बीबी वो बीबी तुम जो कहोगी ,वही मैं करूंगा ।
मां से नाता तोडूंगा, बहन को मैं छोड़ूंगा ।
तेरी पल्लू से ही बंध कर मैं दिन रात रहूंगा ।
बीबी वो बीबी तुम जो कहोगी, वही मैं ।
यह क्या कर रहे हो बेटा, हम सब को छोड़कर जा रहे हो….. एक बार भी नहीं सोचा तुमने कि, यह सब तुम्हारे अपने परिवार है । मेरी तरफ देखो मैं मां हूं तुम्हारी जिसने 9 महीने अपने पेट में पाला तुम्हें । अपने छाती से लगाकर दूध के साथ अपना खून भी पिलाया है । यह तुम्हारी बहनें है । जिनके इकलौते आस तुम हो । तुमने एक बार भी सोचा है कि, तुम्हें पालने में तुम्हारे पिता ने कितना कष्ट सहा है । खुद के हिस्से का अपना पसंदीदा खाना भी तुम्हारे प्लेट में डाल दिया करते थे कि ,तुम उनके बेटे हो । उनके जिगर के टुकड़े । और उनकी इस चाहत का सिला इस तरह से दे रहे हो तुम । इतने जतनों से पाला पोसा तुम्हें और इस तरह हमें छोड़कर तुम जा रहे हो इस कल की आई लड़की के लिए।
मां प्लीज बंद करिए मुझे अब अपनी ही बीवी के खिलाफ भड़काना । मैं अच्छी तरह से जान गया हूं कि, यह जो भी कह रही है वह सही है – शुभ आहूजा जिसकी शादी को अभी महज अभी छ: महीने ही हुए थे । जो खुद सरकारी कर्मचारी के रूप में एक अच्छी पोस्ट पर था । वह अपनी मां को पूरी तरह से झीड़कते हुए बोला -आप लोगों के इसी रवैये की वजह से तो आज मैं आप लोगों को छोड़ कर जा रहा हूं । जब देखो तब आप दोनों में झगड़ा होता रहता है । हर बार आप यह बोलती है कि, इसकी गलती है । मगर झगड़ा एक तरफ से तो नहीं होता है ना । अगर आप लोगों की आंखों में मेरी बीवी इतनी खटक रही है तो इसे लेकर मैं हमेशा के लिए जा रहा हूं ।
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यह खटक रही है मेरी आंखों में……. शुभ की मां… सविता आहूजा अपनी आंखों फाड़े आश्चर्य से बोली- तूने यह सोच भी कैसे लिया। अरे इसे खुद पसंद करके लाए थे हम और अब तु कह रहा हैं कि ,यह हमारी आंखों में खटक रही है ।
जब खुद पसंद करके लाई है तो क्यों नहीं आप लोगों का साथ निभ रहा है- शुभ इरिटेट होते हुए बोला ।
क्या साथ सिर्फ एक तरफ से निभता है ????ऐसी दुनिया में कोई रीत चली है कि, एक हाथ से ताली बजती है ???अगर ताली की गुंज सुननी है तो दोनों हाथों को साथ रहना पड़ेगा । इसी तरह अगर जीवन की गाड़ी चलाना है तो उसके हर पार्ट को अपनी अपनी भूमिका सही ढंग से निभानी पड़ती है । अगर यह परिवार एक गाड़ी है तो उसमें रहने वाले तुम सब उसके महत्वपूर्ण पार्ट्स हो ।
खुद ही सोचो अगर एक पार्ट्स ने भी काम करना बंद कर दिया तो क्या गाड़ी आगे बढ़ पाएगी ???तुम्हें अपनी बीवी की गलती नहीं दिखती है । और मां बहन सब पराए हो गए ।
मां मैं आपसे कोई बहस नहीं करना चाहता हूंँ । बस इतना चाहता हूं कि, आप भी शांति से रहिए और हमें भी शांति से रहने दिजिए । अगर आपको इससे दिक्कत है तो ठीक है ना ,फिर मैं इसे यहां से लेकर चला जा रहा हूं । अब इसमें भी आपको दिक्कत हो रही है । चाहती क्या है आप आखिर , मैं आपके पल्लू से मैं बंधा रहूं जीवन भर…. अगर अपनी बीवी के लिए कुछ करता हूं तो वह गलत है । लेकिन अगर आप लोगो के लिए करूंगा तो वह बीवी के साथ गलत नहीं होगा ।
वाह बेटा वाह, आज तुझे हर चीज में बस अपनी बीवी ही नजर आ रही है । एक बार भी यह नहीं सोचा कि, इस बूढ़ी माँ और जवान बहनों का खर्च कौन उठाएगा । उनकी शादी कैसे होगी ।
