खोया बेटा वापस मिला – नेकराम : Moral Stories in Hindi

अम्मा मैंने शहर में एक नौकरी पकड़ ली है कंपनी वाले रहने को वही एक फ्लैट भी दे रहे हैं ….

21 वर्षीय अशोक ने अपनी मां पार्वती को थोड़ा ऊंचे लहजे में कहा तो पास खड़े बाबूजी बीड़ी सुलगाते हुए बोले गांव में जो इतनी बड़ी खेती बाड़ी है घर में चार-चार ट्रैक्टर हैं इसे कौन संभालेगा घर का तू ही इकलौता वारिस है हमसे दूर शहर चल जाएगा तो हमारे बुढ़ापे में हमारा ख्याल कौन रखेगा अशोक थोड़ा गर्मी में बोला देखो बाबूजी तुमने तो गांव में जिंदगी बिता …ली कम से कम मुझें तो शहर की जिंदगी बिता लेने दो अशोक ने किसी की एक न सुनी और एक अटैची में अपने कुछ जरूरत के कपड़े रखे और दिल्ली शहर आ गया ….

कंपनी में खूबसूरत 20 वर्ष की लड़की मधु के पास अशोक बैठा कॉफी पीते हुए बताने लगा कंपनी की तरफ से मुझे रहने को फ्लैट मिला है मैं चाहता हूं मुझे शहर में ही कोई लड़की मिल जाए जो मेरी जीवन साथी बन जाए वैसे तुम्हारे घर में कौन-कौन है…

मधु ने कॉफी पीते हुए एक गहरी सांस ली फिर अशोक को बताया मुझे कंपनी में काम करते हुए अभी 6 महीने हो चुके हैं घर में हम तीन बहने हैं मैं सबसे छोटी हूं बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है अब मम्मी पापा मेरे लिए लड़का तलाश कर रहे हैं तब अशोक ने खुशी जताते हुए कहा मैं भी अभी कुंवारा हूं अगर तुम चाहो तो मुझसे विवाह कर सकती हो

फिर कुछ सोच कर अशोक कहने लगा …..

मैं अनाथ हूं आश्रम में पढ़-लिखकर बड़ा हुआ और फिर यहां नौकरी के लिए आवेदन दे दिया अशोक ने गांव के बारे में अपनी अम्मा और बाबूजी का कोई जिक्र ना किया वह शहर की जिंदगी जीना चाहता था रोज गांव जाना और आना से झंझट से छुटकारा पाना चाहता था

अशोक और मधु का मिलना जुलना बढ़ता चला गया

अशोक महीने की सैलरी दिन प्रतिदिन मधु पर खर्च करता कभी उसे गिफ्ट देता तो कभी उसके परिवार के लिए गिफ्ट ले आता मधु के परिवार वालों ने अशोक को पसंद कर लिया और उन दोनों की कोर्ट मेरिज शादी हो गई अशोक अब मधु को अपने कंपनी के फ्लैट में ले आया दिन हंसी-खुशी बीतने लगे अशोक का नया मोबाइल और नई सिम के कारण गांव में बैठी अम्मा जब भी कॉल करती तो अशोक का कॉल ना लगता एक दिन अम्मा ने रोते हुए अशोक के बाबूजी से कहा सुनो जी मेरा जी घबरा रहा है अशोक को घर से गए हुए पूरे 3 साल बीत चुके हैं उसका कॉल भी नहीं लगता कहीं वह कोई मुसीबत में ना हो चलो दिल्ली चलते हैं कहीं ना कहीं तो वह हमें मिल ही जाएगा

बाबूजी बीड़ी सुलगाते हुए बोले मैं उसे बचपन से ही जानता हूं एक नंबर का नालायक है … अरे पगली इतने बड़े दिल्ली शहर में हम उसे कहां ढूंढेंगे लेकिन अपनी बुढ़िया की आंखों का बहता पानी देख कलेजा फटा जा रहा था उसका और अपनी बुढ़िया की बातें सुनकर कहने लगा कल ही हम दिल्ली चलते हैं खोज ही लेंगे अशोक को…

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मधु कहां हो अशोक ने गली के बाहर से मधु को आवाज लगाई तो कंधे पर दो वर्ष के बेटे सौरभ को उठाए बालकनी से नीचे मधु झांकने लगी तब अशोक ने कहा फ्लैट का ताला लगाकर तुरंत नीचे आओ तुम्हें कुछ दिखाना है मधु फ्लैट का ताला लगाकर सौरभ को साथ लिए नीचे गली में आ पहुंची अशोक पास के ही एक फ्लैट पर मधु को ले गया और बताने लगा हम दोनों ने नौकरी करके 3 सालों में खा पीकर जो 10 लाख रुपए बचत किए थे मैंने आज ही उन रूपयों से एक नया फ्लैट किस्तों में ले लिया है कंपनी की तरफ से जो फ्लैट मिला है हम उसी में रहेंगे और इस फ्लैट में किराएदार रखेंगे इस फ्लैट का जो किराया आएगा उसी से फ्लैट की किस्त भी देते रहेंगे कुछ सालों में यह फ्लैट फिर अपना हो जाएगा तुम कल से ही यहां किराएदार रख लो मैं तो कल कंपनी चला जाऊंगा मुझे समय ना होगा …..

