नमन सिन्हा समाज के बहुत ही प्रतिष्ठित व्यक्ती थे। सभी उनका बहुत सममान करते थे। उनकी एक बेटी थी रागिनी जैसा नाम पैसा गुण सुंदर सुशील संस्कारी लडकी थी। नमन जी चाहते थे कि उसकी शादी अच्छे खानदान मे हो जाये वो पढने मे भी बहुत जहीन थी यह रागिनी के
कॉलेज का आखरी साल था। रागिनी कुछ दिनों से नोटीस कर रही थी कि उसकी क्लास का लडका राजा उसे चुपके से देखता है वो से बात करने की कोशिश करता है असे तोहफे देता है धीरे धीरे रागिनी भी उसकी तरफ आकर्षित हो जाती है दोनो एक दुसरे से प्यार करने लगते है और शादी करना चाहते थे। परंतु रागिनी जानती थी
कि उसके पिता जी नहीं मानेगे। उसने राजा से कहा कि तुम अपने मा बाप को उसके घर रिशता लेकर भेजे। राजा ने कहा कि तुम अमीर परिवार से हो वो नहीं मानेगे। रागिनी बोली मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती। राजा बोला चलो हम भाग कर शादी कर लेते है और शादी के बाद सब ठीक हो जाएगा।
रागिनी बोली मैं क्या करू समझ नहीं आ रहा। राजा रागिनी को समझाता रहा और रागिनी राजा की बातो मे आकर घर से भागणे को तैयार हो गई
राजा बोला तुम कुछ गहने और पैसे लेकर आना अभी हम दुसरे शहर जाकर बसेंगे तो पैसे की जरुरत लगेगी। रागिनी कॉलेज से घर पहुची तो उसने देखा मेहमान बैठे है । मा जल्दी से उसे अंदर ले गयी और तैयार करने लगी रागिनी ने पूछा ये लोग
कौन हैॽ मा बोली तुम्हारे लिए बहुत अच्छा रिश्ता आया है लडका वकील है बहुत अच्छा परिवार है तुम खुश रहोगी रागिणी हैरान होकर देखने लगी वो लडके वालो के सामने गई सभी को रागिनी पसंद आई और रिश्ता पक्का हो गया रागिनी बुझे मन से अपने कमरे मे आई राजा को फोन मिलाने लगी उसने राजा को सब बताया
राजा बोला जल्दी से तुम वहा से समान बटोर लो हम आजही भाग चलते है रागिनी बोली इतनी जल्दी सब कैसे होगा राजा बोला तुम चिंता मत करो मै देखता हूऀ। दो दिन बाद रागिनी का भागने का कार्यक्रम तय हुआ । रागिनी ने मा की अलमारी से जेवर पैसे निकाल लिये ।
जेजण व भागने वाली थी उस दिन सुबह पडोस में बहुत शोर था पडोस की मीना किसी लडकी के साथ भाग गई थी। माता पिता का रो रो कर सब लोग माता पिता के बारे मे भी उलटा सीधा बोल रहे थे।
ये सब देखकर रागिनी डर गयी और घर आ गयी उसे अपने आखो के आगे अपना ही चित्र दिखाई दे रहा था कि उसके जाने के बाद मा बाप को क्या क्या सुनना पडेगा। उधर राजा उसे फोन करके पुछता सब सामान रख लिया कब निकल रही हो ॽ लोगो की नजरे नमन जी पर थी नमन जिने बडे अधिकारी को फोन किया और मीना के बारे मे बताया ।
नमन जी की कोशिशों के कारण बिना किसी परेशानी के मीना वापस आ गयी। शाम को रागिनी के घर पुलिस वाले, रागिनी के होने वाले ससुर और उनका उसका होने वाला पति सब बाते करते की यह गिरो है जो लडकी को बर्गला कर अपने साथ ले जाता है और लडकी को बेचकर उनसे वेश्याव्यवसाय करवाता है। यह सुंदर लडकीयो को अपना शिकार बनाते है
लडकिया इनके जाल मे फस्त कर घर से पैसा सब लेकर भाग जाती है उनको बेच कर उनका पैसा लेकर भाग जाते है। बिचारी लडकी इस दलदल में फस जाती है। ये है सब सुनकर रागिनी डर ग ई हो राजा को फोन लगा रही थी पर उसका नंबर बंद था। रागिनी को समझ नही आ रहा था कि वो क्या करे।
