जहाँ प्यार है वहाँ तकरार है – रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

“ जी आप मिसेज़ सिंह बोल रही है… आपके पति का रोड एक्सीडेंट हो गया है ।” कहते हुए उस अनजान से नम्बर ने एक अस्पताल का पता बता रम्या से  जल्दी आने को कह कर फोन काट दिया ।

रम्या घबराते हुए पति को फ़ोन लगाने लगी पर ये क्या फोन लग ही नहीं रहा था…. अभी अभी तो घर से निकला था सुहास …कितने ग़ुस्से में निकला था…दरवाज़े पर भड़ास निकालते हुए जोर से दरवाज़ा बंद कर निकल गया था ….हर दिन छोटी छोटी बात पर दोनों के बीच का बहस झगड़े का रूप धारण कर लेती ऐसे में जब सुहास रम्या पर चिल्लाता तो रम्या भी चुप होने का नाम नहीं लेती फिर वो भी क्या क्या बोल जाती उसे खुद ही पता नहीं चलता बाद में बैठ कर अफ़सोस करती रहती ।

और ऐसे में इस तरह फोन के आ जाने से वो परेशान हो गई थी ।

हे भगवान सुहास बस ठीक हो नहीं तो मेरा क्या होगा 

…घबराते हुए उसने अपनी माँ को फ़ोन लगा दिया….

“ ये जब ज़रूरत हो फ़ोन क्यों नहीं लगता “ खीझती हुई खुद में रम्या बोल जल्दी से अपना पर्स उठा बदहवास सी ऑटो पकड़कर अस्पताल पहुँची 

रिसेप्शन पर जाकर सुहास के बारे में पूछने लगी…

“ इस नाम का तो कोई पेशेंट नही आया है…लगता है आपको किसी ने गलत सूचना दे दी है ।” रिसेप्शन पर बैठी लड़की ने कहा 

रम्या फोन निकाल कर नम्बर दिखाने लगी जिससे कॉल आया था…

“ ये तो हमारे ही अस्पताल का नम्बर है लगता है किसी ने गलत नम्बर लगा दिया आपको …. ये एक दो नम्बर इधर-उधर हो गए होंगे ।” उस लड़की के ऐसा कहते रम्या का जोर जोर से धड़कता दिल थोड़ा काबू में आया

वो बाहर निकल कर फिर सुहास को फोन लगाने लगी पर वो अभी भी नॉट रिचेबल कह कर फोन बंद हो जाए…

इस कहानी को भी पढ़ें: 

ससुराल में कितना भी कर लो बुराई ही मिलेगी-मीनाक्षी सिंह 

“ ऑफिस फ़ोन कर के पता करूँ क्या…. नहीं नहीं…. ग़ुस्से में गया है कहीं वहाँ सबके सामने ही डाँटने ना लगे …हे भगवान क्या करूँ ?”सोचते हुए रम्या  अस्पताल के बाहर आकर एक हाथ से फोन दूजे से ऑटो रोकने की कोशिश करने लगी 

दिल किया एक बार ऑफिस जाकर देख आये पर फिर वही ख़्याल कि ग़ुस्से में मेरी बैंड बजा दिया तो…. सोचते सोचते वो वापस परेशान हो घर आ गई ।

घर आकर उसका किसी काम में मन नहीं लग रहा था वो बैठ कर रोने लगी …. किसका फ़ोन था किसके लिए था सुहास सिंह ही तो लिखता है तो उसने मिसेज़ सिंह ही तो बोला था पर सुहास नाम का कोई पेशेंट वहाँ नहीं ये सब क्या चल रहा है ….

तभी रम्या की माँ का फ़ोन आया…

फ़ोन उठाते वो रोना शुरू कर दी ….

