खिलाफ – पूजा शर्मा: Moral stories in hindi

एक हफ्ता हो गया था बाप बेटे के बीच शीत युद्ध छिढ़ा हुआ था बातचीत ना के बराबर थी और सुनीता बिचारी वह तो बीच में पिस रही थी। जिसे भी समझाने की कोशिश करती वही उसके खिलाफ हो जाता। घर का माहौल तनाव पूर्ण हो गया था। सुनीता का मन हो रहा था सब कुछ छोड़-छाड़ कर कुछ दिन को यहां से चली जाए। सुनीता के पति राजेश नोएडा के प्राइवेट बैंक में नौकरी करते हैं और इकलौता बेटा शिवम यही मल्टीनेशनल कंपनी में एक इंजीनियर।

दरअसल उनका बेटा शिवम अपनी कंपनी में काम करने वाली शिवांगी से शादी करना चाहता है। लेकिन राजपूत घराने के राजेश जी को ये रिश्ता मंजूर नहीं क्योंकि शिवांगी उनकी जाति की नहीं है। सुनीता का कहना है कि बच्चों की खुशी में ही हमारी खुशी होनी चाहिए आजकल जाति कौन ध्यान में रखता है। इसी बात पर घर में क्लेश बना हुआ है। दोनों नाश्ता करके जा चुके हैं।

राजेश जी को बैंक छोड़ता हुआ उनका बेटा अपनी कंपनी में जाता है। सुनीता अपनी तसल्ली वाली चाय लेकर ही बैठी थी कि उसकी बड़ी बहन गरीमां का फोन आ जाता है। मां बाप के जाने के बाद उसकी बड़ी बहन ही है जिससे वह अपने मन की सारी बातें करती है। सुनीता बोली क्या बात है दीदी आजकल ज्यादा बिजी रहने लगी हो, उनकी बातें सुनकर तो बहू आने के नाम से और भी घबराहट होने लगी। वह बोली अरे क्या बताऊं हमारी पीढ़ी की एक अलग ही कहानी है? कल तक सास की सेवा की और आज बहू की कर रहे हैं। अब बहू को ही क्या बोलूं जब मेरी खुद की बेटी ही 10:00 बजे सोकर उठती है

 वही अपनी मां का तरस नहीं करती सारा काम अकेले ही करना पड़ता है बहू बेटी दोनों तैयार होकर ऑफिस ही समय पर पहुंच जाए वही बहुत बड़ी बात है। भगवान जाने कल को ये भी जिस घर की बहू बनेगी वहाँ जाकर कैसी कैसी बुराई दिलाएगी। तू भी पहले से ही कमर कस ले हमें तो जिंदगी भर काम ही करना है। उनकी बातें सुनकर मैं भी यही कहने लगी ना जाने हमारे घर में कैसी बहू आएगी, मैं तो एडजस्ट कर लूंगी लेकिन राजेश उन्हें तो हर छोटी-छोटी बात पर बहुत गुस्सा आता है। पहले तो वह अपने बेटे की शादी के लिए तैयार ही हो जाए।

अंतरजातीय विवाह के पूरे खिलाफ है राजेश , क्या करूं दीदी कुछ समझ में नहीं आ रहा है ,, गरिमा बोली तू प्यार से बात कर राजेश को समझा , अब जमाना बदल चुका है। ठीक है दीदी एक बार और कोशिश करके देखती हूं कहकर उसने फोन रख दिया। खाना खाने के बाद रात को इस विषय पर चर्चा हुई तो राजेश को अपनी औलाद के सामने झुकना ही पड़ा। लेकिन इसी शर्त पर शादी होती है कि किराए पर जो दो कमरे और रसोई चढ़ाई हुई है। उसे खाली कराकर शिवम को अपनी पत्नी के साथ उसमें शिफ्ट होना पड़ेगा।

सुनीता यह सोचकर तैयार हो जाती है कि धीरे-धीरे सब ठीक हो ही जाएगा। आखिर अपने खून से कितने दिन नाराज रहेंगे। शिवांगी दुल्हन बनकर घर में आ जाती है वैसे भी बहु से उसने कोई उम्मीद नहीं की थी। जैसी आजकल की लड़कियां होती हैं वैसी ही बहू भी होगी। अपनी बहन की बहू को वह देख ही चुकी थी लेकिन शिवांगी बिल्कुल अलग थी। अलग रहते हुए भी वह सुबह उठकर अपने सास ससुर के पैर छूना नहीं भूलती थी। ना चाहते हुए भी राजेश का हाथ उसके सर पर चला जाता था।

ऑफिस जाने से पहले शिवांगी अपना सारा काम सफाई से खत्म कर लेती थी घर के मंदिर में दीपक जलाए बिना वह ऑफिस भी नहीं जाती थी।एक दिन राजेश किसी काम से बाहर गए हुए थे। शाम के समय सुनीता को बीपी लो होने की वजह से चक्कर आ गया और पैर में मोच आ गई। शिवम अपनी मां को डॉक्टर के पास ले गया तो डॉक्टर ने दो दिन का बेड रेस्ट बोला था। एक बेटी से भी ज्यादा ध्यान रखा था शिवांगी ने अपने ऑफिस की छुट्टी लेकर अपनी सास का। सुनीता तो वैसे ही अपनी बहू की कायल हो चुकी थी।

राजेश जब घर आए और सारी बात पता चली तो सन रह गये । उनकी बहू उनके लिए खाना ले आई उसके हाथ का खाना खाने को जब उन्होंने मना किया तो सुनीता बीच में ही बोल पड़ी रख दे बहू। देखती हूं कैसे नहीं खाएंगे। आप मानो या ना मानो शिवांगी हमारे बेटे की पत्नी और हमारी बहू है आपको उसे दिल से अपनाना ही पड़ेगा, अगर हम अपनी मर्जी से शादी करते तो भी ऐसी बहू ना ढूंढ पाते। सुनीता के समझाने का असर था या खुद की ही सोच बदल गई थी।

राजेश जी चुपचाप खाना खाने बैठगए और ₹1100 निकालकर अपनी बहू को देते हुए कहा तुम्हारे खाना बनाने की रस्म के पैसे हैं पहली बार तुम्हारे हाथ का खाना खाया है ना।।शिवांगी की आंखों में आंसू आ गए। सुनीता भी अपलक उन्हें देख रही थी क्योंकि वह जानती थी बहू को स्वीकार तो करेंगे लेकिन इतनी जल्दी सब कुछ हो जाएगा उसे आशा ना थी। इससे पहले वह कोई और निर्णय ले। सुनीता ने अपने बेटे शिवम से कहा बहु से कहो अब अपनी असली रसोई मैं खाना पकाएगी और सबसे पहले ह ‌लवा बनाएगी। सही मायने में आज बहू का गृह प्रवेश हुआ है क्योंकि उसने अपने ससुर के मन में भी प्रवेश कर लिया है। राजेश जी ने भी उठकर अपने बहू बेटे को गले लगा लिया। देर आए दुरुस्त आए।

पूजा शर्मा

V PINK

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