अशोक अपनी पत्नी मधु को फ्लैट दिखाकर वापस अपने कंपनी वाले फ्लैट में आ पहुंचा अगले दिन अशोक के कंपनी जाने के बाद मधु नए किराएदार की खोज में गली के बाहर खड़ी चौराहे पर नजरे बिछाए आते-जाते लोगों को देख रही थी मधु की सहेली काजल अचानक मिली और गले मिलते ही बोली मधु तू कैसी है और तेरा पति अच्छा है तब मधु बोली मैं तो ठीक हूं अब हमने नया फ्लैट ले लिया है उसमें किराएदार रखना चाहती हूं …..ताकि दो पैसे और कमा सकूं तब काजल बताने लगी मैं अपने पति के साथ मुंबई से दिल्ली लौट रही थी आज सुबह नई दिल्ली स्टेशन उतरी तो वहां दो बुजुर्ग ऑटो वाले से पूछ रहे थे हमें यहां कोई कमरा रहने को किराए पर मिल सकता है मगर ऑटो वाला उनकी बातों पर हंसने लगा कहने लगा हमें सुबह से सवारी नहीं मिली तुम्हारे लिए कमरे की व्यवस्था कैसे करूं ना जान ना पहचान कहीं तुम पाकिस्तान से तो नहीं आए हो मुझे तो आतंकवादी लग रहे हो

तब मैं दौड़कर ऑटो वाले के पास पहुंची और उसे झाड़ते हुए बोली कम से कम उम्र का तो लिहाज किया करो किसी ने सच्ची कहा है ऑटो वाले बड़े बदतमीज होते हैं और उन बुजुर्ग बूढ़े बुढ़िया को मैं अपने साथ घर ले आई सुबह से उनके लिए मैं किराए का कमरा ही ढूंढ रही हूं चलो अच्छा हुआ मधु तुम्हारा फ्लैट खाली है मधु ने अपने पर्स से नए फ्लैट की चाबी अपनी सहेली काजल को दे दी और कहा तुम अभी उन किराएदारों को हमारे नए फ्लैट में शिफ्ट कर दो

मधु घर जाकर आराम से बिस्तर पर लेट गई फिर सोचने लगी अशोक को वीडियो कॉल करके सूचना दे देती हूं कि किराएदार मिल गए फिर सोचने लगी अभी कंपनी में काम कर रहे होंगे जब मैं जॉब करती थी तो वहां का बॉस कॉल करने और सुनने में आंखे फाड़ फाड़ कर देखता था ठीक किया अशोक ने जब मेरी कोख में सौरभ था तभी नौकरी से मेरा इस्तीफा मांग लिया तब से घर ही संभाल रही हूं ….  2 घंटे बाद  फ्लैट जाकर उनसे किराया मांग लूंगी मधु ने कॉल करके अपनी बहनों और मां को बताया हमने नया फ्लैट ले लिया है इसी संडे को घर में हवन करवा रही हूं तुम सबको जरूर आना है मधु ने देखा दोपहर हो चुकी है अब मैं नए किराएदारों से मिलकर आती हूं नया फ्लैट भी ज्यादा दूर न था 100 मीटर की दूरी पर ही आकर मधु रुकी अपने नए फ्लैट में गई तो एक बूढी औरत झाड़ू लगा रही थी वही बीड़ी पीते हुए एक बुजुर्ग बालकनी के पास बैठे थे तब मधु बोली शहरों में ₹4000 का छोटे से छोटा कमरा है बिजली का बिल अलग से देना होगा गुसलखाना और रसोई घर भी है सब मिलकर आप लोग मुझे ₹5000 हर महीने दे दीजिएगा रुपए पहले चाहिए तब बुढ़िया ने कहा अभी तो हमारे पास केवल ₹200 ही है लेकिन कल शाम तक आपके रूपयों का इंतजाम जरुर कर देंगे बेटी…

ठीक है ठीक है बेटी कहने की जरूरत नहीं है किराएदार हो किराएदार ही बनकर रहो मधु ने थोड़ा रौब से कहा कल शाम को आऊंगी और किराए के रुपए लेकर जाऊंगी लेकिन एक बात और है रविवार के दिन हमारे घर के लोग आएंगे तब तक के लिए यह फ्लैट खाली कर देना तब बुढिया बोली फिर हम कहां रहेंगे तब मधु बोली मैं क्या जानू मैं इस फ्लैट की मालकिन हूं मैं जब चाहे फ्लैट खाली करवा सकती हूं सिर्फ रविवार की बात है पास में पार्क है वही दिन बिता लेना इतना कहकर मधु चली गई ……

वह बुढ़िया साफ सफाई करके अपने बुड्ढ़े से बोली तुम ऐसा करो गांव चले जाओ ट्रैक्टर बेचकर कुछ रूपए ले आओ ना जाने अशोक को ढूंढने में कितने दिन लगेंगे फिर हमें इस फ्लैट का किराया भी तो देना होगा और पेट की आग बुझाने के लिए रोटी भी तो चाहिए तब बुजुर्ग ने कहा तुम्हारे पास अशोक की फोटो तो है ना …. इस फोटो को गली सड़क बाजारों में दिखाऊंगा तो शायद कोई ना कोई तो जरूर बता देगा अभी मैं गांव जाकर ट्रैक्टर बेंच कर आता हूं …..

