जाने कब जिंदगी में कौन सा मोड़ आ जाए यह कोई नहीं जानता – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

  अरे बहू अजय सुबह-सुबह कहां गया है आज तो इतवार है सुबह 7:00 ही कैसे उठ गया मैंने पीछे से टोकना सही नहीं समझा इसीलिए पूछ रही हूं संगीता जी ने अपनी बहू से पूछा , बड़बड़ाती हुई रीमा संगीता जी से बताती है ,  मम्मी जी मैं इनकी समाज सेवा से बहुत तंग आ गई हूं ,,

अपने लिए समय नहीं है लेकिन सबके लिए तैयार रहते हैं मैंने आज माँ से मिलने का प्रोग्राम बनाया था , कब से कह रही हैं?लेकिन सुबह ही इनके दोस्त रवि का फोन आ गया उनकी मम्मी का पेट की पथरी का ऑपरेशन होना है इसीलिए अस्पताल गए हैं ऑपरेशन होने के बाद ही आएंगे ।

अभी परसों की ही बात है रास्ते में शर्मा जी मिल गए थे उनके बेटे ने दो महीने से पैसे नहीं भेजे उन्हें ₹2000रु देकर आ गए। 6 महीने पहले पड़ोस के कौशिक जी को बेटी की शादी में कुछ पैसों की जरूरत पड़ गई थी ,मेरे मना करने के बाद भी उन्हें पैसे थमा दिए। अपने खर्च क्या कम है और तो और ऑफिस में भी तीन लोगों का खाना फालतू ही लेकर जाते हैं

कभी रामदीन काका को देना है ,किसी की बीवी बनाकर नहीं देती, एक बात हो तो बताऊ आपके श्रवण कुमार के बारे में? आजकल के जमाने में ऐसे आदमी को सब पागल बताते हैं और खूब फायदा उठाते हैं कॉलोनी में जो सब्जी बेचने वाला आता है उसके बेटे की कल तबीयत बहुत खराब थी ,

उसके मांगने पर तुरंत ₹1000 रुपए पकड़ा दिए किसी को मना करना तो जानते ही नहीं।  कुछ कहती हूं तो चार बातें मुझे ही सुना देते हैं।संगीता जी अपनी बहू को चुप करते हुए कहती है –बहु अजय बिल्कुल अपने पापा पर गया है वह भी इसी तरह सबके काम आते थे । देखो बेटा मुसीबत के समय किसी का सहारा बनना गलत नहीं है । 

किसी न किसी रूप में हमें उसका फल जरुर मिलता है। और फिर अपनी सारी जिम्मेदारियां भी तो वो बखूबी निभाता हैं। घर के प्रति भी तो लापरवाह नहीं है ना।  पता नहीं किस समय का लिया दिया किस समय काम आ जाए। जाने कब जिंदगी में कौन सा मोड़ आ जाए यह कोई नहीं जानता अपने सामर्थय के अनुसार दूसरों की मदद अवश्य करनी चाहिए।

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आप दोनों मां बेटे से बहस में कौन जीत सकता है रीमा अपनी सास से हंसकर बोली,  एक दिन अजय किसी जरूरी काम से बाहर गया हुआ था संगीता जी की तबीयत अचानक बहुत खराब हो जाती है बच्चे भी स्कूल गए हुए थे  रीमा के हाथ पैर फूल जाते हैं और रोने लगती है घबराकर एंबुलेंस बुलाती है। पड़ोस वाले शर्मा जी को फोन पर सारी बात बताती है।

वो उसके पास आ जाते हैं पड़ोस में से भी कई लोग इकट्ठे हो जाते हैं और उन्हें। अस्पताल में भर्ती करा देते हैं जब तक वह हॉस्पिटल पहुंचती है रवि वहां की सारी औपचारिकताएं पूरी कर देता है  तुरंत इलाज मिल जाने से उनकी हालत में थोड़ा सुधार भी हो जाता है। उन्हें माइनर हार्ट अटैक आया था रवि की पत्नी थोड़ी देर के लिए रीमा को बच्चों को देखने के लिए भेजती है और खुद संगीता जी के पास रुक जाती है

घर पहुंच कर देखती है बच्चे पड़ोस के मिश्रा जी के घर थे उन्होंने उन्हें खाना भी खिला दिया था  रीमा को देखकर कौशिक जी भी उसके पास आते हैं और कुछ पैसे थमाते हुए कहते हैं बेटा किसी बात की कोई चिंता मत करना, हम सब एक परिवार हैं। अजय किसी की परेशानी में कभी पीछे नहीं हटता है।

मिसेज मिश्रा कहती हैं कि तुम अस्पताल  आंटी के पास चली जाओ बच्चों की चिंता मत करो हम सब हैं ना , उसे भी जबरदस्ती खाना खिलाकर भेजती हैं।अगलेदिनअजय भी आ जाता है। दो दिन  बात संगीता जी घर आ जाती हैं। वह अपने मन में सोचती है कि ये अजय का व्यवहार ही है

जो सब लोग उसके ना होने पर भी मुसीबत के समय हमारे साथ थे।  तब वह अपने पति से कहती है। सही कहती हैं मम्मी जी किसी को नहीं पता जिंदगी में कब क्या मोड आ जाए और हमें किस की जरूरत पड़ जाए? संगीता जी भी अपने दोनों बच्चों को देखकर मुस्कुराने लगती है।

पूजा शर्मा

 

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