आखिर व मंदिर का बहाना करके राजा से मिलने के लिए निकली वो अपनी नियत जगह पर पहुची पर राजा वहा नहीं था । रागिनी मुझे कदमो से घर वापस लौट रही थी तो उसे झाडीयो से कुछ आवाज आई उसे ऐसा लगा जैसे राजा है वो कुछ कहना चाहती थी उससे पहले ही उसने सुना की यार ये क्या हो गया मैने गाव की सबसे अमीर लडकी को पटाया था
उसको लेकर भागने वाला था उसका बाप बहुत र ईस है वो भी बहुत सुंदर है तगडा पैसा लाएगी ऐश
होगी पर इस साकिब ने सारा काम बिगाड दिया पैसे पर ऐश करता मजे करता और उसको बेच देता के बाप से बहुत सारा पैसा भी वसूलता । रागिनी को काटो तो खून नही व सूचने लगे हम ऐसे आदमी के साथ भागने वाली थी । रागिनी खुद पर काबू पाते जैसे तैसे छुपते छुपाते घर पहुंची बाहर पिताजी खडे थें उन्होंने पूछा रागिनी कहा से आ रही हो ॽ
रागिनी बोली पिताजी मंदिर ग ई थी । पिताजी बोले जमाना खराब है शाम को घरचे मत निकला करो रागिनी बोली जी पिताजी और अपने कमरे मे आकर रोने लगी वो सोच रही थी मै ऐसे इंसान के लिएअपने खानदान की इज्जत को मिट्टी मे मिलाने चली थी वो ईश्वर को धन्यवाद दे रही थी कि सही समय पर उसे सच्चाई का पता चल गया
अचानक उसका फोन बजा उसने देखा राजा का फोन था एक मन हुवा कि उसे अच्छे से बाते सुनाओ फिर उसने सोचा चुप रहने मे ही समझदारी है रागिनी ने फोन उठाया दुसरे तरफ राजा था राजा बोला आज नही जा पायेंगे मेरे पिताजी अस्पताल मे भरती है तो किसी और दिन हम भाग जायेंगे तुम सब तैयारी रखना ऐसा क्या कर राजाने अपना फोन रख दिया
रागिनीने फोन मे से सिम निकाल कर तोडकर फेक दी तभिमा उसके कमरे मे आई और बोली रागिनी तुम्हे रजत पसंद है ना रागिनी मा के गलेलग कर रोने लगी मा ने पूछा क्या बात है रागिनी बोली बस मा मीना के बारे मे सो रही थी मा ने कहा तुम परेशान मत हो हम तुम्हारे साथ है डरो मत सो जाओ रात बहुत हो गयी है कल रजत के घर वाले आयेंगे और तुम्हारी मगनी हो जायेगी
रागिनी रात भर होती रही और ईश्वर का धन्यवाद करते है की उसने उसे बचा लिया। रजत किं और रागिनी की शादी हो गयी तो खुशी खुशी अपने घर मे रहने लगी वरून ईश्वर का धन्यवाद करती इतने अच्छे घर परिवार के लिये एक दिन रजत घर आये और बताने लगे की आज उन्होंने एक ऐसे आरोपी को सजा करवाई है जो लडकियो को बहला फुसला कर उनका जीवन खराब करता है
रागिनी चाय देते मुझे बोली कौन है वो रजत बोला उसका नाम राजा है वो लडकियो को बहला फुसला कर उनको बेच ज देता था जाच मे पता चला उसने तुम्हारे कॉलेज की भी एक दो लडकियो को फसाया था यह सुनकर रागिनी डर ग ई और रोने लगी रजत ने कहा तुम क्यो रो रही हो रागिनी बोली में उन लडकियों के बारे मे सोच कर डर गई रजत ने कहा
ये आसू रागिनी बोली ये तो खुशी खुशी के आसू है क्यूकी मेरे पास आप जैसा हमसफर है बहुत खुश नसीब हूॅ । रजत बोला खुश नसीब तो हम है जो आप जैसा जोडीदार हमे मिला रागिनी रजत के कांधे पर सिर रख कर सोच रही थी की यदि मै राजा के साथ भाग जाती तो दो खानदानो की इज्जत मिट्टी मे मिल जाती हे ईश्वर तूने मुझे बचा लिया।
यह एक स्वरचित कहानी है
आशा है आपको पसंद आएगी
आपकी सखी खुशी, conquer