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मधु कहां हो तुम ,, अशोक ने अपना बैग खूंटी पर टांगते हुए कहा तब बाथरूम से आवाज आई दो मिनट रुको मैं अभी आती हूं मधु बाथरूम से निकल आई सौरभ पलने में झूल रहा था उसके पीने का दूध उबालने के लिए रसोई में खड़ी होते हुए मधु बताने लगी किराएदार आ चुके हैं पैसे कल शाम तक देंगे तब अशोक बोला तुम्हें तो पहले एडवांस लेना था फिर घुसने देती फ्लैट में ₹5000 से एक रूपया भी कम ना लेना यह दिल्ली शहर है किसी पर भी नर्मी मत जताना वरना किराएदार फ्लैट भी हड़प सकते हैं इतना कहकर अशोक टेलीविजन चला कर सौरभ को लोरिया सुनाने लगा .. मधु किचन में सब्जी पकाने लगी …

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बुजुर्ग बीड़ी फूंकता हुआ स्टेशन पर आकर बैठ गया 2 घंटे के बाद रेल से एक आदमी उतरा और बुजुर्ग के पास पहुंचकर बोला नमस्ते काका आपने जो कॉल किया था और बताया था मैंने वैसे ही किया ट्रैक्टर बेच दिया और वह रकम इस थैले में है मगर तुमने अपना ट्रैक्टर इतने कम दामों में क्यों बेंच दिया कुछ समझ नहीं आया तब बुजुर्ग कहने लगा हरिया तू क्या जाने औलाद के बिछड़ने का दुख खैर में अपने बेटे अशोक को जल्द ही खोज ढूंढ लूंगा और सुन अगले महीने दूसरा ट्रैक्टर भी बेचकर इसी तारीख को यहां पर इसी जगह जरूर मिलना बुजुर्ग शाम होने से पहले ही अपनी बुढ़िया के पास लौट आया तो मधु वहीं बैठी थी बुजुर्ग ने मधु को ₹5000 दे दिए और कैंटीन से दाल चावल पैक करवा कर लाया था बुढ़िया सुबह से भूखी थी

मधु रुपए लेकर चली गई जाते-जाते मधु ने कहा कल रविवार है कल फ्लैट में मत दिखना सोमवार को ही आना फिर जब तक मन करे रहना मेरे रिश्तेदार आएंगे हवन होगा अगर वह रात को रुक जाएंगे तो मैं उन्हें मना नहीं कर पाऊंगी

तभी मधु के नए फ्लैट पर काजल आ पहुंची … वाह मेरी सहेली जब तूने कॉल करके बताया कि रविवार को तेरे इस फ्लैट में हवन है तो मैं बताने चली आई मैं हवन में नहीं आ पाऊंगी रविवार को हम दिल्ली से बाहर जा रहे हैं घर की नौकरानी से कहा था कि हमारे फ्लैट की रखवाली करते रहना बस हमने इतना ही कहा था कि फ्लैट के भीतर तुम्हें बंद करके बाहर से ताला लगा देंगे चाबी हम ले जाएंगे तो नौकरानी भड़क गई  मना कर दिया तब मधु बोली तुम एक काम करो हमारे किराएदारों को अपने फ्लैट में बंद करके रखो इनका भी समय बीत जाएगा और हमारा हवन भी हो जाएगा ……

काजल ने उन बुजुर्ग बूढ़े बुढ़िया से बात की तो वह मान गए रुकने के लिए राजी हो गए रविवार का दिन भी आया काजल ने उन बुजुर्गों को अपने फ्लैट के भीतर बंद कर दिया और बाहर से ताला लगा दिया इधर मधु ने सब रिश्तेदारों मां पिताजी भाई बहन हवन करने के लिए बुला लिए पूरी हलवा  खा … पीकर शाम तक सभी चले गए अशोक ने सब रिश्तेदारों से आशीर्वाद लिया फिर फ्लैट पर ताला लगाकर कंपनी वाले फ्लैट पर वापस मधु और सौरभ को लेकर पहुंचा…..

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रात के 12:00 बज चुके थे दोनों बुजुर्ग फ्लैट के भीतर फर्श पर बैठे थे बुजुर्ग ने बीड़ी निकाली तो बुढ़िया ने टोकते हुए कहा तुम्हारा दिमाग तो खराब नहीं है यहां कैमरे लगे हुए हैं बीड़ी पीने से यहां के महंगे सोफों में छेद भी हो सकता है बुजुर्ग ने बुढ़िया की बात सुनकर बीड़ी बुझा दी फिर पूछने लगा लेकिन मुझे एक बात समझ नहीं आई शहरों में जब मकान मालिक कहीं जाते हैं तो अपने फ्लैट की रखवाली के लिए अपने नौकरों को फ्लैटों में बंद करके जाते हैं शहरों में इंसान को इंसान नहीं समझा जाता तब बुढ़िया ने कहा तुम पगला गए हो हम यहां अशोक की तलाश में आए हैं और तुम यहां राम कहानी लेकर बैठ गए चलो सो जाओ सुबह तक तो ताला खुल ही जाएगा फ्लैट के बाहर गली में एकदम सन्नाटा पसरा हुआ था कुत्तों के भौंकने की आवाज़ें लगातार आ रही थी दो बुजुर्ग प्राणी एक कमरे में बंद बाहर से ताला लगा हुआ शहरों में अब मोहब्बत और प्रेम का कोई स्थान नहीं रहा रात के 2:00 बज चुके थे बुढ़िया बोली मुझे तो नींद ही नहीं आ रही इतने बड़े फ्लैट में …..

