Moral Stories in Hindi : मुझे किसी से बात नहीं करनी और नहीं पीना यह दूध , वापस ले जाईए यह दूध का ग्लास वर्ना मैं इसे फेंक दूंगी गुस्से में बोली सौम्या !!
नेहा बुझे मन से दुध का ग्लास रसोई में ले गई और पतीले में दूध वापस डालकर सोफे पर सिर टिकाकर , आंखें बंद करके बैठ गई , उतने में वहां कल्याणी जी आकर बोली, बेटा !! बुरा मत मानना जब से सौम्या की मां का निधन हुआ हैं , सौम्या बहुत चिढ़चिढ़ी हो गई हैं !! वह अपनी मां से बहुत प्यार करती थी , जब से उसकी मां का निधन हुआ हैं वह किसी से ठीक से बात भी नहीं करती हैं और दिनभर बस अपने कमरे में ही रहती हैं !!
नेहा बोली मांजी कोई बात नहीं , मैं जानती हुं सौम्या को अपनी मां के जाने का बहुत दुःख हैं इसलिए वह सभी से ऐसा व्यवहार करती हैं मगर मैं भी तब तक प्रयास करती रहुंगी जब तक सौम्या मुझे अपना ना ले , मैं तो सौम्या को मां की ममता देना चाहती हुं क्योंकि बचपन में मेरी मां भी मुझे ऐसे ही छोड़कर चली गई थी इसलिए मैं भी मां की ममता से वंचित रह गई और भगवान ने ऐसा खेल खेला कि खुद भी अब तक मां नहीं बन पाई !!
नेहा सौम्या को कमरे में सुलाने गई तो सौम्या चिल्लाकर बोली दादी , यह आंटी अपने घर क्यों नहीं चली जाती हैं , क्यों यहां मुझे परेशान करने आई हैं , इससे कहो यह जहां से आई हैं वापस वहीं चली जाए और सौम्या ने यह बोलकर जोर से दरवाजा बंद कर दिया और बोली आइंदा मेरे कमरे में आने की हिम्मत की तो मुझसे बुरा कोई ना होगा !!
नेहा फिर से मन मारकर वहां से चली गई , नेहा को इस घर में आए दो दिन हो गए थे मगर सौम्या अब तक नेहा को अपना नहीं पाई थी और नेहा उसे तो बच्चों से बहुत प्यार था मगर वह अब तक इस सुख से वंचित रह गई थी !!
नेहा सोने तो चली गई थी मगर उसकी आंखों से नींद गायब थी , उसे सारी अतीत की बातें याद आ गई कि कैसे वह आज से पांच साल पहले रोशन की पत्नी बनकर पास के शहर में रहने आई थी !!
नेहा के माता पिता उसे बचपन में ही अकेला छोड़कर भगवान को प्यारे हो गए थे तब से उसके चाचा चाची ने ही उसका पालन पोषण किया था !! नेहा के चाचा चाची बहुत लालची प्रवत्ति के थे इसलिए उन्होने जिस घर में नेहा की शादी की थी वहां एक तरफ से नेहा को बेच दिया था , क्योंकि नेहा को देकर उन्होंने अच्छे खासे रूपए लिए थे , उस समय लड़कियों की बहुत कमी हुआ करती थी तो ज्यादातर लड़को को शादी करने के लिए लड़कियां मिलती नहीं थी !! ऐसे में बहुत से लालची लोग अपने घर की लड़कियों की शादी लड़के से कराने की अच्छी खासी किमत लेते थे बस वहीं किया था नेहा के चाचा चाची ने भी !!
वैसे भी नेहा की चाची ने तो उसे घर में नौकरानी बनाकर ही रखा था , जबकि नेहा ने बी.बी.ए की डिग्री हासिल की थी मगर उसके चाचा चाची के लिए तो वह किसी बला से कम ना थी और अब उसे बेचकर उनके घर की बला ही टली थी !!
इतने दुःख सहने के बाद नेहा ने सोचा भगवान करें शादी के बाद मुझे वह सारी खुशियां मिलें जो मायके में नहीं मिल पाई !! शादी की रात वह सुहाग की सेज पर बैठी पति रोशन का इंतजार कर रही थी मगर यह क्या ग्यारह , बारह और अब रात के एक बजने को आया था मगर रोशन का अब तक कोई ठिकाना नहीं था , उतने में दरवाजा खोलकर रोशन अंदर आया और लड़खड़ाते हुए बोला इसी तरह रोज मेरा इंतजार करने की आदत डाल दो नेहा आखिरकार मैं तुझे खरीदकर लाया हुं !!
