रंजना किचन में दोपहर का खाना बना रही थी। काफी देर से रंजना का फोन में रिंग बज रहा था लेकिन रंजना उठा नहीं रही थी सोच रही थी थोड़ी देर बाद जाकर उठा लूंगी क्योंकि इतने समय रंजना के मां का फोन आता था। सोची मां का ही फोन होगा आराम से बात करूंगी। लगातार रिंग बजे जा रहा था तो रंजना ने भी सोचा पता नहीं किसका फोन है। वह गई तो देखी की मां का ही फोन है। फोन उठाकर रंजना बोली मां मैं थोड़ी देर में फोन करती हूं।
तभी उधर से आवाज आया बेटी फोन मत रखना बहुत जरूरी काम है। तुम्हारे पापा का हार्ट अटैक आया है और तुम्हारा भाई सिटी हॉस्पिटल में पापा को भर्ती किया है और मैं भी हॉस्पिटल में ही हूं। लेकिन एक प्रॉब्लम है। रंजना बोली क्या? जल्दी बताओ। रंजना की मां बोली बेटी तुम्हारे का पापा हार्ट का ऑपरेशन करना पड़ेगा बहुत जल्द लेकिन डॉक्टर 5 लाख मांग रहे हैं और हमारे पास 3 लाख का इंतजाम हो पाया है क्या तुम दामाद जी से 2 लाख के लिए बोल सकती हो कुछ दिनों में हम उन्हें वापस कर देंगे।
रंजना बोली मां मैं अभी नीतीश को फोन लगाकर बोल देती हूं यह भी कोई कहने की बात है। रंजना उसी समय नीतीश को फोन लगाई। नीतीश ने रंजना से बोला ऑफिस के अर्जेंट मीटिंग में हूं मैं तुम्हें थोड़ी देर में फोन करता हूं। रंजना बोली नहीं बहुत अर्जेंट है 2 मिनट तो सुन लो। नीतीश ने रंजना को यह कहकर फोन काट दिया कि शाम को आकर बात करता हूं।
रंजना अपनी मां को फोन करके बोली मां तुम तुम चिंता मत करो अभी नीतीश ऑफिस के अर्जेंट मीटिंग में बिजी हैं शाम को जैसे ही आते हैं मैं भाई के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करवा दूंगी।
शाम को नीतीश जब घर आया तो घर आते ही नीतीश ने पूछा चलो पहले एक कप चाय बना कर लाओ और बताओ क्या कह रही थी दिन में। किचन में से ही रंजना ने नीतीश को बताया कि उसके पापा की तबीयत बहुत खराब है और उन्हें हार्ट अटैक आया है और वह हॉस्पिटल में एडमिट है। नितीश बोला ओह यह तो बहुत बुरी खबर है।
रंजना नीतीश को चाय देते हुए बोली नीतीश क्या हम मम्मी को 2 लाख कुछ दिनों के लिए दे सकते हैं पापा का ऑपरेशन करना बहुत जरूरी है और भाई सिर्फ 3 लाख ही जुटा पाया है। पैसे का नाम सुनते ही नीतीश की आवाज तेज हो गई और बोला यार तुम तो ऐसे बात कर रही हो 2 लाख नहीं 2 सौ हो मेरे पास 2 लाख कहां है अगले सप्ताह तुम्हें पता है कि हमारी शादी की 3 साल हो गए और आज तक मैंने पार्टी नहीं दी और अगले संडे को पार्टी निर्धारित है। मैंने ऑलरेडी सब कुछ बुक कर दिया है। 10 हजार की बात हो तो मैं मदद कर सकता हूं.
रंजना बोली 10 हजार से क्या होगा नीतीश। नीतीश बोला भाई फिर तो बोल दो कहीं और से इंतजाम करेंगे मेरे पास तो बस इतना ही है।
रंजना ने अपने पति नीतीश से रिक्वेस्ट किया कि क्या हम यह पार्टी टाल नहीं सकते हैं पार्टी तो दोबारा हो सकता है लेकिन पापा। नीतीश बोला देखो भाई मेरी भी कुछ समाज में इज्जत है और तुम तो जानती हो यह पार्टी मैंने 3 सालों से टालता आ रहा हूं और अब मैं नहीं टाल सकता हूं क्योंकि मैंने टेंट भी ऑलरेडी बुक कर दिया है।
रंजना मन मसोसकर रह गई। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह अपनी मां से कैसे कहें कि नीतीश ने पैसे देने से मना कर दिया है। डायरेक्ट तो बोल भी नहीं सकती है। रंजना अपनी मां से झूठ बोली की मां तुम्हें पता है ना मैं बहुत पहले कह रही थी कि नीतीश यहां पर एक फ्लैट लेने वाले हैं। सुबह ही फ्लैट वाले को पैसे देकर आ गए हैं। वह बता रहे थे अब मेरे पास एक भी रुपए नहीं है।
रंजना इतना कह कर रोने लगी। रंजना की मां ने रंजना को चुप कराया और कहा बेटी कोई बात नहीं जो होना होगा वह तो अब होगा ही तुम चुप रहो तुम तुम भी आखिर क्या कर सकती हो। माँ ऐसी होती है कि अपनी बेटी की मन की बात बिना कहे ही समझ जाती है।
रंजना ने खाने के समय नीतीश से कहा कि चलो फिर पापा से मिलकर आते हैं। नीतीश ने कहा यार अभी कहां टाइम है अब अगले सप्ताह पार्टी खत्म होने के बाद ही जाएंगे।
