उसका रोज का काम हो गया था | ४,५ दिनों से एक बुजुर्ग दंपति रोज उनके होटल में आता था | और चाय ब्रेड खा के जाता था |
सोनम ने बोला आंटी अंकल आप रोज चाय ब्रेड ही खाने आते है मेरे होटल में , यहां बहुत तरह का खाना मिलता है | आप और कुछ क्यों नहीं खाते? चाय ब्रेड तो आप घर पे भी खा सकते है | क्या हुआ? आप लोगो को बुरा लगा
क्या? नहीं नहीं बेटा , आप की बात बुरी नहीं लगी | आप सही कह रही है , लेकिन क्या करे हम, हमारी मजबूरी है , जेब को देखते हुए खाना, खाना पड़ता है बेटा | अंकल आप को देखने से तो नहीं लगता की आपको कोई कमी है | सही कहा बेटा |
भगवान ने कमी तो नहीं की थी | लेकिन बेटों ने कमी कर दी | उन्ही के कारण आज हम दोनो की ये हालत है |
सोनम ने बोला मै कुछ समझी नहीं ? क्या मैं आपकी कुछ मदद कर सकती हु?
बेटा मै सरकारी कर्मचारी था | १ साल पहले ही रिटायर हुआ हु | पैंशन आती है मेरी | ए टी एम, से पैसे निकलना नहीं आता था | इस लिए मैने बेटे को ए टी एम दे दिया | बेटे को पैसों का लालच हो गया |
कुछ महीनों तक दो ,चार हजार कभी कभी दे देता था | लेकिन अब ३ महीने से कुछ भी पैसे नहीं दे रहा है | ना ही ए टी एम दे रहा है | रोज रोज लड़ाई झगड़ा करने की ताकत बची नहीं है | समाज में इज्जत के कारण किसी से कुछ कह भी नहीं सकते | अब हमारे पास खाने तक को पैसे नहीं है |
उनकी बात सुन सोनम दंग रह गई | और बोला अंकल आंटी आज से आप लोग मेरे होटल में ही खाना खा लेना | मेरा इस दुनिया में कोई नहीं है | बेटा हमारे पास तुमको देने के लिए कुछ भी नहीं है |
है ना, आप अपना आशीर्वाद देना, ताकि मैं अधिक से अधिक लोगों को खाना खिला सकू |और आंटी आप को जो भी खाना बनाना आता होगा ,आप बताना हमको |हम दोनो मिल के अच्छा अच्छा खाना बनाएंगे “आप दोनों की मदद कर के मै अपने आपको बहुत किस्मत वाली समझूंगी |”
भगवान बिना औलाद रखे | लेकिन ऐसी औलाद ना दे जो अपने मां बाप को दो रोटी तक नहीं खिला सकते |
रंजीता पाण्डेय