रोशन शराब पीकर आया था यह उसके व्यवहार और कदमों की लड़खड़ाहट से झलक रहा था !! उतने में रोशन नेहा के नजदीक आकर बैठ गया और अपना मुंह नेहा के मुंह के पास लेकर जाने लगा , शराब की बुं से नेहा ने अपना हाथ अपने मुंह पर रख दिया और रोशन से दूर जाने लगी , उतने में रोशन उसका हाथ खींचते हुए बोला अरे !! कहां जा रही हैं बैठ यहां , अब तुझ पर सिर्फ मेरा हक हैं समझी !!
नेहा बोली अभी आप होश में नही हैं , बेहतर होगा हम कल बात करते हैं , कहते हुए नेहा बेड़ से उठकर जाने लगी मगर वह कहां जानती थी कि रोशन के इरादे तो कुछ ओर ही हैं !!
रोशन ने उसे जोर से खींचा और बेड़ पर लेटाकर हैवानियत की सारी हदें पार कर दी जिसकी नेहा को बिल्कुल अपेक्षा ना थी , वह तो क्या क्या सपने संजोकर आई थी इस घर में मगर उसके सारे सपने चकनाचुर हो चुके थे !!
जब सुबह उठकर उसने अपने फटे कपड़ो को देखा तो उसकी आंखों से लगातार आंसू बहे जा रहे थे क्योंकि जिस पति से वह प्यार पाने की लालसा दिल में जगाए बैठी थी उस पति ने तो सिर्फ रात अपनी जिस्म की भूख मिटाई थी !! कल रात जो हुआ उसके साथ वह किसी बलात्कार से कम नहीं था !!
सुबह जब नेहा नहाने गई तो उसे अपने शरीर पर पड़े वह निशान नजर आए , उसे अपने ही जिस्म से घृणा हो रही थी और वह बहुत रोई !! जैसे – तैसे अपने आंसु छुपाकर रसोई घर में गई तो वहां उसकी दोनों जेठानियां चुटकी लेते हुए बोली नेहा को देखकर तो लग रहा हैं आज रोशन भैया ने पुरी रात सोने नहीं दिया होगा , नेहा ने भी झूठी मुस्कुराहट अपने चेहरे पर ओढ़ ली और घर के कामों में हाथ बंटाने लगी !!
रोशन दूसरे दिन भी शराब पीकर आया और उसने वापस पहली रात वाली घटना दोहराई !! आज तो नेहा की सुबह उठने तक की हालत नही थी वह जैसे तैसे रसोई में पहुंची !!
अब यह वाक्या नेहा के साथ रोज होता , नेहा समझ चुकी थी उसे पति के रूप में एक हैवान मिला हैं जिसे सिर्फ औरत को नोंचना आता है प्यार करना नहीं !!
थोड़े समय तो सास और जेठानियां भी अच्छे से रही मगर बाद में वे लोग भी ताना सुनाने का एक मौका ना छोड़ती !! उसके चाचा चाची ने उसकी शादी यहां करके जो पैसे लिए थे उसकी वजह से नेहा का जीवन ससुराल में नर्क बन गया था !!
यहां भी नेहा का रोज अपमान होने लगा था , पल पल मरती नेहा आखिर अपनी भावनाए किससे सांझा करती , उसका था ही कौन ??
एक बार रोशन शराब के नशे में बोला तुझे शायद पता नही होगा , आज यहां तेरी जगह कोई ओर होती , मैं उससे बहुत प्यार करता था मगर हाय रे मेरी किस्मत !! घरवालों ने जाति बिरादरी के चक्कर में तुझे मेरे सर मंड दिया , तब नेहा को यह भी पता चल गया कि उसके पति का शादी से पहले कोई चक्कर भी था !!
नेहा का तो जैसे भगवान पर से विश्वास ही उठ गया था , एक पर एक चोट खाती नेहा को बच्चों से बहुत प्यार था , भले ही उसकी जेठानियां नेहा को खुब कोसती फिर भी वह अपनी जेठानियों के बच्चों पर खुब प्यार बरसाती , एसे ही एक दिन वह अपनी जेठानी सुमन के बेटे को अपने हाथों से खाना खिला रही थी तब सुमन ने आकर उसके हाथों से अपने बेटे को छीन लिया और बोली खुद तो अभी तक मां नहीं बन पाई और अब दूसरों के बच्चे भी उनसे छिनने चली हैं बांझ कहीं की …….
