इस आदमी ने मुझसे और मेरे बच्चे से हमारी पहचान ही छीन ली !! (भाग 3) –  स्वाती जैंन: Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  :

सीमा जी ने पानी का ग्लास शालू से छिना और बोली यह ले बेटा !! मैं तेरे लिए बढ़िया सी चाय बना लाती हुं !! मैं जानती हुं तुझे मेरे हाथ की चाय कितनी पसंद हैं !!

शालू अब मां बेटे की हरकतें देखकर हैरान होने लगी थी !! उसे लगता मानो उसका इस घर में कोई अस्तित्व ही नहीं हैं !!

अब आए दिन शालू के साथ ऐसा रुखा व्यवहार होने लगा था !!

सास दिन भर घर में कुछ ना कुछ ताने देती रहती !! कभी कहती मेरे बेटे ने तो मेरे कहने पर तुझसे शादी कर ली वर्ना तेरी शक्ल सुरत देखकर तो कहां तुझे मेरे हीरे जैसा बेटा मिलता ?? तो कभी कहती तेरे मां बाप ने तुझे कुछ सिखाया ही नहीं हैं !!

ना तुझमें रहने का तरीका हैं और ना तुझे खाना बनाना आता हैं !!

रात में पंकज ज्यादातर अपनी मां के कमरे में ही सो जाता , यहां अपने कमरे में शालू पंकज के इंतजार में रात भर करवटें बदलती रहती !! हां जब पंकज का मन होता वह शालू के पास आ जाता मगर शालू की भावनाओं का पंकज को कभी ख्याल नहीं रहा !!

सीमा जी यही चाहती थी कि पंकज की शादी के बाद भी बेटा बस उनका ही रहे इसलिए तो साधारण सी शक्ल वाली शालू को उन्होने अपनी बहू बनाना चुना था ताकि उनका बेटा अपनी पत्नी के पीछे दिवाना बनकर ना रहे !! यह बात शालू को तब पता चली जब वह अपने ससुराल में अपनी मासी सास के वहां एक प्रोग्राम में गई थी तब मासी सास की बहु ने यह बात बातों ही बातों में शालू को बताई थी !!

शालू अब रोज रोज सास और पति की हरकतों से तंग आ गई थी !!

एक दिन वह पंकज को कमरे में बुलाकर प्यार से बोली मैं तुम्हारे लिए अपना घर परिवार सब छोड़कर यहां आई हुं मगर तुम मुझे बिल्कुल प्यार और सम्मान नहीं देते !! मुझे बहुत अकेला महसूस होता हैं !! अपने माता पिता को प्यार और इज्जत देना हर बेटे का फर्ज होता हैं मगर अपनी पत्नी के लिए भी तो पति के कुछ फर्ज होते हैं !!

क्या तुम्हें मेरे प्रति कोई फर्ज याद नही हैं ??

पंकज ने ताव में आकर शालू को एक थप्पड़ जड़ दिया और बोला तेरी इतनी हिम्मत तु मुझे मेरी मां के खिलाफ भड़काएगी ?! मैंने तुझसे पहले ही कह दिया था मेरे लिए मेरी मां से बढ़कर कुछ नहीं हैं !!

आइंदा से मुझे कुछ भड़काने की कोशिश की तो ओर थप्पड़ खाएगी समझी !!

 शालू  ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कभी उसका पति उस पर हाथ उठा सकता हैं !! शालू अपने कमरे में निढाल सी आकर सो गई और रोने लगी !!

शालू ने अब तक अपने मायके में किसी को कुछ नहीं बताया था , मायके वालों को कुछ बताकर वह उन्हें परेशान नहीं करना चाहती थी !!

वह कहते हैं ना एक बार किसी चीज को ना रोका जाए तो वह बार बार होने लगती हैं कुछ ऐसा ही हुआ शालू के साथ !! उसकी आज की खामोशी ने पंकज को अपने उपर जुल्म की मंजुरी दे दी थी !!

दो तीन दिन बाद जब सास सीमा जी ने किसी घर के काम को लेकर पंकज से शालू की शिकायत की तो पंकज ने फिर से शालू पर हाथ उठा दिया , अजय कुछ काम से दिल्ली आया हुआ था , अपनी  बहन को मिलने उसके घर आए भाई अजय ने जब अपनी बहन पर अपने ही जीजा को हाथ उठाते देखा तो वह गुस्से में लाल पीला हो गया और पंकज को एक थप्पड़ लगाकर अपनी बहन को अपने घर ले आया !! रास्ते में शालू ने उसे अपने घर का सारा हाल बयां कर दिया !!

घर आकर अजय बोला पापा यह देखिए !! क्या हाल बना दिया हैं उन लोगों ने इसका , आपको बहुत जल्दी थी इसका ब्याह करने की ना , अब देखिए क्या हो रहा था इसके साथ वहा और सबसे बडी गलती तो शालू तुम्हारी हैं कि तुमने यह सब सहन किया !!

शालू के माता पिता यह सब सुनकर रोने लगे और बोले , बेटा हमसे बहुत बड़ी ग़लती हुई हैं जो तेरे ब्याह की इतनी जल्दी कर दी !!

शालू भी बहुत रोने लगी !! अब शालू हमेशा के लिए अपने मायके आकर बैठ गई थी और सोचती रहती कि शायद पंकज को अपनी गलती का एहसास हो जाए मगर पंकज ने शालू को एक फोन ना किया !!