बुढ़िया ने करवट बदलते हुए कहा तुम्हें याद है जब अपनी पहली संतान हुई थी ज्वार चढ़ने के कारण हम उसे लेकर कहां-कहां भटके एक डॉक्टर ने उसे ठीक से ना देखा और उसने दम तोड़ दिया तब तुमने मुझे बहुत तसल्ली दी थी फिर 5 सालों तक मेरी कोई संतान न हुई और हम मंदिरों की चौखटों पर अपना माथा रगड़ते रहे शादी के 11 साल के बाद जब अशोक हुआ तो डॉक्टरों ने कहा अब इसके बाद तुम्हें कोई संतान न होगी डॉक्टर ने तुम्हारे भीतर शारीरिक कमजोरी की कमी बताई थी तब से आपने भी बीड़ी का सहारा ले लिया अशोक तो बचपन से ही शहर जाने की ज़िद करता था बड़ा होने पर उसने अपनी कसर पूरी कर ली इतना कहकर बुढ़िया की आंखें भीग गई तब बुजुर्ग बोला तुम रोती क्यों हो अपना बेटा अशोक मिल जाएगा … जरूर मिलेगा … बातें करते-करते दोनों फ्लैट के एक कोने में लेटे लेटे कभी यादों में खो जाते कभी अतीत में…

बुजुर्ग कहने लगा शहर की जिंदगी और शहर के लोग मुझे कुछ अजीब लगे अगर अशोक की तलाश ना करनी होती तो मैं दिल्ली शहर कभी ना आता तब बुढ़िया बोली मैं जानती हूं तुम ऐसा क्यों कह रहे हो हम ताले में बंद हैं अगर भूकंप आ गया तो हम यही दब कर मर जाएंगे भागने का भी कोई रास्ता नहीं है तुम भूकंप से बहुत डरते हो गांव में तो खुले मैदान है कच्चे मकान है गांव में तो ग्राउंड फ्लोर पर ही रहना होता है शहर में 10-10 मंजिला ऊंची ऊंची बिल्डिंग है रूपए पैसे वालों की दुनिया है लेकिन इंसानियत अभी भी बाकी है स्टेशन पर काजल मेम साहब हमें यहां ना लाती तो हम स्टेशन पर ही भटक रहे होते और काजल मेम साहब की सहेली मधु के पास किराए का कमरा न मिलता अजनबियों को भला कौन किराए पर रखता है सुबह होते ही मैं भी तुम्हारे साथ अशोक को ढूंढने चलूंगी ……

बातें करते-करते दोनों गहरी नींद में सो गए जब उन्हें किसी ने हिलाया तो उन्होंने आंखें खोली तो देखा काजल अपने पति के साथ खड़ी थी घड़ी में सुबह के 9:00 बज चुके थे काजल ने पूछा मैं एक बात पूछना चाहती हूं क्या तुम्हारी कोई संतान नहीं है तब बुढ़िया ने बताया 3 साल पहले मेरा बेटा दिल्ली आया था फिर उसका कॉल आना बंद हो गया हम इंतजार करते रहे दिन बीते ..महीने बीते फिर हमने सोचा शायद अब गांव लोट आएगा  किंतु जब हमसे इंतजार ना हो सका तो हम अपनी बेटी की खोज में दिल्ली चले आए …

काजल ने कहा मैं भगवान से दुआ करुंगी आप लोगों का बेटा जल्द मिल जाए सामने बाथरूम घर है नहाकर तैयार हो जाओ आपके कपड़े भी मैले हो चुके हैं आप लोग हमारे कपड़े पहन लो संकोच मत करना मैं रसोई घर में कुछ नाश्ता बना दूं आप लोग पेट भर के खाना खा लेना फिर हमारे पति आपको मधु के फ्लैट में छोड़ आएंगे तब काजल के पति मुकेश बोले आप लोगों का बेटा खो गया है आप मुसीबत में हो इस हालत में आप किराए पर रहकर अपने पैसे क्यों फूंक रहे हो हमारे यहां इसी फ्लैट में रहिए हम भी आपके बेटे को खोजने में आपकी मदद कर सकते हैं ….

तब बुढ़िया बोली हम तो मधु को ₹5000 किराए के दे चुके हैं इसलिए एक महीना तो हमें वही रहना होगा वैसे भी ईश्वर ने चाहा तो इसी महीने हमारा बेटा मिल जाए तो हम अपने गांव लौट जाएंगे तब काजल के पति ने कहा ठीक है जैसे आपकी मर्जी मगर मधु के फ्लैट में तो बिस्तर न होगा मैं आपको अपनी गाड़ी में बिठाकर ले चलता हूं और वहां बिस्तर का इंतजार कर देता हूं हमारे पास बहुत कपड़े चादर कंबल तकिया है और खाने-पीने की चिंता ना करना सुबह शाम मेरी पत्नी काजल आपके पास खाना रोज देकर आ जाएगी बुढ़िया और बुजुर्ग ने नहा कर काजल के दिए कपड़े पहन लिए और नाश्ता के बाद काजल के पति मुकेश उन्हें गाड़ी में बिठाकर उन्हें फ्लैट पर ले आया ताला लटका हुआ था तभी काजल का फोन आया सुनो जी मेरे पास मधु का फोन आया था उसने बताया था इस फ्लैट की चाबी बालकनी के सामने तुलसी के गमले के नीचे रखी हुई है ……

काजल के पति ने चाबी तुलसी के गमले के नीचे से निकाली ताला खोला और फ्लैट में बिखरी गंदगी को देखकर कहने लगा कल यहां हवन हुआ था चारों तरफ कितनी गंदगी है मैं अपना नौकर भेज कर यहां सफाई करवा देता है अभी मैं ऑफिस के लिए जा रहा हूं शाम को मिलता हूं हां अपने बेटे की फोटो भी दे दो शायद रास्ते में दिखाई पड़े तो तुम्हें सूचना दे दूंगा ….