बांझ यह शब्द सुनकर नेहा स्तब्ध रह गई और उसे लगा जैसे आज किसी ने उसे यह महसूस कराया हो कि वह कभी मां नहीं बन सकती !! शादी के पांच साल हो चुके थे तभी तो आज इस शब्द से नवाजा था उसे जेठानी ने मगर वह नहीं जानती थी कि अब घर में उसे हर कोई इसी नाम से बुलाएगा !!
अब तो आए दिन सास हो या जेठानी उसे बांझ कहकर ताने सुनाने लगे थे !!
अब ओर यह शब्द सुनने की ताकत नहीं बची थी नेहा में इसलिए उसने अस्पताल जाकर अपना चेक अप करने का इरादा कर लिया !! अस्पताल में चेकअप करवाने के बाद जब रिपोर्ट में आया कि उसमें कोई कमी नहीं हैं तो वह रोशन से बोली रोशन , मैं मां बनने की क्षमता रखती हुं , मुझे लगता हैं तुम्हे भी एक बार तुम्हारा चेकअप करवाना चाहिए !! यह सुनकर रोशन झल्लाते हुए बोला मर्द को चेकअप करवाने बोलती हैं बांझ कहीं की ….
तुझमें ही दिक्कत हैं समझी मुझमें नहीं …..
आज नेहा भी बहुत गुस्से में थी , थक गई थी रोज रोज रोशन के जलील व्यवहार से , थक गई थी ससुराल वालों के तानों से !!
नेहा गुस्से में बोली रोशन आज तुम्हारी कमी की वजह से मैं मां नहीं बन पा रही हुं , मुझे बच्चों से कितना प्यार हैं शायद तुम सोच भी नहीं सकते , मेरी बात मान लो और चलो चेकअप करवाने !!
रोशन ने गुस्से में अपने पेंट से बेल्ट निकाला और लगा नेहा को मारने , क्या बोली तु मुझमें कमी हैं , यह देख मर्द कैसा होता हैं ?? मर्द में कभी कोई कमी नहीं होती और आज यह मैं साबित करके रहुंगा !! नेहा की पीठ पर वह बेल्ट से मार रहा था कि नेहा ने बेल्ट पकड़ा और और अपनी तरफ खींचा , रोशन धम्म से नीचे गिर गया , अब बेल्ट नेहा के हाथ में आ चुका था और नेहा ने रेशन की पीठ पर उस बेल्ट से तीन चार बार वार किया , अंदर से आती आवाजों से सारे घरवाले दरवाजे के बाहर आ गए थे !! रोशन ने भागकर दरवाजा खोला तो सभी ससुराल वाले बाहर खड़े यह तमाशा सुन रहे थे , नेहा ने जैसे ही बेल्ट फेंका , रोशन ने उसका हाथ जोरो से खींचा और बोला निकल कुल्टा , मेरे घर से निकल जा और कभी अपनी शक्ल पर दिखाना !!
नेहा जाते जाते सभी से बोली मैं बांझ नहीं हुं , इस आदमी ने शराब पी पीकर अपने आप को कमजोर बना दिया हैं , कमी इसमें हैं मुझमें नहीं , मैं बांझ नहीं यह आदमी नपुंसक हैं !!
दूसरी ओर रोशन उसे खींचे जा रहा था , नेहा को अपने घर से बाहर निकालकर रोशन ने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया !!
रात के ग्यारह बज रहे थे , नेहा ने तो आज खाना भी नहीं खाया था , घरवालों के तानों से ही उसका पेट भर चुका था !!
नेहा रास्ते में बेसुध चली जा रही थी , खाना ना खाने के कारण उसे चक्कर आ रहे थे , उतने में उसकी आंखों के सामने एक कार की रोशनी पड़ी और वह वहीं रास्ते में बेहोश हो गई !!
जब उसे होश आया तो उसने अपने आपको एक कमरे में पाया जहां एक बुढ़ी आंटी आकर बोली बेटी अब कैसी हैं तबीयत तुम्हारी ?? तुम मेरी कार के आगे बेहोश हो गई थी !!
