किस्मत – अनु माथुर  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : बीते तीन घंटे से आरती  पार्क में बैठी हुई सोचे जा रही थी ….कहाँ ग़लती हो गयी थी इंटरव्यू देने में  …क्यों हर बार की तरह फिर से इस बार भी रिजेक्ट हो गयी मैं  ? 

लेकिन  इतने घंटे के बाद भी उसे समझ में नहीं आया तो थके कदमों से वो उठी और घर जाने लगी | शाम रात में तब्दील हो गयी थी | 

आरती ने डोरबेल बजायी और थके हुए कदमों से घर के अंदर आ गयी… आरती के पापा सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते थे मम्मी सिलाई का काम करती थी उसके एक छोटा भाई अतुल और एक छोटी बहन रीना थी | 

आरती पढ़ने में बहुत अच्छी थी… शुरू से ही उसने हर जगह टॉप किया था…. उसकी सारी पढाई स्कॉलर शिप से हुयी… स्कूल से कॉलेज तक उसने अपनी विजय के झंडे गाड़े हुए थे एक पुरा बक्सा उसके मेडल्स और सर्टिफिकेट से भरा हुआ था |उसने एम. बी.ए किया था और टॉप किया था कॉलेज में… कैंपस सेलेक्शन के बाद उसे जो जॉब मिली थी उस कंपनी के एक रिश्तेदार को जॉब देने के लिए आरती को निकाल दिया | तब से 6 महीने हो गए और आरती को जॉब नहीं मिली थी |

आरती की माँ चाय बना कर उसी के कमरे में ले आयी थी बाक़ी सब भी वहीं आ गए थे… उन्होंने टेबल पर सर को नीचा किये हुए आरती के सर पर प्यार से रखा हाथ .. आरती पलट कर उनसें लिपट गयी और ज़ोर से रोने लगी… सब उसकी परेशानी समझ रहे थे पर कुछ नहीं कर सकते थे |

थोड़ी देर बाद आरती शांत हुयी थी तो उसके पापा ने उस से कहा -” निराशा मत हो जॉब मिल जायेगी… चलो अभी समोसे खाओ … और आज तो तुम्हारे हाथ का बना हुआ आलू पूरी खायेंगे सब |  आरती फीकी सी हँसी के साथ समोसा खाने लगी | 

आरती की माँ ने उसे कहा – राष्मीरथि पढ़ी थी ना तुमने तो उसकी एक लाइन है – “सौभाग्य ना सब दिन सोता है देखे आगे क्या होता है ” पांडव तो राजा के बेटे थे देखो कैसा दुख देखना पड़ा उन्हें…. 

लेकिन उनका हाथ भगवान कृष्ण ने थाम रखा था मम्मी… और हमारे साथ कोई  भगवान नहीं है | आरती की माँ  ने उसके सर पर हाथ रखा और मुस्कुराकर कमरे से बाहर निकाल 

गयी |

अगले दिन आरती बैठी कुछ सोचे जा रही थी… उसकी मम्मी सब काम निबटा कर सिलाई कर रही थी और उसकी बहन कपडे को काट रही थी….. वो उछल पड़ी और बोली मम्मी.. जॉब तो कहीं मिल नहीं रही और अब तो उमीद भी नहीं है अब हमारा ये हुनर शायद काम आ जाए हम अपना बिजनेस शुरू करेंगे…. उसकी मम्मी और उसकी बहन उसे हैरानी से देख रहे थे…. दीदी ऐसे कोई बिजनेस नहीं होता अतुल कमरे से निकलते हुए बोला –

” होगा  – आरती ने कहा 

बचपन से आपसे हमने बहुत कुछ सीखा है और ये सब कपड़ों के ब्रैंड भी तो ऐसे ही बने है | मार्कीटिंग कैसे करते है ये मुझे अच्छे से पता है | सब मुस्कुरा दिए | शाम को आरती के पापा आए तो आरती ने उनसे बात की उनको सही लगा आरती की बात सही लगी | 

अगले दिन उसने वेबसाइट बनायी और अपने ब्रैंड का नाम  Aarti  creations रखा | मार्कीटिंग  कैसे करनी है ये उसे पता था | इस बीच उन तीनों ने मिलकर बहुत सारे अलग – अलग तरह के कपडे़ बनाए | 

इसे साथ ही छोटे पर्स और घर में काम आने वाली चीज़े भी बनायी | 20 दिन हो गए कोई भी order उनको नहीं मिला था… लोग देखते तो थे लेकिन ऑर्डर कोई नहीं करता | 

एक सुबह आरती के फोन में एक notification आया… उनको दस लौंग स्कर्ट चाहिए थी …. आरती ने आँखो को मलते हुए अपनी मम्मी को ज़ोर से आवाज़ लगायी….

मम्मी ,रीना , अतुल, पापा ऑर्डर मिला है notification आया है सब उसके पास दौड़ कर आए…. आरती की आँखों में खुशी की चमक थी …. उसने सबको गले से लगा लिया… बस अब नहीं रुकना उसने कहा | 

तीनों ने मिल कर अपना पहला ऑर्डर तैयार किया आरती की मम्मी ऑर्डर dispatch करने से पहले नारियल फोड़ा और भगवान् की आरती करी | आज सब बहुत खुश थे | उन सबकी मेहनत रंग लायी  जल्दी ही उसे और भी ऑर्डर मिले… आरती ने अपनी कंपनी खोली | 

आज उसके लिए बहुत ख़ुशी का दिन था उसका पहला ऑर्डर देश के बाहर जा रहा था | 

उसकी कंपनी बड़ी हो गयी थी और आज ही वो अपनी कंपनी के लिए नए employes का इंटरव्यू लेने जा रही थी |

किस्मत है कल तक आरती इंटरव्यू देने जा रही थी और आज वो इंटरव्यू लेने जा रही थी | 

उसने अपने केबिन में रखी हुयी 

राधा – कृष्ण की मूर्ति को माला पहनाई दिया जलाया और शंख बजाया |  

हाथों में फाइल को पकड़े हुए वो अपने केबिन से बाहर निकली अतुल और रीना उसके पीछे मुस्कुराते हुए चल रहे थे |

आशा करती हूँ आपको ये कहानी पसंद आयी होगी | फिर मिलूँगी एक नयी कहानी के साथ | 

धन्यवाद 

स्वरचित 

कल्पनिक कहानी

अनु माथुर

#किस्मत

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