Moral Stories in Hindi : अनुराधा की बुआ सास रमणी ने कहा यह क्या कर रही है अनु ?
अनुराधा को समझ नहीं आ रहा था कि उसने क्या किया है । ऐसी कौनसी गलती हो गई है जो वे उसे रोक रही है ।
अनुराधा ने कहा कि मैंने ऐसी कौनसी गलती कर दी है माँ आप ऐसा क्यों कह रही हैं ।
रमणी ने कहा कि मैंने जो गलती की तू भी उसे ही दोहरा रही है । मेरी इस हालत को देखते हुए भी तुझे सबक नहीं मिला अफ़सोस की बात है ।
तुम्हें याद है बहू तुम्हारे ससुर के गुजर जाने के बाद मेरे बच्चों ने भी मुझसे यही कहा था कि आप गाँव में अकेले क्या करेंगी हमारे घर पर रहने आ जाइए हम हैं ना ! आपकी देखभाल करने के लिए मैंने उनकी बातों को सच मानते हुए सारी जायदाद उनके नाम कर दिया था । जब तक मैं स्वस्थ थी और काम कर रही थी दोनों ने मेरा इस्तेमाल किया जब बीमार पड़ने लगी तो उनके लिए बोझ बन गई थी ।
उस दिन तुम्हारा पति पंकज मुझे देखने के लिए अचानक नहीं आता था तो किसी को भी पता नहीं चलता था कि मैं कहाँ हूँ । यह तो भला हो पंकज का जो मुझे अपने साथ घर ले आया । चार बच्चों की माँ हूँ मैं और तुम लोगों के घर पर रह रही हूँ ।
अनुराधा ने कहा कि माँ जी मैंने अपने बच्चों को बहुत ही अच्छे संस्कार दिए हैं । मेरा उनके साथ खून का रिश्ता है । सबसे बड़ी बात यह है कि उन्हें अभी पैसों की ज़रूरत है । मैं मानती हूँ कि हमारे बाद हमारी दौलत उनकी ही हो जाएगी लेकिन ज़रूरत के समय ना दें तो क्या फ़ायदा है ।
रमणी कहती हैं कि मैंने भी अपने बच्चों को संस्कार दिए हैं पर बेटा बच्चे जब बड़े हो जाते हैं तो उनके विचारों में परिवर्तन आ जाता है।
तुम लोग अभी इतने बूढ़े भी नहीं हो गए हो कि घर में राम राम कहते हुए बैठ जाओगे
कभी मंदिर जाना है या घूमने जाना है घर आए कोई तो उन्हें कुछ देना है तो पैसों की ज़रूरत पड़ती है तब बच्चों के सामने हाथ फैलाओगे क्या?
हम क्या करें माँ बच्चे फ़ोन पर फोन कर रहे हैं कि आप दोनों जायदाद बेच कर यहाँ हमारे पास रहने आ जाओ । हमें पैसों की ज़रूरत है।
अब उनकी ज़रूरत के वक़्त काम ना आए तो इतनी जायदाद रखने और खून के रिश्तों की दुहाई देने से क्या फ़ायदा है?
मैंने कब कहा कि उनकी मदद मत करो?
उनसे कहो कि कुछ पैसा हम देंगे और कुछ पैसों की जुगाड़ लोन ले कर कर लें । उनकी मदद किए जैसा होगा और लोन लेकर हर महीने भरने से ज़िम्मेदारी का अहसास भी होगा ।
पंकज ने कहा अनु बुआ ठीक ही तो कह रही है । समझ लो कल को वे अमेरिका चले गए और हमें अकेले रहना पड़ेगा हेल्पर की सहायता लेना भी चाहें तो भी पैसों की ज़रूरत पड़ती है । हम अभी जल्दबाज़ी नहीं करेंगे इसके बारे में सोचते हैं ।
अनुराधा ने भी सोचा बुआ जी की सारी जायदाद बच्चों के नाम करने के बाद भी उनके गहने उनके पास हैं । जिन्हें उन्होंने बेच दिया और पैसों को बैंक डालकर अपना गुज़ारा कर रही है हमारे घर में रहती हैं और खाना खाती हैं लेकिन बाक़ी के खर्चे वे खुद उठाती हैं ।
कह नहीं सकते हैं कि खून का रिश्ता भी बदल सकता है इसलिए पूरे पैसे देने के बदले थोड़ा थोड़ा दोनों को देंगे ।उनसे कह देंगे कि पति पत्नी दोनों एक साथ मिलकर रहेंगे किसी के भी घर में आकर नहीं रहेंगे हाँ बीच बीच मिलने आ जाया करेंगे और आप लोग भी अपने बच्चों के साथ हमारे घर आ सकते थे ।ऐसा निर्णय लेने के बाद उसने पति को बताया तो वे भी खुश हो गए और दूसरे दिन बच्चों को अपना यही निर्णय सुना देंगे ऐसा सोचकर रात को दोनों सुकून की नींद सो गए थे ।
के कामेश्वरी
साप्ताहिक विषय- खून का रिश्ता