नेहा बोली जी आंटी अब मैं ठीक हुं , फिर आंटी उसके लिए खाना ले आई , नेहा को जोरो से भूख लग रही थी इसलिए उसने संकोच किए बिना वह खाना खा लिया !!
बुढी आंटी बोली रात बहुत हो चुकी हैं इसलिए बेहतर होगा कि आज तुम यहीं सो जाओ !!
नेहा मन ही मन सोचने लगी वैसे भी उसका हैं ही कौन अब और भला कहां जाएगी इतनी रात को इसलिए उसने हामी भर दी !!
दूसरे दिन जब नेहा उठी तो उसने देखा एक लड़की उन आंटी को बहुत बेरुखी से हर बात का जवाब दे रही हैं , वह गुस्से में बोल रही थी दादी मेरी मम्मा को कहीं से भी वापस लाकर दो वर्ना मैं खाना नहीं खाऊंगी !!
वह बुढी आंटी शायद उसकी दादी थी !! नेहा बाहर आकर आंटी से बोली क्या हुआ आंटी आपकी पोती को ??
आंटी बोली बेटा मेरा नाम कल्याणी हैं और अभी एक महीने पहले ही मेरी बहु विनीता एक कार एक्सीडेंट में भगवान को प्यारी हो गई , तब से मेरी पोती सौम्या का व्यवहार बहुत बदल गया हैं !! मैं एक ऐसी युवती की तलाश में हुं जो सौम्या को संभाल सके !!
नेहा वैसे भी काम की तलाश में ही थी , वह बोली आंटी मेरा भी इस दुनिया में कोई नहीं हैं अगर आप कहें तो मैं आपके यहां काम करने तैयार हुं !!
कल्याणी जी ने तुरंत हामी भर दी क्योंकि उम्र होने के कारण वे सौम्या को नहीं संभाल पा रही थी , नेहा को यहां आए दो दिन हो चुके थे मगर सौम्या का व्यवहार अब भी उसके प्रति उखड़ा हुआ ही था !!
यही सब सोचते सोचते नेहा की आंख लग गई , दूसरे दिन सुबह नेहा ने उठकर सौम्या के स्कूल जाने के तैयारी की और सौम्या को स्कूल वैन में बैठाकर आकर रसोई में अपने और कल्याणी जी के लिए चाय बनाने लगी , कल्याणी जी मंदिर गई हुई थी , जब नेहा अपनी चाय लेकर बाहर आई तो उसने देखा एक अनजान शख्श सोफे पर आकर अपना सिर पीछे लिटाकर बैठा हैं , नेहा उसे देखकर ड़र गई और बोली कौन हो तुम और अंदर घुसने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ??
वह शख्श गुस्से में नेहा को देखकर बोला तुम कौन हो और मेरे घर में क्या कर रही हो ??
उतने में कल्याणी जी मंदिर से आ गई और बोली अरे रुको , मैं तुम दोनों का परिचय करवाती हुं एक दूसरे से !!
कल्याणी जी बोली विनय , इसका नाम नेहा हैं और इसे मैंने सोम्या की देखभाल के लिए रखा हैं और नेहा यह मेरा बेटा विनय हैं !!
विनय दरहसल अपनी कंपनी के काम से बाहर गया हुआ था इसलिए अचानक उसे घर में देखकर तुम डर गई होगी !!
विनय बोला मां तुम तैयार हो जाओ , डॉक्टर के पास तुम्हारा रूटिन चेकअप का अपा ईंटमेंट हें आज !!
विनय ने भी चाय नाश्ता किया और कल्याणी जी को लेकर डॉक्टर के पास दिखाने चला गया !!
वहां दूसरी तरफ स्कूल से फोन आता हैं कि सौम्या स्कूल में गिर गई , घर में कोई भी ना होने के कारण नेहा ने ही फोन उठाया था और वह भागकर स्कूल पहुंचती हैं , वहां जाकर देखती हैं कि सौम्या को बहुत खुन निकल रहा था , वह उसे लेकर झटपट डॉक्टर के पास जाती हैं और डॉक्टर सौम्या का इलाज करता हैं , सौम्या को तीन टांके आते हैं और वह दर्द से कराह कर मां मां पुकारते हुए नेहा का हाथ कसकर पकड़ लेती हैं , आज नेहा को भी मां की ममता की अनुभुति होती हैं , मानो सौम्या ने मां कहकर नेहा की मां बनने की पुर्ति कर दी हो और सौम्या उसे भी आज नेहा में अपनी मां की छवि दिखाई दे रही थी , जिस तरह भाग भागकर आज नेहा ने सौम्या के लिए यह सब किया था वह एक मां ही तो कर सकती हैं !!
