जो लिखा है वही होगा – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

रानो को पहली संतान बेटी हुई थी । जबकि रघु और उसकी माँ को बेटे की चाह थी । रानो की सास को जब पता चला कि वो फिर से दादी बनने वाली हैं ।

तो उसके चेहरे पे एक चमक आ गई । उसने अपने बेटे को बुलाया और कहा कि तुम बहू को लेकर मीना काकी के पास जाओ वो तुम्हें एक जानकार के पास लेकर जाएगी ।

जो लड़का होने की दवाई देती है । माँ आप क्या कह रही हैं ?? ऐसे थोड़ी होता है कि दवाई लो और लड़का हो जाए ! नहीं बेटा ऐसा होता हैं ।

मैंने कई लोगो से सुना है ! ठीक है माँ आज तो समय नहीं है । कल देखता हूँ बोल वो काम पे चला गया ।

दफ्तर जाकर जब उसनें अपने दोस्त से यें बात साँझा करी ,तो वो बोला हाँ यार ऐसा होता है ! मेरी माँ ने भी मेरी पत्नी को दवाई दी थी और देख मेरे बेटा ही हुआ ।

सच में अगर ऐसा होता है तो मैं कल ही अपनी पत्नी के साथ जाता हूँ । अगले दिन रघु अपनी पत्नी को ले मीना काकी के साथ गया ।

वहाँ जाकर दवाई देने वाली औरत ने आश्वासन दिया की मेरी दवाई का परिणाम सही निकलता है । मैंने जैसा कहा है घर जाकर वैसे ही दवाई लेनी है ।

मेरी पत्नी तो हंस रही थी ऐसे कैसे हो सकता है । लेकिन बेटे की चाह में सब ठीक लग रहा था। घर आकर रानो ने नियमित समय पे दवाई ली । सब ठीक चल रहा था ।

एक दिन जब रघु ऑफिस में था तो उसकी माँ का फ़ोन आता है कि मैं बहू को अस्पताल ले कर जा रही हूँ । तुम सीधा वहीं आ जाना ।

रघु जैसे ही अस्पताल पहुँचा तो एक नर्स बाहर आती है और उन्हें मुबारकबाद देते हुए बोलती है आपको एक चाँद सी बेटी हुई है । यह सुन रघु और उसकी माँ एक दूसरे को देख सोच में पड़ जाते हैं

कि हमने तो दूसरो की बातो में आकर ना जाने क्या-क्या किया । लेकिन हुआ वहीं जो होना था । माँ आज समझ में आ गया कि भगवान जो चाहता है आख़िर वही होता है । उसकी माया के आगे किसी की नहीं चलती ।

हमे दूसरो की कही बात से ज़्यादा अपने ऊपर भरोसा रखना चाहिए ।

#कान का कच्चा

स्वरचित रचना

स्नेह ज्योति

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