बुढ़िया ने बालकनी के पास रख एक थैले से एक फोटो निकाल कर काजल के पति मुकेश को पकड़ाते हुए कहा यही मेरा बेटा है फोटो हाथ में रखते ही जब फोटो देखी तो उसे 3 साल पहले की शाम याद आई जब वह अपनी पत्नी काजल की सहेली मधु की कोर्ट मैरिज की शादी में शामिल होने के लिए कोर्ट पहुंचा था काजल का पति तुरंत फोटो लेकर गाड़ी से वापस अपने घर आया और काजल को फोटो दिखाते हुए बोला यह तो मधु का घरवाला …लग रहा है क्या मैं धोखा तो नहीं खा रहा हूं तब काजल ने भी फोटो को देखा और कहा शक्ल तो अशोक से मिल रही है मगर अशोक तो अनाथ है मुझे मधु ने बताया था तुम गलत फोटो तो नहीं ले आए तब काजल का पति बोला उन बुजुर्गों ने यही फोटो पकड़ाई हैं और कहा था इसका नाम अशोक है 3 सालों से गांव लौटकर नहीं आया ……

काजल ने तुरंत मधु को कॉल करके अपने फ्लैट पर बुलवाया तब मधु बोली ऐसी क्या खास बात है तुम कॉल पर ही बता दो तब काजल ने कहा तुम मेरे फ्लैट में चली जाओ अशोक तो कंपनी चला गया होगा…. हां वह तो ड्यूटी निकल गए मधु ने सौरभ को गोद में लिया फ्लैट पर ताला मार कर काजल के फ्लैट पर आ पहुंची…

काजल ने पूछा मधु तुम्हें एक बात बतानी है पहले बैठो और अपना दिल थाम लो तुम्हारे पति अशोक ने तुमसे एक बात छिपाई है अशोक अनाथ नहीं है काजल ने सारी बात बता दी मधु ने कहा अब मैं क्या करूं तब काजल ने कहा तूने एक नालायक बेटे से शादी करके खुद को बर्बाद किया है जो माता-पिता का ना हो सका वह भला तेरा क्या होगा तू इस समय अपने सास ससुर के पास जा उनका आशीर्वाद ले उनकी देखभाल कर मगर अशोक को इस बात की जानकारी नहीं होनी चाहिए कि उनके माता-पिता उसे ढूंढते ढूंढते यहां दिल्ली शहर तक आ पहुंचे तुम्हारे ही घर पर किराएदार बनकर रह रहे हैं अशोक से तो हम बाद में निपट लेंगे अशोक ने जिस तरह बूढ़े मां-बाप का दिल दुखाया है अशोक को भी कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए…

मधु अपने 2 वर्ष के बच्चे को लेकर तुरंत अपने नए फ्लैट पर पहुंची तो दोनों बुड्ढे बुढ़िया ताला लगाकर सीढ़ियों से उतर रहे थे तो मधु ने रोका आप लोग कहां जा रहे हैं तो उन्होंने बताया हम जिस काम के लिए आए थे.. उसे पूरा करना है ..

तब मधु ने ताला खोलते हुए कहा आप लोग इस फ्लैट में आराम करो इतनी बड़ी दिल्ली में कहां-कहां भटकोगे हम तलाश करेंगे आप लोग आराम कीजिए इतना कहकर मधु तुरंत कंपनी वाले फ्लैट में कुछ मजदूरों को साथ लेकर पहुंची और उन मजदूरों से कहा ……

यह डबल बेड हमारे नए फ्लैट पर पहुंचाना है गद्दे कंबल और चादर समेत ₹700 में बात हो गई शाम हुई तो अशोक घर आया देखा तो डबल बेड नही है वह कुर्सी पर बैठकर बोला मधु अपना डबल बेड कहां गया तब मधु बोली उसमें दीमक लग गई थी इसलिए मैंने उसे एक कबाड़ी को दे दिया तब अशोक खाना खाने लगा टेलीविजन में विज्ञापन आ रहा था कल भारत और ऑस्ट्रेलिया का मैच है अशोक खुश होते हुए बोला कल मैं दफ्तर से आने के बाद मैच देखूंगा उस रात अशोक खा — पीकर सो गया ….