रंजना अब उदास रहने लगी थी। संडे को पार्टी शुरु हो चुका था। रंजना के सास और ननद भी सब इस पार्टी में शरीक होने आए थे। लेकिन रंजना के चेहरे से बिल्कुल खुशी गायब हो चुकी थी और वह तो अपने पापा के बारे में ही सोच रही थी कि वह यहां पार्टी मना रही है और पापा उसके बेड पर पड़े हुए हैं और उनसे मिलने भी नहीं जा पाई।
रंजना की ननद ने रंजना को अकेले में ले जाकर बोली भाभी क्या बात है आप इतना उदास क्यों लग रही हैं। रंजना ने अपनी ने ननद से कहा नहीं कोई बात नहीं बस ऐसे ही मन नहीं लग रहा है। रंजना की ननद ने जब जोर देकर पूछा रंजना ने अपने पापा के बारे में सब कुछ बता दिया। रंजना की ननद बोली ओह भाभी यह तो बहुत बुरी खबर है। मैं सुबह ही भाई को बोलूंगी वह आपको लेकर आपके मायके जाए।
घर के सारे लोग पार्टी करने में मशगूल थे रंजना अकेले किनारे बैठी हुई थी तभी उसका फोन बजा और उधर से रंजना के भाई का फोन था उसने अपनी बहन से हेलो बोल कर फोन पर ही रोने लगा रंजना बोली क्या हो गया भाई क्यों रो रहे हो। रंजना का भाई बोला दीदी हम पापा को नहीं बचा सके।
रंजना भी वहीं पर रोने लगी रंजना की रोने की आवाज सुनकर सब पार्टी छोड़ रंजना के पास दौड़ पड़े। रंजना की सास ने पूछा बहू क्या हो गया क्यों रो रही हो। रोते-रोते रंजना ने अपनी सास से बताया कि उसके पापा अब नहीं रहे। उसी समय पार्टी को रद्द किया गया और रंजना की ससुराल की सारी फैमिली रंजना को लेकर उसी समय रंजना के मायके के लिए रवाना हो गए।
चार-पांच घंटे बाद रंजना के ससुराल वाले रंजना के मायके पहुंच चुके थे रंजना भी अपने मां के गले लग कर खूब रो रही थी। रंजना की सास ने रंजना के मां से पूछा। बहन जी क्या हो गया था भाई साहब को। रंजना की माँ ने रंजना की सास को सब कुछ बता दिया उसके पापा को हार्ट अटैक आया हुआ था डॉक्टर 5 लाख मांग रहे थे ऑपरेशन करने के लिए लेकिन हम 5 लाख नहीं जुटा पाए हमारे पास सिर्फ 3 लाख ही था। रंजना की सास ने कहा बहन जी फिर हमें क्यों नहीं बताया हम दे देते आपको 2 लाख । रंजना की मां ने बोला मैंने रंजना से बताया था लेकिन रंजना ने नीतीश को बताई होगी तो नीतीश के पास भी पैसे नहीं थे शायद।
रंजना की सास ने वहीं खड़े अपने बेटे नितीश से पूछा नीतीश क्या बहू ने तुम से पैसे के लिए बोला था और तुमने पैसे देने से मना कर दिया था। नीतीश चुपचाप खड़ा रहा और बस इतना ही कह पाया माँ अगले सप्ताह पार्टी था तो इस वजह से सारे पैसे इसी में खर्च हो जाने थे। रंजना की सास ने अपने बेटे को डांट लगाई और बोली पार्टी कभी और हो जाता भाई साहब की जिंदगी से ज्यादा जरूरी पार्टी थोड़ी था और फिर तुम्हारे पास पैसा नहीं था तो हमसे बोल देते।
नीतीश क्या हमने तुम्हें यही संस्कार दिए थे। हमने कभी भी पैसे को महत्व नहीं दिया हमने तुम्हारी शादी भी बिना दहेज के किया था अगर चाहते तो अच्छा खासा दहेज ले सकते थे. शर्म आ रही है मुझे तुम्हें अपना बेटा कहते हुए जीवन मरण बेशक भगवान के हाथों में है लेकिन हमें अपना फर्ज तो पूरा करने चाहिए। आखिर हम रिश्तेदार किस लिए कहलाते हैं जब हम एक दूसरे के दुख तकलीफ में काम ही ना आए। बेटा हमारी जितनी भी सामर्थ्य है उतना हमें मदद करनी चाहिए
नीतीश शर्म के मारे अपने गर्दन झुका लिया था। रंजना के नजरों में हमेशा हमेशा के लिए गिर गया था। रंजना के पापा के दाह संस्कार करने के बाद कंगना के ससुराल वाले वापस लौट आए।
सब के जाने के बाद रंजना और उसकी मां बैठ के रो रहे थे। रंजना ने अपनी मां से कहा मां मुझे अपनी नौकरी नहीं छोड़नी चाहिए थी। अगर मैं नौकरी कर रही होती तो कुछ पैसे तो जमा की ही होती और उस पैसे से पापा का इलाज हो जाता तो आज पापा जिंदा होते। मैंने नीतीश के कहने में आकर नौकरी छोड़ दी नीतीश बोला कि मैं तो इतना पैसे कमाता ही हूं तुम अब क्या नौकरी करने जाओगे। मुझे क्या पता था कि नीतीश समय पड़ने पर धोखा दे देगा।
रंजना अपनी मां से कह रही थी मां नीतीश मेरा रिश्ते में भले ही पति लगता है लेकिन उसे मैं दिल से अब कभी भी पति नहीं मान सकती।
13 वीं के बाद रंजना अपने ससुराल वापस लौट आई थी। नीतीश खुद अपने आप को बहुत छोटा महसूस कर रहा था उसकी हिम्मत नहीं हो पा रही थी कि वह रंजना से नजरें मिला सके। वे दोनों एक ही घर में रहकर एक ही कमरे में सोते थे लेकिन एक दूसरे से बहुत बेगाने हो गए थे।