दूसरे दिन रोशन बोला मां पिताजी बहुत दिन हो गए आप दोनों के साथ वक्त बिताए , चलिए चारों कल कहीं घूम आते हैं !!
रुक्मणिजी और प्रकाश जी ने भी हामी भर दी मगर प्रकाश जी बोले बेटा कल तो इतवार भी नहीं हैं , तुम्हें कल समय मिल जाएगा ??
रोशन बोला मां पापा मुझे माफ करिएगा जो मैं इतने समय से आप लोगों को समय नहीं दे पा रहा था मगर अब मैं आप लोगों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहता हुं , जाने हम कितने दिन साथ हैं ओर !!
मैं नहीं चाहता कि कल के दिन मुझे अपनी गलती पर पछतावा हो !!
यह सुन रुक्मणि जी की आंखों के कोर गीले हो गए और वह बोली जुग जुग जिओ बेटा , मैं जानती थी तु मेरा अच्छा बेटा हैं !! मैं हमेशा तेरे पापा से कहा करती थी कि हमारा बेटा वैसा नही हैं जैसा आप सोचते हैं !!
अगले दिन सुबह वे लोग घूमने चल दिए !! रूकमणि जी के कहने पर रोशन ने उन्हें दो तीन मंदिरों के दर्शन करवाए और फिर होटल में खाना खिलाया , इसी तरह शाम हो गई , शाम को एक सुनसान हाईवे , जहां चारो ओर घना जंगल था वहां रोशन की कार खराब हो गई , कार खराब होना रोशन और सौम्या के प्लान का एक हिस्सा था !!
सुनसान हाईवे को देख वृद्ध दपंती डर गए और बोले बेटा , अब क्या होगा ?? हमें तो बहुत डर लग रहा हैं , रास्ता बिल्कुल सुनसान हैं , यहां तो कोई व्यक्ति नजर नहीं आ रहा हैं !!
रोशन बोला आप दोनों कार से उतरकर बाहर उस पत्थर पर बैठिए , मैं और सौम्या गाडी को धक्का देकर आगे ले जाने की कोशिश करते हैं क्योंकि यहां तो कोई मैकेनिक मिलेगा नहीं !!
दोनों गाडी को जबरदस्ती धक्का देने का नाटक करते हैं और आगे चलकर गाड़ी में बैठकर अपने प्लान के जीत की खुशी मनाते हैं !! दोनों वृद्ध दपंती को उस सुनसान हाइवे पर अकेले छोड़कर चले जाते हैं जहां चारो ओर घना जंगल था , रात को किसी जंगली जानवर के आने का भी अंदेशा था , अंधेरा ज्यादा हो जाने के बाद बिचारे दोनों बुढ़े घबराने लगते हैं कि अब तक बेटे- बहु वापस क्यों नहीं आए ?? दोनों डर के मारे वहीं एक जगह बेटे बहु के वापस आने की आस में बैठे रहते हैं मगर अब तक कोई ना आया था , यह सुनसान हाईवे और घना जंगल देखकर दोनों की आंखों में आंसू आ जाते हैं !!
प्रकाश जी बोले रुक्मणि क्या तुम्हें लगता हैं कि अब भी तुम्हारे बेटे बहु वापस आएंगे ??
रुक्मणि जी तो बेचारी असंमजस में पड गई थी कि यह क्या हो गया ?? बेटे बहु गाड़ी लेकर आखिर ऐसे कहां ओझल हो गए हैं कि दो घंटे तक नहीं वापस नहीं आए ?? वे दोनों हमें इस घने जंगल में अकेला कैसे छोड़ सकते हैं ??
उतने में वहां से एक सीनियर पुलिस ऑफिसर की गाड़ी गुजरती हैं , जो उन्हें यहां अकेले देख गाडी रोककर सारा वार्तालाप करते हैं !! सभी को साफ साफ समझ आ गया था कि बेटे बहु उन्हें यहां एसे ही मरने के लिए अकेला छोड़कर चले गए हैं !!
ऑफिसर उन्हें अपने क्वार्टर में ले गया , उन्हें खाना खिलाया और बोला आपके बेटे बहु कानुन से ज्यादा आपके अपराधी हैं , बताईए उन्हें कैसे सजा देनी हैं ??
दोनों दंपती जो अब तक बेटे बहु की इस हरकत पर हैरान थे वे कहते हैं वे लोग जिस घर में रह रहे हैं , वह घर हमने पाई पाई जोड़कर बनाया हैं , वह घर हमें वापस चाहिए और सजा तो इनको ऐसी देनी हैं कि सारा जग याद करें !!
ऑफिसर जिसका नाम प्रतापसिंह था , रोशन के घर जाकर नोटिस पकड़ाता हैं और कहता हैं यह घर सरकार की प्रापर्टी पर बना हैं दस दिन में यह घर खाली करो वर्ना वह उन्हें घसीटते हुए बाहर निकाल देगा !!
रोशन और सौम्या जो अब तक ख़ुशियां मना रहे थे ,यह सुनकर दोनों के चेहरों की हवाईयां उड़ जाती हैं !! पुलिस अफसर के कहने के बाद रोशन कई सरकारी कार्यालयों में चक्कर काटता हैं मगर वह कहते हैं ना जिसकी नीयत साफ नहीं होती भगवान भी उसका साथ नहीं देते !!
रोशन का किसी ने साथ नहीं दिया और उसे वह घर खाली करके किराए के मकान में आना पड़ा , किराए के मकान में आते ही रोशन पर रिश्वत लेने के इल्जाम के कारण उसे अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा !!
