कड़वाहट – शनाया अहम्   : Moral Stories in Hindi

कभी कभी कुछ ऐसा हो जाता है कि मिठास से भरे रिश्तों में भी कड़वाहट आ जाती है और ये कड़वाहट रिश्तों को रिश्तों से दूर कर देती है। 

ऐसा ही कुछ हुआ अंकिता और उसकी भाभी सुजाता के बीच। 

अंकिता अपने माता पिता और बड़े भाई के साथ दिल्ली में रहती थी , परिवार सम्पन्न था और हर तरह की सुख सुविधाओं के बीच अंकिता और उसके भाई अमन की परवरिश हुई थी , उनके पिता एक सफल व्यापारी थे और माता एक कुशल गृहणी। 

बचपन से अब तक मिली ऐशो आराम से अंकिता का व्यवहार दूसरों के लिए कड़वा और बदमिजाज़ होता चला गया और वो अपने आगे किसी को कुछ नहीं समझती थी।  कॉलेज में भी वो अपने कपड़ों , गाड़ी और महंगे मोबाइल को दिखा दिखा कर अपनी सहेलियों को नीचा दिखाने से बाज़ नहीं आती थी ,

जिसकी वजह से उस की सहेलियां भी उससे दूर होती गई।  अंकिता के घरवालों ने उसे बहुत समझाया लेकिन वो किसी की कभी नहीं सुनती थी। 

कुछ वक़्त बीत जाने के बाद अंकिता पढाई के लिए बाहर चली गई।  वक़्त बीतने के साथ अंकिता के बड़े भाई अमन का रिश्ता सुजाता से तय हो गया।  सुजाता  एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की थी लेकिन उसके गुणों और सुंदरता को देखते हुए अमन ने उसे पसंद कर उससे शादी का मन बना लिया।  अमन के इस फैसले में उसके माता पिता ने भी ख़ुशी ख़ुशी सुजाता को बहु बनाने के लिए हामी भर दी।   

भाई की शादी में शामिल होने के लिए अंकिता भी अपने घर आ गई , पूरी शादी में अंकिता मुंह फुलाए भाभी के घरवालों से मिलती रही लेकिन सुजाता के घरवाले उसकी इस हरकत पर भी चुप रहे।  

शादी के समय अंकिता ने अपनी माँ से कहा कि “माँ , अमन भैया लाखों में एक हैं, उन्हें कोई अमीर घर की मॉडर्न लड़की मिलनी थी  फिर आपने क्या देखकर इस सुजाता को भैया की बीवी बना दिया , इसका स्टैण्डर्ड हमारे जैसा नहीं है “. 

अंकिता , सुजाता अब तुम्हारी भाभी है , उसका सम्मान करना तुम्हारा फ़र्ज़ है और रही बात स्टैण्डर्ड की तो सुजाता बड़ों की इज़्ज़त करना जानती है , वो एक सर्वगुण सम्पन्न लड़की है ,उसमें संस्कार है,जो स्टैण्डर्ड से कही ज़्यादा मायने रखते हैं। 

ये कहकर अंकिता की माँ ने अंकिता को चुप तो करा दिया लेकिन अंकिता को अपनी भाभी पसंद नहीं आई।  

जब तक अंकिता घर रही,  सुजाता उसे छोटी बहन समझ कर उस के दिल में जगह बनाने की कोशिश करती रही लेकिन अंकिता अपनी भाभी से दूरी ही बनाये रही। 

कुछ दिनों बाद अंकिता अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए वापस बाहर चली गई। 

दिन बीतते गए और सुजाता ने अपने व्यवहार और प्रेम से ससुराल में अपने सास ससुर और पति के दिल में जगह बना ली, घर में कोई भी सुजाता के बिना नहीं रहा पाता था।  

इधर अंकिता की पढाई भी पूरी हो गई और वो वापस अपने घर आ गई , घर आने के बाद भी अपनी भाभी के साथ उसका व्यवहार रुखा ही रहा।

अंकिता, माँ बाप के बाद भाई भाभी से ही मैका होता है, तू अगर भाभी से रिश्ता बना कर नहीं रखेगी तो कल को हमारे बाद किसके पास आएगी, अंकिता को समझाते हुए उसकी मां ने कहा

 मां तुम हर वक्त एक ही बात क्यों करती रहती हो, मुझे सुजाता भाभी से घुलने मिलने की कोई ज़रूरत नहीं है, न तो वो मेरे स्टैंडर्ड की है ना ही हो सकती है। 

अंकिता का जवाब सुन कर माँ उस का मुँह ताकती रह गई।। 

भाभी भी आख़िर कब तक अंकिता के साथ रिश्ते सही करने की कोशिश करती रहती, अंकिता के व्यव्हार से अब सुजाता के दिल में भी उसके लिए कड़वाहट जन्म लेने लगी। 

फिर एक दिन अंकिता की भी शादी हो गई और वो ससुराल आ गई।। शुरू में तो सब अच्छा रहा लेकिन साल भर बाद अंकिता के पति मनोज के व्यापार में भारी नुकसान हो गया।। और उसका घर कारोबार नीलाम् हो गया।। 

अंकिता की स्टैंडर्ड की दुनिया पल में गरीबी में बदल गई।।। अब वो अपने पति के साथ किराए के मकान में  रहने को मजबुर हो गई, उसके पति को छोटी मोटी नौकरी करनी पड़ी।।। 

अंकिता ये सब सह नहीं पा रही थी और बीमार रहने लगी। 

अंकिता की हालत देख उसके माँ बाप उसे कुछ दिनों के लिए अपने घर ले आये।। 

घर आकर अंकिता ने देखा कि उसकी भाभी का स्टैंडर्ड बहुत हाई फाई हो गया है, उसका पूरा व्यक्तित्व ही बदल गया है। 

अब अंकिता अपनी भाभी के करीब होने की कोशिश करती लेकिन सुजाता उसे भाव न देती।।। 

अंकिता की माँ ये सब देख रही थी, समझ रही थी

उन्होंने अंकिता से कहा कि, देखा अंकिता, कल तक तुम सुजाता को अपने पास नहीं खड़ी होने देती थी, उसे लो स्टैंडर्ड के ताने देती थी, आज वो ही सुजाता तुम्हें अपने पास खड़े नहीं होने दे रही।।। आज उसे तुम लो स्टैंडर्ड नज़र आ रही हो।। तुमने अपने व्यव्हार से अपनी भाभी के मन में कड़वाहट भर दी है जो अब शायद ही ख़त्म हो, 

लेकिन बेटा तुम उस वक्त ये भूल गई थी कि क़िस्मत कभी भी पलटी मार सकती है, 

आज तुम्हारी जगह सुजाता और सुजाता की जगह तुम खड़ी हो।। 

अपने अच्छे वक्त या हाई स्टैंडर्ड के दिखावे में सुजाता को नीचा दिखा कर उसके मन में कड़वाहट तुमने ही पैदा की है तो अब इस कड़वाहट का सामना भी करो।। 

इतना कह कर माँ उठ कर चली गई, लेकिन अंकिता सोचने पर मजबुर हो गई कि उसने ख़ुद ही अपने रिश्तों में कड़वाहट भरी है, और आज वो ख़ुद ही ख़ुद को रिश्तों के मामले में बहुत लो स्टैंडर्ड नज़र आ रही थी।।।

 शनाया अहम् 

#कड़वाहट 

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