प्रकाश जी बेटे का यह रवैया देख गुस्सा हो चुके थे वे बोले बेटा , हम तुझसे दवाई या नई चीजों का एक रुपया नहीं लेते , सिर्फ साथ चलने की उम्मीद करते हैं मगर तुम्हारे पास सिर्फ हमारे लिए समय नही हैं बाकी सभी के लिए तुम्हारे पास समय हैं !!
रोशन की पत्नी सौम्या यह सुनकर चिढ़ गई और चिल्लाकर बोली पापाजी जबान संभालकर बात करिए , आप जिसे बाकी सब कह रहे हैं वह मायके वाले हैं मेरे और मैं अपने मायके वालों के खिलाफ एक शब्द नहीं सुन सकती !!
रुक्मणि जी बात को संभालते हुए बोली बेटा , इनका कहने का यह मतलब नहीं था , तुम लोग जाओ , मैं और तुम्हारे पापा डॉक्टर के पास अकेले चले जाएंगे !!
रुक्मणि और प्रकाश जी शाम को डॉक्टर के पास चले जाते हैं , उनके जाते ही रोशन की पत्नी सौम्या बोली इन दोनों बुढ़ों ने तंग कर दिया हैं रोशन , ना जाने कब इनसे छुटकारा मिलेगा ?? कभी कभी तो मन करता हैं मैं हमेशा के लिए अपने मायके चली जाऊं !! यह सब तुमसे शादी करने का परिणाम हैं , काश !! मैंने तुमसे शादी ही ना की होती !!
रोशन बोला जानेमन , मेरी जानेबहार , ऐसी बातें मत करो यार , तुम तो जानती हो मैं तुम्हारे बिना एक पल भी नहीं रह सकता !! ओर रही बात मेरे माता पिता की तो मैं भी तो इनसे छुटकारा पाने का उपाय ही ढूंढ रहा हुं !!
सौम्या बोली इनको नींद की गोलियां देकर मार देते हैं , सांप भी मर जाएगा और लाठी भी नहीं टूटेगी और हमें इन लोगों से छुटकारा भी मिल जाएगा , उसपर रोशन बोला पागल हो गई हो क्या ?? जिंदगी भर जेल में चक्की पीसने का इरादा हैं क्या ??
सौम्या बोली बस तुम बहाने बनाओ , साफ साफ कह क्यूं नहीं देते कि तुमको इनको जिंदगी भर यहां रखकर मेरी छाती पर मूंग दलवाने हैं !!
उतने में रोशन के दिमाग में एक खुराफाती आइडिया आता हैं और सौम्या को सारा आईडिया बताकर वह बोला बस आज से आदर्श बहु बेटा बनने की तैयारी कर लो , बाकी सब मुझ पर छोड़ दो और अभी चलो तुम्हारे मायके वर्ना देर हो जाएगी और आज रात से ही हमारा नाटक हमें शुरू कर देना पड़ेगा !!
डॉक्टर के पास से लौटते समय प्रकाश जी बोले देखा मैंने कहा था बेटे से साथ चलने की भीख मत मांगों मगर तुम ठहरी गवार और भोली , आखिर आज फिर बेज्जती करवा ली अपनी !!
रुक्मणि जी बोली , आपको बहुत जल्दी बुरा लग जाता हैं , छोड़ दिजिए अब गुस्सा !!
बेटे बहु भी एक दिन सुधर जाएंगे देखना आप !!
रात को जब दोनों वृद्ध दपंती घर लौटे तो सौम्या ने उन्हें गर्म गर्म खाना दिया और फिर गर्म गर्म दूध भी ले आई !! यह देखकर रुक्मणि जी और प्रकाश जी की बुढ़ी आंखें आश्चर्यचकित रह गई , फिर जैसे ही दोनों ने दूध खत्म किया सौम्या रुक्मणि जी के पांव दबाने बैठ गई , पीछे से रोशन भी आकर प्रकाश जी के पैर दबाने लगा !!
यह देखकर दोनों बुढ़े सोचने लगे चलो अच्छा हैं भगवान ने वक्त रहते इनको सदबुद्धि दे दी !!
दरहसल अब तक रोशन और सौम्या हर बात पर मां- पिताजी को बस झिड़कते आए थे और आज अचानक उन्हें इतना प्यार से देख दोनों वृदध को खुशी हो रही थी !!
रुक्मणि जी बोली देखा आप मुझे गंवार समझते थे , देखा मैं सही कहती थी ना बेटे बहु एक दिन सुधर जाएंगे !!
प्रकाश जी बोले रुक्मणि दरहसल मैंने तुम्हे एक बात कभी नहीं बताई , एक बार मैंने रोशन और सौम्या को बात करते सुन लिया था , सौम्या रोशन से कह रही थी तुम्हारे माता पिता एक नम्बर के गवार लोग हैं , बुढ़े होने के साथ साथ अब इनका दिमाग भी सठियाने लगा हैं यह सुनकर रोशन ने भी सौम्या की बात में हां में हां मिलाई थी तब से मैं बेटे बहु की नीयत जान चुका हुं और कोई भी काम पर इन पर आधारित नहीं रहना चाहता मगर अब शरीर बुढ़ा होने लगा हैं , ना चाहते हुए भी दिल भगवान से प्रार्थना करता हैं कि बेटा बहु हमें इज्जत और प्यार दें बाकी हमें ओर चाहिए ही क्या इनसे ??
रुक्मणि जी बोली भगवान ने आपकी बात सुन ली , देख लिया ना आज आपने बेटा बहु हमें कितनी इज्जत और प्यार दे रहे हैं , ना जाने फिर भी प्रकाश जी का मन विचलित था और उनके भीतर से आवाज आ रही थी कि दाल में कुछ काला हैं मगर रुक्मणि जी को बताकर कुछ फायदा नहीं था वह तो बेटे बहु के प्यार में इतनी अंधी हो जाती थी कि उन्हें प्रकाश जी गलत लगने लगते !!
जब बेटा बहु ने अपने ही माता पिता को मरने के लिए छोड़ दिया !! (भाग 3 )
जब बेटा बहु ने अपने ही माता पिता को मरने के लिए छोड़ दिया !! (भाग 1 )
जब बेटा बहु ने अपने ही माता पिता को मरने के लिए छोड़ दिया !! – स्वाती जैन : Moral Stories in Hindi
स्वाती जैन