आज जब शालू का जी मचलने लगा और उसे उलटियां होने लगी तो डॉक्टर से पता चला कि वह मां बनने वाली हैं !!

शालू ने एक उम्मीद से यह खुशखबरी सुनाने पंकज को फोन किया कि शायद पंकज अपने होनेवाले बच्चे के लिए उसको वापस अपना ले मगर पंकज फोन पर बोला पता नहीं किसका पाप मेरे माथे मंडना चाहती हो , मुझे कोई मतलब नहीं तुमसे और तुम्हारे बच्चे से !!

मायके वालों के मना करने के बावजूद शालू ने अपने बच्चे को जन्म दिया , उसे लड़की पैदा हुई थी जिसका नाम शालू ने नायरा  रखा !!

शालू ने भी उसी स्कूल में नौकरी ज्वाइन कर ली जहां नायरा को पढ़ने रखा था !! नायरा अब धीरे धीरे बडी हो रही थी और सबके पापा को देख उसे अपने पापा की कमी खुब खलती थी !!

नायरा अब तेरह वर्ष की हो गई थी और नायरा के बार बार पूछने पर शालू ने उसे बताया कि कैसे उसके पापा ने उन लोगों को छोड दिया !!

जब नायरा ने सच्चाई सुनी तो उसे उसकी मां पर बहुत दया आई और उसे अपने पापा से मन ही मन नफरत हो गई !!

शालू अपने पापा -मम्मी , भाई – भाभी और नायरा के साथ आज बहुत सालों बाद घूमने निकली थी वहां वे सभी खुब इंजाय कर रहे थे !! कभी सेल्फी लेते , कभी ठहाके लगाते , सभी इंजाय करते हुए पास के एक रेस्टारंट में खाने पहुंचे , वहां उनकी नजर पंकज और उसकी मां पर पडी !! पंकज के बाल कुछ ज्यादा ही सफेद हो चुके थे जिस वजह से वह उम्र से अधिक बुढ़ा दिखाई दे रहा था !!

जैसे ही उसने शालू और अपनी बेटी को देखा वह पास आकर माफी मांगते हुए बोला शालू मुझे माफ कर दो !!

जब तुम्हारा फोन आया तब मैं मां के बहकावे में आ गया था और मैंने तुम्हें फोन पर खुब भला बुरा कहा मगर बाद में मैंने तुम्हें बहुत फोन करना चाहा मगर तुमने मेरा नम्बर ब्लॉक कर दिया था !! मैं तुम्हारे मायके भी आया था तुम्हें लेने मगर तुम लोग वहां से जगह बदल कर कहीं ओर रहने चले गए थे !!

मेरी बच्ची कितनी बडी हो गई तुम , मैं तुम्हारा पापा हुं , पंकज नायरा के सिर पर हाथ फेरते हुए बोला !!

नायरा ने पंकज का हाथ झटक दिया और बोली मेरी मां और पिता एक ही हैं जिन्होंने मुझे अकेले पाला पौसा !! मेरा आपसे कोई रिश्ता नहीं !!

चलो मम्मा , यहां से , मैं यहां एक पल नहीं रुकना चाहती !!

आज पंकज किसी तरह शालू और नायरा को रोकना चाहता था मगर शालू और नायरा बिल्कुल रुकने तैयार ना थे !!

सीमा जी यह सब देखकर रोते हुए पंकज से बोली पंकज मैंने तेरा घर खराब कर दिया बेटा !! यह सब मेरी वजह से हुआ हैं !!

पंकज शालू से बहुत कुछ कहना चाहता था , उससे माफी मांगना चाहता था मगर अब पछताए क्या होत जब चिडिया चुग गई खेत !!

दोस्तों , समय निकलने के बाद पछताने से कुछ हाथ नहीं लगता इसलिए समय रहते अपनों की कद्र कर लेनी चाहिए क्योंकि समय कभी किसी का इंतजार नहीं करता , वह तो निरंतर आगे बढ़ता रहता हैं !! काश पंकज अपनी मां की बातों में ना आता , काश !! वह अपनी मां के साथ अपनी पत्नी की भी इज्जत कर पाता !!

इस कहानी को लेकर आपकी क्या राय हैं ?? कमेंट करके जरूर बताइयेगा तथा ऐसी ही अन्य रचनाएं पढ़ने के लिए मुझे फॉलो अवश्य करिएगा !!

धन्यवाद !!

आपकी सखी

स्वाती जैंन

3 thoughts on “इस आदमी ने मुझसे और मेरे बच्चे से हमारी पहचान ही छीन ली !! (भाग 3) –  स्वाती जैंन: Moral stories in hindi”

  1. ish kahani me sanb jagah se salu galat hai,kyoki usne pagle hia din galat ka partikar nahi kiya,dusri baat yeisa hone par usne apne liye awaj nahi uthayi,tisti baat apne mayke walo ko nahi btaya,antim aur last,julm ke khilaf khade nahi hona,julmi se jyada,julm pane wala doshi hota hai.

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  2. ish kahani me sanb jagah se salu galat hai,kyoki usne pahle hia din galat ka partikar nahi kiya,dusri baat yeisa hone par usne apne liye awaj nahi uthayi,tisti baat apne mayke walo ko nahi btaya,antim aur last,julm ke khilaf khade nahi hona,julmi se jyada,julm pane wala doshi hota hai.

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