अपने ही मां पिता को यूं सुनसान हाईवे पर अकेले छोड़ने की सजा मिल रही थी आज दोनों को , रोशन और सौम्या अब सड़क पर आ गए थे और दोनों अपने द्वारा की गलती पर बहुत रो रहे थे !!
अपनी गलती का पश्च्चाताप करने दोनों अपने मां पिता को ढूंढने निकलते हैं !! रोशन सौम्या से बोला काश !! मैं तुम्हारी बातों में ना आता तो आज मेरा यह हाल ना होता !!
सौम्या बोली तुम्हारे माता पिता को हाईवे पर छोडने का सारा घटिया प्लान तुम्हारा था समझे !!
रोशन बोला सौम्या तुमने मेरे कान भर भरकर मुझे अंधा और बहरा बना दिया था इसलिए मैंने ऐसा घटिया प्लान बनाया कि अपने ही माता पिता को घने जंगल में सुनसान हाईवे पर छोड आया , ना जाने क्या हुआ होगा बिचारों का और रोने लगा !!
सौम्या भी रोते हुए बोली कोई दुश्मन के साथ भी ऐसा नहीं करता होगा जो हमने उनके साथ किया हैं !!
प्रतापसिंह यह सारा तमाशा देख रहा था , वह दोनों को अपनी जीभ में बैठाता हैं और उनके पुराने घर ले जाता हैं और कहता हैं तुम्हारे मां पिताजी अंदर हैं , आज तुम्हें अपनी गलती का एहसास हो गया इसलिए छोड़ रहा हुं वर्ना दोनों को जिंदगी भर जेल में चक्की पीसवाता समझे !! तुम जैसे बच्चों से तो भगवान बेऔलाद रखे लोगों को , कम से कम सुख शांति से जी तो पाएंगे !!
रोशन और सौम्या अंदर जाकर अपने माता पिता के कदमों में गिर जाते हैं , खुशी , दुःख , शर्मिंदगी , पीड़ा सारे भाव उनके चेहरे पर उमड़ आते हैं !! प्रकाश जी रोशन के गाल पर कसकर एक तमाचा जड़ देते हैं , रोशन अपना दूसरा गाल भी आगे करके बोलता हैं मारिए पिताजी मुझे मारिए मैं आपका और मां का गुनेहगार हुं , दुसरी तरफ सौम्या भी जोर जोर से रोते हुए बोली हां मां आप चाहे हमको जो सजा दे मगर हमें माफ कर दिजिए !!
रुक्मणि जी बोली रोशन मैंने तुम पर अंधों की तरह विश्वास किया था , जब भी तुम दोनों गलती करते मैं तुम्हारे पिताजी को समझा बुझाकर मना लेती मगर इस बार तो तुमने हमकों मरने के लिए ही छोड़ दिया , इस गलती की माफी नहीं मिल सकती तुम्हें , जाओ निकल जाओ यहां से !!
प्रकाश जी और रुक्मणि जी ने मुंह फेर लिया मगर रोशन और सौम्या उनके पांव में बैठकर गिड़गिड़ाने लगे !!
रोशन बोला मां पिताजी आपसे गददारी करके मैं दुःख ही झेल रहा हुं अब तक , मेरी नौकरी चली गई , मैं सड़क पर आ गया , मुझे मेरे गुनाह की सजा मिल चुकी हैं मां पापा !!
सौम्या बोली मां पिताजी मैंने बहुत पाप किए हैं तभी तो आज हमारी यह हालत हैं !! मैंने पल पल रोशन को भड़काया और हम दोनों ने मिलकर आप लोगों के साथ इतना बड़ा धोखा किया मगर धोखेबाज इंसान कभी सुखी नहीं रहता मां पापा यह बात भले देर से ही सही हमें समझ आ गई हैं !!
रोशन और सौम्या बहुत गिड़गिड़ाने लगते हैं !!
प्रकाश जी और रुक्मणि जी की आंखों में भी आंसू आ जाते हैं और वे उन्हें गले लगा लेते हैं !! आखिर बच्चे कैसे भी हो मां बाप तो मां बाप ही रहते हैं , उनकी बडी से बडी गलती को माफ करने का कलेजा एक मां पिता ही रख सकते हैं !!
यह सब देखकर ऑफिसर प्रतापसिंह भी अपनी राह चल देते हैं क्योंकि नाटक और असलियत में उन्हें फर्क समझ आता था और वे देख चुके थे कि रोशन और सौम्या अब सुधर चुके थे !!
दो साल बाद माता पिता की दुआओं से सौम्या की गोद भर चुकी थी जो कई साल तक सुनी रही थी !!
दोस्तों माता पिता की दुआओं और बददुआओं में बहुत ताकत आती हैं इसलिए उनका दिल कभी ना दुखाए !!
बच्चों की लाख गलतियों के बाद भी एक माता पिता का दिल इतना बड़ा होता हैं मगर ना जाने बच्चे माता पिता के बुढ़े हो जाने के बाद उनके साथ इतना बुरा सुलुक कैसे करने लगते हैं ?? क्या वे भूल जाते हैं कि उनके माता पिता ने उनके लिए क्या कुछ नहीं किया ?? उनके माता पिता ने उनके लिए कितनी कुर्बानियां दी हैं ??
दोस्तों इस कहानी को लेकर आपकी क्या राय है कमेंट में जरूर बताइएगातथा ऐसी ही रचनाएं पढ़ने के लिए मुझे फॉलो अवश्य करिएगा !!
धन्यवाद !!
जब बेटा बहु ने अपने ही माता पिता को मरने के लिए छोड़ दिया !! (भाग 2 )
स्वाती जैन
Bahut hi sundar🙏🙏🙏
Bakwaas