सुन लिया ना आपने फिर रितु बीच में आकर रोते हुए बोली- यह लोग आपको अपना बेटा नहीं बैल समझते है । अब आपको पाल पोस दिया है तो जिंदगी भर के लिए आप उनके गुलाम बन कर रहिये । जिंदगी भर इनका खर्च उठाइए । उनकी बेटियों की शादी करवाइये । अगर मेरे लिए कुछ करते हैं तो वह गलत हो जाता है । लेकिन अगर इनके लिए और उनकी बेटियों के लिए करिए तो सब सही है । यही तो चाहती है आप – रितु अपनी सास को जबाब देते हुए रोने लगती है कि ,आपका बेटा मुझे छोड़ दे और फिर आप सब उनकी कमाई पर ऐश करिए । आपको बेटा नहीं सिर्फ उनकी दौलत प्यारी है । और इसीलिए अपने बेटे के कान आप हमेशा भरती रहती है । ताकि वह मुझे छोड़ दे । आपको बर्दाश्त नहीं हो रहा है कि हम दोनों में इतना प्यार है- इतना कहने के बाद रितु जोर-जोर से रोने लगी ।
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शुभ अपनी मां और बहन की परवाह किए बिना उसे अपने गले से लगा लेता है और आंसू पोछते हुए बोलता है- चुप रहो । मैं क्या इनकी हरकतें जानता नहीं हूं । इसलिए तुम्हें अपने आंसू बहाने की कोई जरूरत नहीं है ऐसे निष्ठुरों पर । और फिर शुभ अपनी मां की तरफ आंख दिखाते हुए बोला- एक बात आप अच्छी तरह से समझ लो । आपने मुझे पाला पोसा पढ़ाया लिखाया है मैं मानता हूँ। मगर भूलिए मय कि, ये सब आपका फर्ज था । कल को मेरे भी बच्चे होंगे तो क्या उसे मैं पढ़ाऊंगा,, लिखाऊंगा नहीं ……..उसे खिला-खिला कर बड़ा नहीं करूंगा??? तो क्या पतले में मैं उससे यह कहूंगा कि, वह जिंदगी भर मेरी चकरी करता रहे ??????
आप खुद से तो यह बात समझ नहीं रही है इसलिए मैं आपको अच्छे से समझा दे रहा हूं कि अब आप मुझसे यह उम्मीद मत रखो कि, आपके इस फर्ज के चलते मैं जीवन भर आपका कर्ज उतारता रहूंगा । आपको सोच समझकर इतने बच्चे पैदा करने चाहिए थे । अरे जरूरत क्या थी दो दो बेटियों को पैदा करने की इस महंगाई के दौर में ।
मैं आपको साफ-साफ बता दे रहा हूंँ…. मुझसे कुछ भी उम्मीद मत रखिए ।मैं अपना घर चलाऊँ की आप सभी के ।
मुझे तो आप लोग माफ ही कीजिए। मैं अब आप लोगों के साथ रहूंगा ही नहींं- इतना कह कर शुभ अपनी पत्नी के साथ दरवाजे के बाहर निकल गया । मगर बाहर जाते-जाते भी रितु पलट कर अपनी सास की तरफ देखी तो उसकी होठों पर एक जीत की मुस्कान थी । मानो वह कह रही हो कि, देखा …..मुझ में वह ताकत है कि मैं आपसे आपके जन्में बेटे को भी छीन सकती हूं ।
पीछे सबिता आहूजा ने अपने सर पर हाथ रख लिया ।आंखों से आंसू लगातार बह रहे थे । और अब उनकी पैरों में भी इतनी जान नहीं थी कि वह उनका वजन संभाल सके। वह लड़खड़ाते हुए गिरने लगी तो दोनों बेटियां आभा और बिभा ने उन्हें थाम लिया । उनकी आंखों से भी लगातार आंसू बह रहे थे ।
सविता आहूजा को अपनी बहू रितु का कुछ दिन पहले का कहा याद आने लगा …….. मेरे मां-बाप ने इतना दहेज और ये सामान देकर मुझे इसलिए आपके बेटे के साथ नहीं ब्याह किया है कि मैं जिंदगी भर आप लोगों की चाकरी करती रहूं और मेरा पति आप सब का बोझ उठाते उठाते बूढ़ा हो जाए । मैं बहुत जल्द उसे इन सबसे छुटकारा दिला कर रहूंगी ।
जिस मां ने अपनी हर खुशी से पहले अपने बेटे का चेहरा देखा, उसकी जुबान से निकलने से पहले उसकी ख्वाहिशों को पूरा किया । आज वही बेटा उसे लात मार कर एक पराई लड़की के चलते उसे छोड़कर चला गया । यह कहते हुए कि ,उसे क्या जरूरत थी इतने बच्चे पैदा करने की । आज उसकी जरूरत भी उसे बोझ लगे रही थी । इस कल की आई लड़की के लिए।
रेनू देवी