अगले दिन अशोक घर आया तो सामने दीवार पर टेलीविजन नहीं था तब मधु ने बताया दीवार पर से अचानक कील ढीली हो गई और टेलीविजन नीचे फर्श पर गिरकर टूट गया मैंने सफाई करके कूड़े वाली गाड़ी में फेंक दिया कांच ही कांच फैल गया था सारा दिन सफाई ही करती रही अशोक कहने लगा मुझे मैच देखना था अब मैं क्या करूं रात होने पर अशोक के लिए फर्श पर बिस्तर लगा दिए गए अशोक ने कहा कुछ रुपए इकट्ठे करके हमें नया बेड और टेलीविजन लेना पड़ेगा अगले दिन अशोक दफ्तर से घर आया घर की सारी कुर्सियां गायब थी अशोक ने कहा घर की कुर्सियां कहां है तब मधु ने बताया तुमने इतनी घटिया कुर्सियां खरीदी थी उनमें भी खटमल दीमक भरे पड़े थे सब कूड़े में फेंकवा दिए अशोक उस रात चुपचाप सो गया मगर उसे नींद नहीं आ रही थी ….

वह मधु के पास आकर बोला चक्कर क्या है तीन दिनों से तुम बिस्तर अलग लगा रही हो तब मधु ने कहा सौरभ को सारा दिन संभालना होता है घर का काम होता है रात को ही थोड़ा आराम मिलता है मुझे नींद आ रही है तुम भी सो जाओ बढ़ती जनसंख्या के दौर में अपना एक बेटा ही काफी है ……

अशोक दफ्तर का थका था उसे भी नींद आ गई सुबह अशोक की आंख खुली तो मधु किचन में खाना बना रही थी अशोक दबे पांव पीछे से आकर मधु की कमर पकड़ते हुए बोला आज मेरा मूड बना दो तभी अशोक की नजर रोटी पर पड़ी मधु हम तो घर में केवल दो लोग ही है सौरभ तो दूध पीता है मुझे तो ऐसे लग रहा है जैसे तुम चार लोगों का खाना बना रही है तब मधु बोली मैंने डॉक्टर से अपनी भूख बढ़ाने की दवाई ली है तुम्हें कोई एतराज तब अशोक बोला ठीक है तुम दिन भर खाती रहो मुझे क्या …. मगर आज सब्जी में क्या बना रही हो तब मधु बोली तुम नहाकर आओ तब तक मैं बैगन की सब्जी तैयार करती हूं मंडी में मुझे बैगन ही मिले तो खरीद लाई …….

अशोक बोला तुम जानती हो मैं बैगन नहीं खाता फिर भी बैगन बना डालें तो मधु मुस्कुराते हुए बोली अब तो बन गए आज यही सब्जी दफ्तर में भी  ले जाना अशोक के दफ्तर जाने के बाद मधु ने तुरंत मटर पनीर की सब्जी बनाई रोटी में देसी घी लगाकर एक टिफिन में बांध कर रोज की तरह सौरभ को गोद  में लिए अपने नए फ्लैट पर चल पड़ी…… फ्लैट में सामने की दीवार पर टेलीविजन चल रहा था डबल बेड पर दोनों बुजुर्ग बैठे थे मधु ने सौरभ को बेड पर बिठा दिया और उनके पैर छूने लगी तो बुढ़िया बोली तीन दिनों से तुम हमारे पैर छू रही हो और हमारे लिए रोज सुबह शाम खाना भी ले आती हो आखिर हमारी इतनी सेवा क्यों हम तो तुम्हारे किराएदार हैं ……

तब मधु बोली जब से आप लोग हमारे घर आए हो सौरभ के पापा की सरकारी जॉब लग गई अब तो हमारे पास पैसों की कोई कमी नहीं है इसलिए अब मैं आप लोगों से किराया भी नहीं मांगूंगी कल हम लोग पिकनिक गए थे आज भी कोई नई जगह घूमने चलेंगे दिल्ली का कोना-कोना में आप लोगों को घुमा दूंगी घर में अकेली रहती थी बोर हो जाती थी अब आप लोगों का साथ रहेगा तो मेरा समय कट जाया करेगा और हां आपका बेटा मिल गया है लेकिन वह अभी हिंदुस्तान में नहीं है अमेरिका गया है एक महीने बाद ही लौटेंगे जब तक आप लोग यहां आराम से रहिए इतने में काजल भी आ गई नमस्ते मां जी नमस्ते .. नमस्ते बाबूजी आज ही मेरी अशोक से बात हुई थी अमेरिका से एक महीने बाद ही लौट रहा है काजल ने मधु को इशारे में आंख मारी तो मधु समझ गई अब आगे का क्या प्लान है …….

काजल बोली मेरे बच्चे बड़े हैं स्कूल सुबह ही चले जाते हैं दोपहर तक आते हैं इसलिए मैं दोपहर के 1:00 बजे तक ही यहां रह पाऊंगी लेकिन मैं आती रहूंगी काजल ने मधु को समझा दिया आज शाम तुम्हें अशोक के साथ क्या करना है ठीक है यह बात किसी को पता नहीं चलनी चाहिए शाम होने पर अशोक अपने कंपनी के बने फ्लैट पर आया तो ताला लगा हुआ था तभी अशोक का मोबाइल बजा मधु ने बताया आज मैं अपने मायके में हूं अर्जेंट आना पड़ा कल सुबह तक आ जाऊंगी दरवाजा खुला हुआ है थोड़ा धक्का दोगे तो दरवाजा खुल जाएगा और मुझे डिस्टर्ब मत करना हमारे यहां पड़ोस में कोई मर गया है चीख पुकारे मची हुई है अलमारी से तुम्हारे

45000 हजार रुपए मैं लेकर आई हूं .. अभी फोन रखती हूं ..

