कब ग़ैरअपने बन जाते पता ही नहीं चलता – रश्मि प्रकाश

सरला ताई अकेली बड़े से घर में रहती थी। पति बहुत पहले ही गुजर गये थे एक बेटा था वो विदेश में रहता था। अपने घर और जगह से इतना लगाव था कि वो लाख बोलने के बाद भी बेटे बहु के साथ रहने नहीं जाती हर बार यह कहती जब तक हाथ पैर चल रहे मुझे यही रहने दो। तुम लोग मिलने आते रहना।

कुछ साल तो निकल गये पर अब सरला ताई बहुत अकेलापन महसूस करने लगी। तो बेटे ने उन्हें फिर से अपने पास आने को बोला तो उन्होंने मना कर दिया । तब बेटे ने सुझाव दिया आप इतने बड़े घर में अकेली रहती हैं हमें भी फ़िक्र होती रहती क्यों न ऐसा करे घर के पीछे जो दो कमरे है उनमें किसी को रख लीजिए।

सरला ताई को भी ये बात पसन्द आयी । पड़ोसियों ने एक अच्छा किरायेदार दिलवा दिया ।नया जोड़ा था उनको भी सरला ताई के साथ रहना अच्छा लगने लगा। नयन और नैना ये ही तो नाम थे उनके। दोनों ने एक-दूसरे को पसंद कर के शादी किया था । दोनों में बहुत प्यार देख ताई कभी कभी उनको छेड़ दिया करती।

और उनके बीच अगर नोक झोंक होती या लड़ाई होती तो ताई बोलती क्या बच्चों जैसे झगड़ा कर के मुँह फुला लेते हो।नयन और नैना ताई का बहुत ख़्याल रखते तो ताई भी उनको अपने बच्चों जैसा प्यार देती।

एक बार अचानक ताई की तबियत बिगड़ गई दोनों ने ताई का बहुत ख़्याल रखा।वक़्त पर दवा देना खाना खिलाना सब वो दोनों बख़ूबी निभा रहे थे । ताई का बेटा चाह कर भी नहीं आ पाया पर वो नयन को बार बार धन्यवाद करना नहीं भूलता। ताई धीरे-धीरे ठीक हो गई । अब नयन और नैना ताई के बच्चों जैसे हो गए।

नैना भी ताई के साथ बेटी की तरह लगी रहती। समय अपनी रफ़्तार से चल रहा था पर ताई ने महसूस किया कि दोनों के बीच आजकल बहुत ज़्यादा झगड़े होने लगे हैं। ऐसे में एक दिन नैना बहुत उदास सी ताई के पास आकर बैठ गई। ताई ने बहुत पूछा पर नैना कुछ बोल ही नहीं रही थी। तब ताई ने बोला ,“हाँ मुझे क्यों बतायेगी तेरी माँ जो नहीं हूँ ।”

ये सुन कर नैना ताई के गले लग कर बोली ,“ऐसा फिर कभी मत बोलना आप …आप ने तो हमें अपने बच्चों से ज़्यादा प्यार दिया है ।”

ताई बोली ,“फिर क्या बात है बता तो सही झगड़ा हुआ क्या दोनों में?”

नैना उदास हो कर बोली ,“आज मेरा जन्मदिन है और नयन शादी के पहले हमेशा बहुत अच्छे से जन्मदिन मनाते पर आज तो वो मुझे विश करना भी भूल गए। लगता है अब मुझे प्यार नहीं करते शादी के बाद मेरा पहला जन्मदिन और जनाब भूल गए । ”



ताई ने नैना को गले से लगाया और ख़ूब आशीर्वाद दिया। बोली ,“ऐसा नहीं है बेटा कि नयन प्यार नहीं करता मैंने देखा है वो तुम्हें बहुत प्यार करता हो सकता ध्यान नहीं रहा होगा। तुम अब ज़्यादा परेशान मत हो घर जाकर आराम करो।”

नैना को अपने कमरे में भेज कर ताई ने नयन को फ़ोन किया और बोली ,“बेटा आज तुम कुछ भूल तो नहीं रहे ना? ”

नयन को कुछ समझ नहीं आया ताई ऐसे क्यों पूछ रही। “क्या बात है ताई जी मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा आप बतायें ना। ”

ताई ने ज़ोर देकर बोला ,“याद करो आज का दिन तारीख़ कुछ याद आया?”

अचानक से नयन को याद आया आज तो नैना का जन्मदिन है और मैं कैसे भूल गया । उसको ख़ुद पर ग़ुस्सा आने लगा

ताई ने नयन को बोला ,“नैना बहुत दुखी है तुम ऐसा करो शाम में उसको सरप्राइज़ पार्टी दे कर खुश कर दो। ”

ताई और नयन ने मिलकर एक अच्छी सी पार्टी ताई के घर करने की प्लानिंग कर ली। शाम को ताई नैना के पास आकर बोली,“ बेटा मेरी एक चाभी गुम हो गई है उसको खोजने में मेरी मदद कर दे।”

नैना ताई के साथ जब घर आयी तो नयन उसके सामने घुटने पर बैठकर कान पकड़ कर माफ़ी माँगा। और एक खूबसूरत सा गुलदस्ता देकर उसको जन्मदिन की बधाई दी। फिर एक पैकेट देकर बोला ,“जल्दी से इसको पहन कर आओ।

जब नैना नयन का दिया खूबसूरत गाउन पहन कर आयी तो उसने पंखा चला दिया उसपर से फूलों की बारिश होने लगी । उदास नैना के चेहरे पर ख़ुशी देख ताई भी खुश हो गई। धीरे-धीरे नयन के कुछ दोस्त और पड़ोसी भी आगये। सबने खुब मस्ती किया। जब नयन और नैना ताई के घर से अपने घर जाने लगे तो दोनों ने ताई के गले लग कर उनका धन्यवाद किया और ताई से बोले ,“तुझे कितना प्यार करें..।”

ताई हँसते हुए दोनों को गले लगा ली।

सच है कभी कभी अपनों से ज़्यादा पराये हमें इतना प्यार दे देते हैं कि हम हमेशा के लिए उनके अपने बन जाते है।

 

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धन्यवाद

रश्मि प्रकाश

2 thoughts on “कब ग़ैरअपने बन जाते पता ही नहीं चलता – रश्मि प्रकाश”

  1. जब वो ताई के घर में किरायेदार थे तो फिर वो दूसरे घर में कैसे पहुँच गये गड़बड़ कर दी आख़िर में चलो माफ़ी माँगो

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