रीमा देवी बाहर बगीचे में बैठी सर्दियों की धूप का आनंद ले रही थी । अभी उन्हें अपनी 12 वर्षीय पोती ने आवाज दी दादी दादी कहां हो आप
का हुआ बिटिया काहे को आवाज दिए जा रही हो इतनी देर से ,दादी आपको पता है वृद्धि आजकल क्लास में बहुत चुप चुप रहती है और मेरे से बात भी नहीं करती है , क्या वह मुझसे नाराज है
शिकायती लहजे में काव्या ने अपनी दादी से कहा ।
दादी : मेरी प्यारी बच्ची वह तो तुम्हारी पक्की सहेली है ना तो देखना वह तुमसे ज्यादा देर तक नाराज नहीं होगी । तुम उसके साथ खेलना हम कल पार्क चलेंगे।
अगले दिन रविवार था तो दादी और काव्य पार्क गए।
वहां पर उन्हें वृद्धि दिखी जो की गुमसुम बेंच पर बैठी हुई थी । वृद्धि को देखकर काव्य बहुत खुश हुई और दौड़ी दौड़ी उसके पास गई ।
दादी: अरे वृद्धि तुम यहां ऐसे गुमसुम क्यों बैठी हो तुम उदास मत हो । अगर तुम काव्य से नाराज हो किसी बात से तुम मुझे बता सकते हो मैं भी तो तुम्हारी प्यारी दादी हूं ना । यह क्या मैं सुन रही हूं तुम एक-दो दिन से स्कूल भी नहीं गई और ना ही काव्य से अच्छे से बात कर रही हो क्यों मेरी प्यारी बच्ची ।
वृद्धि : नहीं दादी मुझे स्कूल नहीं जाना मुझे वहां डर लगता है ।
दादी : अरे ! बेटा इसमें डरने वाली क्या बात है अगर कोई टीचर में तुम्हें कुछ कहता है तो अपने माता-पिता से बोलो या फिर अपनी दोस्त काव्य से कहो । अगर तुम किसी से कुछ कहोगी नहीं तो समस्या का समाधान कैसे निकलेगा ।
दादी के इतने प्यार से समझाने पर वृद्धि से रहा नहीं गया और छट से उनके गले लगा के रोने लगी ।
वृद्धि : वृद्धि ने रोते-रोते बताया कि स्कूल के जो वॉचमैन अंकल है उसे गलत तरीके से छूते हैं । मुझे डराते भी हैं कि अगर मैने किसी को यह बात बताई तो वह उसे वहां से बहुत दूर ले जाएंगे।
दादी : ये सब जानकर दादी को वॉचमैन के प्रति बहुत गुस्सा आया और उन्होंने वृद्धि से पूछा बेटा क्या यह तुमने बात अपनी मम्मी पापा को बताई।
वृद्धि : नहीं दादी मुझे बहुत डर लग रहा है ।
काव्या : तू मेरी प्यारी सहेली हो ना और गंदे अंकल के बारे में मुझे बताना चाहिए था इसलिए क्लास में गुमसुम रहती थी। तुम्हें गुड टच और बैड टच के बारे में नहीं पता यह सब चीज तो मेरी दादी ने मुझे बताई है ।
दादी : कोई बात नहीं बेटा अब हम इसे बता देते हैं कि गुड टच और बैड टच क्या होता है दादी ने फिर आगे वृद्धि को बताया गुड टच और बैड टच के बारे में और फिर तीनों वृद्धि के घर गए। घर जाते टाइम दादी अपने बचपन के एक ऐसी घटना को याद करने लगी क्योंकि उनके साथ भी घटित हुई थी। उस दौर में इस बारे में वह किसी से का भी नहीं सकती थी क्योंकि उसे समय सामाजिक दबाव बहुत अधिक था उसे समय उन्होंने निश्चय किया कि वह अपने आने वाली पीढ़ी को गुड टच और
बैड टच के बारे में शिक्षित करेंगी ।
सरजू : बिटिया आ गई तुम और साथ में काव्या और माताजी भी आई है। पर बेटा तुम रो क्यों रही हो क्या बात है ।
सारी बात सरजू को बताई और अगले दिन दोनों स्कूल गए वहां पर जाकर उसे वॉचमैन के शिकायत की और उसे स्कूल से भी निकलवाया ।
दादी ने मन ही मन में निश्चय किया था कि जो मेरे साथ हुआ वह अब मैं तुम्हारे साथ नहीं होने दूंगी मेरी प्यारी बिटिया रानी विधि । उसे समय उसे व्यक्ति को सजा नहीं दिला पाई और ना ही किसी को कुछ बता पाई ।
वॉचमैन के खिलाफ स्कूल में कार्यवाही की गई तथा पुलिस चौकी में भी उसकी शिकायत दर्ज की गई ।
आजकल के माता-पिता अभिभावकों को अपने छोटे बच्चों को सही स्पर्श के बारे में बताना चाहिए जो की बहुत ही जरूरी है। और हमें भी हमेशा जागरूक रहना चाहिए कि हमारे आसपास हमारे बच्चों के साथ लोगों का व्यवहार कैसा है।
– मनु सिंह
बहुत सुन्दर सीख देती प्रेरक कहानी