काश कामिनी प्यार का मतलब समझ पाती – मीनाक्षी सिंह

छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए

ये मुनासिब नहीं आदमी के लिए

प्यार से भी जरूरी कईं काम हैं

प्यार सबकुछ नहीं जिन्दगी के लिए

एफएम पर स्लो वोईस में ये गाना सुनते हुए कामिनी अतीत में गुम हो गयी ! कितना प्यार करता था राघव उसे ! जान  छिड़कता था उस पर ! जब राघव के सब्र की इंतहा पार हो गयी तो बोला – यार कामिनी अब तो शादी कर लो ! ऐसे गर्ल फ्रेंड ,बॉय फ्रेंड की तरह रहना पसंद नहीं मुझे ! मैने तुमसे पहले भी कहा था फिर कह रहा हूँ ! अब तुम्हे फैसला करना होगा !

कामिनी ( हँसते हुए ) – क्या राघव ,तुम हमेशा एक ही बात लेकर बैठ जाते हो ! शादी ,शादी ,शादी ! तुम्हे ऐसे मिलना अच्छा क्यूँ नहीं लगता ! अगर बात पति पत्नी वाले अंतरंग पलों की हैँ तो उसके लिए तुम आजाद हो ! मुझे इस बात से कोई ओब्जेक्शन नहीं ! बट मुझे कुछ बनना हैँ ! मैं तुम्हारी वजह से अपने कैरियर से खिलवाड़ नहीं कर सकती ! प्यार के अलावा भी बहुत कुछ हैँ यार ! तुम मुझे लेकर इतना सिरीअस क्यूँ हो ??

राघव – सच सच बताना क्या तुम सिरिअस नहीं ! मैं अंतरंग पलों की वजह से तुम पर शादी का दबाव नहीं बना रहा ! तुमसे रिलेशनशिप में मुझे 4 साल हो गए कामिनी ! मैने तुम्हे कभी गलत स्पर्श भी नहीं किया ! क्यूंकी मैं एक भारतीय लड़का हूँ ! जहां लड़की  की क्या इज्ज़त होती हैँ अच्छे से जानता हूँ ! हमारे यहाँ शादी से पहले ये सब पाप हैँ ! मैं तुमसे प्यार करता हूँ ! तुमसे दूर नहीं होना चाहता  कामिनी ! माँ बाऊ जी ने गांव में मेरे लिए रिश्ता देख लिया हैँ ! मैं कई बार मना कर चुका हूँ ! पर अब नहीं ! वो भी बुढ़े हो गए हैँ ! उन्हे भी सहारे की ज़रूरत हैँ !

कामिनी – सहारा ,ओह माई फूट ! मैं उन गंवार लोगों के साथ रहूंगी ! आर यू मैड राघव !

राघव – मैं हमेशा रहने के लिए नहीं कह रहा ! एक – दो साल रह लेना ! फिर आ जाना मेरे साथ जहां मेरी जॉब हो ! माँ बाऊ जी को भी वहीं बुला लूँगा !

कामिनी – मैने कभी नहीं सोचा था कि तुम बिल्कुल टिपिकल थिंकींग के इंडिअन बॉय हो ! मुझे नहीं रहना इस तरह ! यस आई लव यू बट मैं इतना सफर कभी नहीं करूँगी !



राघव – कामिनी प्यार में तो लोग क्या क्या कर ज़ाते हो ! ठीक हैँ तुम्हारा यहीं फैसला हैँ तो आज से मेरा और तुम्हारा रिश्ता खत्म ! मैं गांव जा रहा हूँ ! तुम्हे अपनी नयी ज़िन्दगी मुबारक हो ! आज के बाद तुम राघव के रिश्ते से आजाद हो ! वो रिश्ता जो सिर्फ दिल से मैने माना !

कामिनी – ये फिल्मी डायलोग रहने दो राघव !तुम पर मेरे हुस्न का जादू इस तरह फैला हैँ दो दिन भी मुझसे बात किये बिना नहीं रह पाओगे !

कामिनी ने राघव को गले लगने की कोशिश की ! राघव कामिनी  के हाथों को झटकते हुए हमेशा के लिए चला गया !

वो दिन था और आज का दिन हैँ ! कामिनी 45  वर्ष की हो चुकी हैँ ! आज तक अविवाहित हैँ शायद राघव के इंतजार में ! कुछ दिन पहले किसी सहेली से पता चला राघव अपने बुढ़े माँ बाप को लेकर अपनी नौकरी वाली जगह पर रहता हैँ ! उसने भी विवाह नहीं किया ! कामिनी गीत के आगे के बोल सुनती हैँ

तन से तन का मिलन हो न पाया तो क्या

मन से मन का मिलन कोई कम तो नहीं

खुशबू आती रहे दूर ही से सही

सामने हो चमन कोई कम तो नहीं

चाँद मिलता नहीं सबको संसार में

है दीया ही बहुत रोशनी के लिए

कामिनी चेहरे पर मुस्कान लिए अगले दिन राघव को मिलने चल दी ! शायद प्यार ही जीवन में सब कुछ हैँ अब !!

स्वरचित

मौलिक अप्रकाशित

मीनाक्षी सिंह

आगरा

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