सौम्या नेहा के गले लग गई थी और आज उसे फिर से मां की ममता मिल गई थी !!
कल्याणी जी और विनय ने जब घर आकर देखा कि सौम्या नेहा के साथ हंस खेल रही हैं तब नेहा ने उन्हें सारी बात बताई और यह सुनकर वे दोनों बहुत खुश हुए क्योंकि सौम्या की मां विनीता के निधन के बाद सौम्या पहली बार आज किसी के साथ हंस खेल रही थी !!
विनय एक पैसेवाला और सुलझा हुआ व्यक्ति था , धीरे धीरे उसे भी नेहा से प्यार होने लगा , हालांकि वह अपनी पहली पत्नी को भूला नहीं था मगर नेहा ने आकर जिस तरह उसके घर और उसकी बच्ची को संभाल लिया था , वह नेहा की तरफ आर्कषित हो गया था !!
कल्याणी जी भी बेटे की नई जिंदगी बसाना चाहती थी और उन्हें भी नेहा पसंद थी !!
आज विनय ने नेहा और सौम्या के साथ घूमने का प्लान बनाया था !! सौम्या ने उसकी मम्मी की एक साड़ी निकालकर नेहा को दी और कहा आज वह नेहा को इस साड़ी में देखना चाहती हैं !!
नेहा ने वह साड़ी पहन ली और जब नेहा बाहर आई तो विनय उसे देखता रह गया क्योंकि वह साडी उसकी पत्नी विनीता की थी और आज नेहा में उसे विनीता नजर आ रही थी !!
पुरा दिन घूमने के बाद सौम्या कार में नेहा की गोद में ही सो गई तब विनय ने नेहा से कहा कि आज तुम बहुत सुंदर लग रही हो नेहा , क्या तुम मुझसे शादी करोगी ??
नेहा भी विनय से मन ही मन प्यार करने लगी थी , उसने विनय के सामने अपना अतीत खोलकर आज रख दिया कि कैसे उसके पति ने उसके साथ हैवानियत की और फिर उसपर बांझ जैसा कलंक लगाकर उसे घर से निकाल दिया !!
विनय को जब पता लगा कि उसके पति का नाम रोशन अग्रवाल हैं तो वह बोला यह तो मेरी कंपनी का ही मुलाजिम हैं नेहा और मैं तुमसे वादा करता हुं कि इसका सबक उसे हम मिलकर सिखाएंगे !!
दूसरे दिन विनय ने नेहा से कहा कि वह कल उसकी कंपनी में उसके साथ चलेगी और रोशन को उसकी औकात दिखाएगी !!
दूसरे दिन नेहा जब उसकी कंपनी में पहुंची तो रोशन नेहा को देखकर बोला कि तुम यहां क्या कर रही हो ?? तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी कंपनी में आने की ?? उतने में पीछे से विनय आकर बोला यह तुम कैसे बात कर रहे हो यहां की मालकिन से ?? यह मेरी पत्नी हैं रोशन और इस कंपनी की मालकिन भी समझे , अभी की अभी माफी मांगो नेहा से !! ….जब रोशन ने अपनी बीवी को इतनी बड़ी कंपनी की मालकिन के रूप में देखा तो उसके पैरो तले जमीन खिसक गई !!
अपनी नौकरी बचाने के लिए रोशन ने नेहा से माफी मांगी और बोला मुझे माफ कर दिजिए नेहा जी !!
आज नेहा की अंतरआत्मा को सही मायने में चैन मिल पाया था और उसने विनय से शादी करने के लिए हां कह दी थी !!.
आज नेहा को फिर से भगवान पर यकीन हो गया था क्योंकि भगवान ने उसकी जिंदगी में फिर से खुशियां लौटा दी थी !!
दोस्तों , दुःख और सुख धुप छांव जैसे होते हैं इसलिए कितनी भी कठिन परिस्थितियां सामने क्यों ना आ जाए उनका डटकर सामना करें क्योंकि जो गलत करता हैं कहीं ना कहीं वह एक दिन भुगतता जरूर हैं !!
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धन्यवाद !!
स्वाति जैन
#ममता
(gkk M)