hindi stories with moral : “बहु तूने अच्छा नहीं किया अपने पति रोहित को उल्टा जवाब देकर अरे तेरा पति ही तो है यदि तू उसकी चार बातें बर्दाश्त कर लेगी तो तेरा कुछ घिस नहीं जाएगा पति परमेश्वर होता है यदि वह कुछ कहे तो बर्दाश्त कर लेना चाहिए” विमला ने अपनी बहू रश्मि से कहा तो सास की बात सुनकर रश्मि हैरानी से उनका चेहरा देखने लगी थी कुछ समय पहले ही उसका विवाह रोहित से हुआ था
रश्मि जहां बेहद शांत और मधुर स्वभाव की स्वामिनी थी जो अपने पति को परमेश्वर के समान मानकर उसका बेहद सम्मान करती थी वही रोहित इसके बिलकुल विपरीत था वह बेहद गुस्से बाजऔर खुदगर्ज इंसान था जो मतलब पडने पर रश्मि से मीठी-मीठी बातें करता लेकिन मतलब निकलने पर उसका स्वभाव बेहद खौफनाक हो जाता था जिससे रश्मि को बेहद दुख होता था
एक दिन घर में कुछ मेहमान आए हुए थे जब रश्मि ने उनके लिए बाजार से नाश्ता लाने को कहा तो रोहित उनके लिए नाश्ता लाने की बजाय गुस्सा होते हुए रश्मि से बोलॉ “तेरी हिम्मत कैसे हुई मुझ पर हुक्म चलाने की मैं तेरा नौकर नहीं हूं जो तेरा आदेश मानू जा किसी और से कहकर नाश्ता मंगा ले” पति की बात सुनकर रश्मि का मन दुखी हो गया था दुखी मन से उसने अपनी सास से नाश्ता मंगवाने को कहा तो उन्होंने ससुर से कहकर बाजार से नाश्ता मंगा कर मेहमानों को खिला कर विदा कर दिया था।
एक दिन रश्मि जब खाना खाकर अपने बर्तन रसोई में रखने जा रही थी तब उसने देखा उसकी सास फोन पर अपनी बेटी अंजलि से बात कर रही थी अंजलि फोन पर अपने पति की शिकायत कर रही थी जिसे सुनकर वे अंजलि को समझाते हुए बोली” यदि तेरा पति तेरे साथ गलत व्यवहार करें तो तू बर्दाश्त मत करना उसका कड़ा विरोध करना यदि तूने उसका कड़ा विरोध नहीं किया तो उसे तेरे साथ गलत व्यवहार करने की आदत पड़ जाएगी फिर वह कभी सुधरेगा नहीं” अपनी मम्मी की बात सुनकर अंजलि ने उन्हें उनकी सलाह पर अमल करने का आश्वासन देकर फोन रख दिया था ।
रश्मि जल्दी से बर्तन साफ करके जब अपने कमरे में गई तो रोहित जो खाना खाकर आराम से बिस्तर में रजाई औढ कर लेटा हुआ था बगैर यह सोचे की ठंडे पानी में बर्तन साफ करने से रश्मि को भी ठंड लग रही होगी गुस्से में चिल्लाते हुए उससे बोला “साली कहां मर गई थी तुझे पता है कि मै ठंडा दूध नहीं पीता फिर मुझे ठंडा दूध क्यों दिया? चल जल्दी से इसे गर्म करके ला”रोहित की बात सुनकर रश्मि को तेज गुस्सा आ गया था
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क्योंकि थोड़ी देर पहले ही वह रोहित के लिए गर्म दूध रखकर बर्तन साफ करने के लिए गई थी मगर रोहित फोन चलाने में इतना व्यस्त था कि उसे दूध पीने का होश ही नहीं रहा और दूध रखा रखा ठंडा हो गया एक तो खुद की गलती और दूसरा उसके बोलने का लहजा जिसे सुनकर रश्मि को भी गुस्सा आ गया था वह गुस्से में रोहित से बोली”साली का पति भी साला ही होता है यदि आपका दूध ठंडा हो गया था
तो आप प्यार से भी तो कह सकते थे मुझसे दूध गर्म करने के लिए इस तरह बदतमीजी से बोलने की क्या जरूरत थी “इससे पहले की रोहित उसकी बात का कुछ जवाब देता तभी उसकी सास उसकी तेज आवाज सुनकर कमरे में आ गई थी और रोहित को समझाने की बजाय उल्टा रश्मि को ही डांटने लगी थी जिसे सुनकर रश्मि दुखी स्वर में बोली”?
मम्मी जी यदि आपके जमाई भी आपकी बेटी से इस तरह बदतमीजी से बोलते तब भी क्या अपनी बेटी को आप ऐसे ही डांटती? थोड़ी देर पहले तो आप दीदी को समझा रही थी कि यदि तेरा पति तेरे से गलत व्यवहार करें तो बर्दाश्त मत करना उसका कड़ा विरोध करना जब मैंने कोई गलती नहीं की फिर मैं क्यों बर्दाश्त करूं? मैं उनके लिए गर्म दूध रखकर रसोई में बर्तन साफ करने गई थी
लेकिन फोन के चक्कर में इन्होंने दूध पर ध्यान नहीं दिया जिससे दूध ठंडा हो गया इसमें मेरी क्या गलती क्या मैं किसी की बेटी नहीं? मैं भी आपकी दी हूई सलाह का अनुसरण कर रही हूं ताकि यह दोबारा मेरे साथ ऐसा व्यवहार ना कर सके।”रश्मि की बातें सुनकर उसकी सास शर्मिंदा हो गई थी वह रोहित को समझाते हुए बोली”आगे से बहू से ऐसा व्यवहार मत करना चल अपनी गलती के लिए माफी मांग “ठीक है आगे से ऐसा नहीं कहूंगा अब मुझे माफ कर दो”रोहित ने माफी मांगते हुए कहा तो रश्मि ने उसे माफ कर दिया था।
यह एक काल्पनिक रचना है परंतु आज भी हमारे समाज में ऐसे बहुत से लोग रहते हैं जो छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा होकर अपनी पत्नी को गाली देकर उसका अपमान करते हैं ऐसे लोगों को तुरंत सबक सिखा देना चाहिए नहीं तो ऐसे लोगों के कारण जिंदगी नरक बन जाती है क्योंकि ऐसे लोग प्यार से समझाने पर कभी समझते नहीं जब उन्हें उन्हीं की भाषा में समझाया जाए तभी समझते हैं।
बीन शर्मा