अशोक ,,, फ्लैट में अपने दफ्तर के कपड़े उतार कर बाथरूम में चला गया तो नहाने का साबुन नहीं मिला फिर अशोक ने बिना साबुन के ही नहा लिया फ्रिज खोला तो दूध भी नहीं था कि वह चाय बना ले रसोई घर में बैगन की सब्जी रखी थी जो शाम तक महक चुकी थी नाक सिकुड़ कर अशोक को याद आया जब वह छोटा था तब  अपनी अम्मा पर चीखता था मां तुमने बैगन की सब्जी फिर बना दी मेरे लिए कोई नई सब्जी बनाओ मेरी जिद्द के आगे मां मेरे लिए नई सब्जी फिर बनाने बैठ जाती थी कुछ समझ नहीं आ रहा मैंने मधु के साथ शादी करके ठीक किया या गलत एक-एक पैसा इकट्ठा करके टेलीविजन खरीदा था उसने टेलीविजन तोड़ दिया पलंग और कुर्सियां भी कूड़े में फिंकवा दी कुछ दिनों से उसका मूड ठीक नहीं है मगर बात तो अच्छे से करती है अच्छे परिवार की है अब तो बैगन ही खाने पड़ेंगे …….

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मां जी लो पकोड़े खाओ हरी चटनी के साथ … अभी आर्डर करके मंगवाए हैं आज मेरे पति दफ्तर से घर नहीं आएंगे उनकी जरूरी मीटिंग है मैं वहां अकेली फ्लैट में कैसे सो सकती हूं मुझे डर लगता है इसलिए आज रात में यही सौरभ को लेकर सो जाऊंगी .. क्यों नहीं बेटी हम तो किराएदार हैं ..और तुम इस घर की मालकिन हो ..बुढ़िया ने सौरभ को गोद में खिलाते हुए कहा ..

मधु ने फिर टोकते हुए कहा.. देखो आप लोग खुद को किराएदार कहते हो तो मुझे बुरा लगता है तभी दरवाजे की बेल बजी तो कुछ लोग एक नया फ्रिज लेकर आते दिखे दरवाजा खुला ही था नमस्ते मैम साहब आपने फ्रिज का आर्डर दिया था पता इसी फ्लैट का लिखवाया था फ्रिज कहां रखना है मधु ने किचन के पास इशारा करते हुए उन मजदूरों से कहा वह फ्रिज चालू करके चले गए मधु ने सौरभ के दादा-दादी को बताया गर्मी के दिन है ठंडा पानी और फल सब्जी रखने के लिए फ्रिज उपयोगी वस्तु है मधु ने मोबाइल से आर्डर पर फल बोतल और सब्जियां मंगवाई मधु घर के कामों में जुट गई साफ सफाई और किचन तैयार किया बाजार के तीन-चार चक्कर लगाकर नमक तेल चीनी मसाले जरूरत की सभी चीज खरीद लाई ……

रात 10:00 बजे मधु सौरभ के दादी-दादी को बाहर मार्केट में घूमाने ले गई वहां उनकी शॉपिंग में कपड़े दिलवाए तब बुढ़िया बोली हम तो समझते थे शहर के लोग बहुत बुरे होते हैं मगर तुम तो हमारी सेवा ऐसे कर रही हो जैसे हम तुम्हारे मां-बाप हैं उनकी बातें सुनकर मधु की आंख से पानी की एक बूंद टपक पड़ी चाह कर भी बता नहीं पा रही थी कि आप लोग मेरे सास ससुर हैं और सौरभ आपका पोता और मैं अभागिन आपकी बहू हूं मगर काजल ने अभी कुछ भी बताने से मना किया है काजल के पति वकील है वह लोगों को न्याय दिलाते हैं इन बूढ़े लोगों को भी न्याय दिलवा कर ही रहेंगे ……

क्या सोच रही हो बेटी बुढ़िया ने आइसक्रीम खाते हुए कहा

….कुछ नहीं… चलो आज आपको चाऊमीन और मोमोज खिलाती हूं दिल्ली वाले इन चीजों को बड़े शौक से खाते है वह देखो सड़क किनारे कितनी छोटी बड़ी दुकानों पर भीड़ लगी है ग्राहक कैसे अपना-अपना पसंद का खाना पीना खा रहे हैं चाऊमीन मोमोज खाने के बाद मधु उन्हें लेकर फ्लैट लौट आई सामने टेलीविजन चला दिया और सौरभ अब तक सो चुका था सौरभ के दादा-दादी मधु से बोले हमें अपने बेटे की चिंता हो रही है एक बार उससे बात हो जाती तो दिल को तसल्ली मिल जाती तब मधु ने कहा आप लोग चिंता मत कीजिए एक महीने की ही तो बात है मुझ पर पूरा विश्वास रखिए

…..विश्वास तो है बेटी मगर ….

मगर को छोड़िए रात हो गई आराम कीजिए मधु थोड़ा सा मुस्कुराई

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इधर फ्लैट में अशोक रात को करवटें बदलकर बेचैन हो रहा था बैगन की सब्जी खाने के बाद पेट में दर्द भी होने लगा था और आज नहाने के लिए साबुन भी नहीं मिला तो जिस्म से बुरी तरह बदबू आ रही थी

अलमारी में मधु ने एक रूपया भी ना छोड़ा वरना होटल से खाना ही खा लेता …….