“ क्या हुआ रम्या … बेटा क्यों रो रही है….?” माँ ने पूछा 

“ माँ एक अनजान नम्बर से फ़ोन आया था …।” और रम्या ने सारा क़िस्सा कह सुनाया 

“ बेटा आ गया होगा ग़लती से कोई कॉल… तू पता कर आई ना… सुहास नही है ना वहाँ…फिर वो ऑफिस में ही होगा…. और तुम दोनों इतना झगड़ा क्यों करने लगे हो…माना जहाँ प्यार होता है वहाँ तकरार भी होता है पर इतना नहीं कि दोनों मुँह फुला कर एक-दूसरे को कुछ भी बोलने लगो और तुम्हें तो क्या ही बोलूँ… ग़ुस्से में क्या क्या बोलती हो तुम्हें सुध भी नहीं रहता….. ऐसे घर से निकलते वक्त लड़ाई झगड़ा सही नहीं है…..अब से ऐसा कभी मत करना…. जाते वक्त प्यार से भेजा करो तकरार कर के नहीं….नहीं तो बेकार की बातें सोच सोच कर हैरान परेशान होती रहेगी … चलो एक बार फिर से सुहास को फोन कर के देख ले।” कहकर माँ ने फोन काट दिया 

रम्या का दिल वैसे ही बैठा जा रहा था… वो फिर से अपना ग़ुस्सा ताक पर रख सुहास को फोन मिला दी…इस बार फोन उठा और सुहास ने धीमी आवाज़ में कहा,“ मीटिंग में हूँ बाद में कॉल करता हूँ ।”

” ओहह मेरा सुहास ठीक है…अब कभी उससे ऑफिस जाते वक्त तकरार नहीं करूँगी … प्यार से भेजूँगी… ताकि दोनों का पूरा दिन अच्छा हो….बस वो सही सलामत रहें… माता रानी …आज जब सुहास आएगा तो कस कर गले लगा  कर प्यार जताऊँगी…।” रम्या खुद में बड़बड़ाने लगी

इस कहानी को भी पढ़ें: 

कभी फ़ुर्सत मिले तो: – मुकेश कुमार (अनजान लेखक)

“ किसको गले लगा कर प्यार जताओगी… और क्या बड़बड़ा रही हो ?“ रम्या के हाथों की पकड़ गर्दन पर तेज महसूस होते सुहास ने रम्या को झकझोरते हुए बोला

रम्या हड़बड़ा कर उठ गई … सामने सुहास को सही सलामत देख कर उससे जोर से लिपटते हुए बोली,“ तुम ठीक हो ..  तुम ठीक हो।” 

“ अरे मुझे क्या हुआ… अच्छा भला सो रहा था… तुम्हारी बड़बड़ाहट सुन कर  उठ गया लगा बस अब मेरा गला दबा ही दोगी ।” सुहास अपनी गर्दन पर हाथ फेरते हुए बोला

“ ओहह ये सपना था…. ।” खुद में सोच कर रम्या सुहास के और क़रीब आकर सीने पर सिर रखते हुए बोली,“ आई लव यू सुहास ।”

सुहास आधी रात को पत्नी का प्यार इस तरह देख कर कुछ समझ ही नहीं पा रहा था आखिर इसे क्या हो गया…कहीं सुबह की तकरार का असर अभी भी तो इस पर नहीं है….

दोस्तों बहुत बार हम एक दूसरे से इस कदर  तकरार कर लेते हैं कि सुध ही नहीं रहता क्या कह रहे हैं क्या नहीं ….तब हमें दुनिया भर की बुराई उसमें नजर आती हैं पर जब बात उसके जीवन की आती है तो हम व्याकुल हो जाते हैं… ऐसा ही कुछ रम्या के साथ हुआ… एक अनजान कॉल ने उसे सुहास के और क़रीब ला दिया भले ही वो सपना था पर अगर हक़ीक़त होता तो भी वो क़रीब ही आती… 

क्योंकि जहाँ प्यार होता है तकरार भी वहाँ ही होता है ।

आप इस बारे में क्या कहते हैं ज़रूर बताएँ ।

मेरी रचना पसंद आये तो कृपया उसे लाइक करे और कमेंट्स करे ।

मेरी अन्य रचनाएँ पढ़ने के लिए इंतज़ार करें 

धन्यवाद 

रश्मि प्रकाश 

#तकरार

error: Content is Copyright protected !!