किसी भी चीज की अति खराब है! – मनीषा भरतीया

शिल्पा ये क्या है…तूम फिर से शुरू हो गई अब यह रोना-धोना बंद करो और जल्दी मेरा बैग लेकर आओ मुझे देरी हो रही है.

सूरज प्लीज आप मत जाओ ना मैं आपके बिना नहीं रह पाती मुझे आपकी इतनी ज्यादा आदत हो गई है कि मैं बस सुबह से लेकर शाम तक आपके बिना रह सकती हूं. क्योंकि मैं जानती हूं कि वह तो मुझे रहना ही पड़ेगा….आप अगर काम नहीं करोगे तो घर कैसे चलेगा. अगर ऐसा होता कि हमारी पास ढेर सारे रुपए होते तो मैं आपको कभी काम करने नहीं देती…..हम आधे पैसे ब्याज पर लगा देते और और आधे से कोई बिजनेस शुरू कर लेते…..जिसमें मैं और आप दोनों मिलकर काम करते ….इस तरह  हमारा घर खर्च और शौक की जरूरतें दोनों पूरे हो जाते.

 

हा हा हा सूरज हंसते हुए…, शिल्पा तुम्हारा बचपना कब जाएगा हमारी शादी को 5 साल हो गए लेकिन अभी भी तुम्हारे अंदर समझदारी नहीं आई है. …मैं जब भी कंपनी के काम से बाहर जाता हूं या अपने दोस्तों के साथ बाहर जाता हूं, तुम रोना धोना शुरू कर देती हो….आखिर तुम्हारी समस्या क्या है??सिर्फ 3 दिन के लिए तो जा रहा हूं उसके बाद तो लौट आऊंगा…. इसमें इतनी परेशान होने वाली क्या बात है? ?

 

आपको सिर्फ 3 दिन लग रहे हैं मेरा तो इन 3 दिनों में रो रो कर बुरा हाल हो जाएगा ना मैं खाना खाऊंगी और ना ही रह पाऊंगी. ये 3 दिन 30 दिन के समान गुजरेगें.. क्योंकि मुझे घण्टों आपको निहारते रहना अच्छा लगता है. आप जब बोलते रहते हो…मुझे सुनना अच्छा लगता है. मेरा बस चले तो एक पल के लिए भी मैं आपको अपने से दूर ना करूँ. मैं क्या करूं आप मेरी आदत बन गये हो लेकिन शिल्पा घर में मम्मी- पापा भी तो हैं… कौन सा तुम अकेली हो?? पता है पर मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ…. इसलिए मुझसे आपकी जुदाई बर्दाश्त नहीं होती. आपको याद है….. जब हम शादी के बाद हनीमून के लिए शिमला गए थे…. तो मैं तो बस आपके साथ शिमला की हसीन वादियों में बांहों में बांहे डाले बस घूमते रहना चाहती थी…. क्योंकि मुझे आपका साथ बड़ा प्यारा लग रहा था.




हाँ याद है…. लेकिन शिल्पा पागलपन की हद तक किसी से भी प्यार करना अच्छा नहीं है. तुम्हारे इसी रवैए की वजह से ही मैं हर 3 महीने से दो-तीन दिन के लिए बाहर जाता हूं….ताकि तुम्हें कुछ समय मेरे बिना रहने की आदत हो जाए. अच्छा सोचो मुझे कुछ हो गया तो तुम क्या करोगी? ?

 

सूरज आप ऐसी बात सोच भी कैसे सकते हैं वह भी इस समय जब आप बाहर जा रहे हैं अब मैं आपको कहीं नहीं जाने दूंगी. भगवान ना करे कभी आपको कुछ हो….और अगर ऐसा हुआ तो मैं भी अपनी जान दे दूंगी.

सूरज फिर शिल्पा के आंसू पौंछते हुए समझाने लगा, शिल्पा प्यार करना, किसी को चाहना अच्छी बात है लेकिन  यूँ पागलपन की हद तक चाहना अच्छी बात नहीं…किसी को भी अपनी आदत बनाना यह अच्छा नहीं. प्यार मैं भी तुमसे बहुत करता हूं लेकिन देखो समय का कोई भरोसा नहीं कब क्या हो जाए किसे पता इसलिए बी प्रैक्टिकल. इस तरह तुम्हारा जीना मुश्किल हो जाएगा.तुम पागल भी हो सकती हो. चलो मैं नहीं जाता क्या तुम्हें शर्मा जी याद हैं? उन्होंने कभी सपने में नहीं सोचा होगा कि उनके जवान बेटे की अचानक हार्ट अटैक से मौत हो जाएगी सिर्फ साल भर ही तो हुए थे उसकी शादी को, दोनों  एक दूसरे के बिना रह नहीं पाते थे, कितना प्यार था… लेकिन क्या हुआ…

शर्मा जी नई नवेली जवान बहू को  जीवन भर रोने के लिए थोड़ी छोड़ देते इसलिए उन्होंने उसकी दूसरी शादी कर दी. वह अपने पति से इतना प्यार करती थी फिर भी उसके साथ मरी तो नहीं? मरने वाले के साथ मरा नही जाता, यही जिन्दगी की सच्चाई है डियर. बोलने और करने में बहुत फर्क होता है. मरना आसान नही है… जिंदगी आगे बढ़ने का नाम है. चलो अब मैं चलता हूँ….

लेकिन आपकी तो 5 बजे की ट्रेन थी. अभी तो 5:30 बज गये.




नही मैंने तुमसे झूठ कहा था. मुझे पता था तुम ड्रामा करोगी….मेरी ट्रेन 7:55 की है. बाय सी यू लेटर. मैं तुम्हें वीडियो कांल करूंगा तब जी भर के देख लेना मेरी क्रेजी पत्नी. मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ…. शिल्पा ने भी हंस के सूरज को विदा किया….

 

दूसरे दिन सूरज ने सुबह 6 बजे शिल्पा को वीडियो कॉल किया और हंस के पूछा…. रात में नींद आ गयी थी, खाना खाया या मुझे याद करके रोती रही??

तब शिल्पा ने कहा मैं क्यों रोऊँ ? परसों तो आप बापस आ ही रहे हो फिर इसमें रोने वाली क्या बात है और रही आपको निहारने की तो वो तो मैं आपको वीडियो कॉल में भी निहार सकती हूँ…

चलो भगवान का शुक्र है मेरी क्रेजी पत्नी प्रैक्टिकल बन गई.

यह सुनकर शिल्पा हंसने लगी और उसने फोन रख दिया…

 

दोस्तों किसी भी चीज की अति खराब होती है…चाहत एक हद तक ठीक होती है…फिर चाहे वो किसी इंसान की हो…या किसी चीज की… लेकिन चाहत अगर आदत  बन जाए तो वो खराब है… फिर चाहे वो शराब की हो, चाय की हो, साफ सफाई की हो, शक की हो या किसी इंसान की हो.. इसलिए वक्त रहते इंसान को परिस्थिति के अनुसार अपनी आदत में बदलाव लाना चाहिए…. उसे अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए… क्या आप मेरे विचारों से सहमत है??? कमेंट करके मुझे जरूर बताए… और कहानी पसंद आई हो तो इसे लाइक और शेयर करना ना भूले….

#चाहत 

धन्यवाद🙏

आपकी ब्लॉगर दोस्त

@ मनीषा भरतीया

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