लेटे-लेटे अशोक को नींद नहीं आ रही थी अशोक ने मधु के मायके में कॉल करके पूछा तब उन्होंने बताया मधु तो यहां पर नहीं है

अशोक को महसूस होने लगा शायद मधु मुझे धोखा दे रही है लगता है मधु की जिंदगी में कोई और आ चुका है…

अब मैं मधु के साथ एक दिन भी नहीं रहूंगा शहर चला आया था कि अपनी जिंदगी अच्छे से बिताऊंगा मगर मुझे एक धोखेबाज पत्नी मिली

क्या नहीं दिया मैंने इसे गहने कपड़े फ्लैट मधु को तलाक देने के बाद मैं अपने गांव वापस लौट जाऊंगा मेरे बूढ़े मां-बाप ना जाने किस हाल में होंगे किसी ने सच्ची कहा है जिस बच्चे ने अपने माता-पिता की सेवा नहीं की वह कभी मनुष्य हो ही नहीं सकता मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई

अगले दिन सुबह अशोक तुरंत कोर्ट पहुंचा और तलाक के कागज एक वकील से बनवा लिए दोपहर को अशोक घर आया तो मधु किचन में ही दूध उबाल रही थी अशोक ने पेपर मधु को दिखाते हुए कहा

कल रात तुम कहां थी यह बात सुनकर मधु ने कहा मैं तो मायके गई थी

अशोक ने कहा मैंने मायके फोन लगाया था मगर तुम वहां पर नहीं थी

तुम जैसी घटिया पत्नी के साथ में एक दिन भी नहीं रहना चाहता हूं

मधु ने कागज पर साइन कर दिया अशोक उन कागज को ले जाकर कोर्ट में जमा करने के लिए चल पड़ा

अशोक के जाने के बाद…

मधु ने सारी बात अपनी सहेली काजल को कॉल करके बता दी

तब काजल ने कहा मुझे लगता है अब अशोक के दिल में अपने माता-पिता के प्रति प्रेम जाग गया हैं …

वह अपने गांव अवश्य जाएगा अपने बूढ़े माता-पिता से मिलने के लिए

मैं अशोक को कोर्ट जाने से पहले ही उसे रास्ते में रोकती हूं..

काजल अपने पति मुकेश के साथ गाड़ी में बैठकर कोर्ट की तरफ चल पड़ी कोर्ट के बाहर ही अशोक खड़ा मिल गया

अशोक ने बताया अब मैं अपनी पत्नी मधु के साथ नहीं रह सकता उसने तलाक के पेपर पर हस्ताक्षर कर दिए हैं मैं यह कागज कोर्ट में जमा करने के लिए ही यहां आया हूं…

तब काजल और मुकेश जोर-जोर से हंसने लगे…

फिर दोनों एक साथ कहने लगे मधु बहुत बुरी लड़की है उसे तलाक जरूर देना चाहिए मगर अभी नहीं तुम हमारे साथ चलो अपने नए फ्लैट पर और एक बार अपने किराएदार से मिल लो फिर फैसला लेना मधु से तलाक लेना है या नहीं

अशोक कुछ समझ नहीं पा रहा था बातों को ….

लेकिन काजल की जिद्द के आगे अशोक गाड़ी में बैठ गया मुकेश गाड़ी चलाकर अशोक के नए फ्लैट पर वापस ले आया ..

अशोक जब अपने नए फ्लैट के भीतर पहुंचा तो

वही डबल बेड .. वही पुराना टेलीविजन अशोक ने जब देखा कि उसके बूढ़े माता-पिता पलंग पर बैठकर आराम से टेलीविजन देख रहे हैं

तब काजल ने कहा अपने नए किराएदार से मिलिए

मधु भी सौरभ को लिए वहीं पर बैठी हुई थी

अशोक के माता-पिता के सामने थाली में मटर पनीर की सब्जी खीरे ककड़ी की सलाद और देसी घी की रोटियां रखी थी

सौरभ अपनी दादी की गोद में खेल रहा था..

अशोक ने 3 सालों के बाद जब अपने माता-पिता को देखा तो अपने आंसू रोक न सका सौरभ की दादी ने जब अशोक को देखा तो कहा अरे तू अमेरिका से आ गया तुझे तो एक महीने बाद आना था..

तब काजल ने सब कुछ समझा दिया अशोक को कि तुम्हें सही राह पर लाने के लिए हम तुम्हारे साथ नाटक कर रहे थे

बुड्ढे बुढ़िया को जब पता चला इस घर की मालकिन ही हमारी बहू है और सौरभ हमारा पोता है मैं सौरभ की दादी हूं

सौरभ की दादी ने अशोक को बताया कल बहू हमारे ही साथ रात को यही रुकी थी सुबह शाम का खाना बना कर रोज दिनभर यही रहती थी

अशोक ने मधु से क्षमा मांगी और तलाक के पेपर फाड़ दिए …

नेकराम सिक्योरिटी गार्ड मुखर्जी नगर

दिल्ली से स्वररचित रचना

3 thoughts on “खोया बेटा वापस मिला – नेकराम : Moral Stories in Hindi”

  1. बहुत सुंदर कहानी लिखी बहुत अच्छा लगा पढ़कर

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