इस आदमी ने मुझसे और मेरे बच्चे से हमारी पहचान ही छीन ली !! (भाग 1) –  स्वाती जैंन: Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : मम्मी , देखो तो जरा अजय ने मेरा चश्मा कहीं छुपा दिया हैं और मेरे पूछने पर ऐसे भोला बन रहा हैं जैसे उसने कुछ किया ही नहीं शालू अपनी मम्मी सुधा जी से बोली !!

उतने में पीछे से अजय आकर बोला मम्मी , यह मोटी !! झूठ बोल रही हैं !! मैंने इसका चश्मा नहीं छुपाया , खुद ही यहां वहां रखकर भूल जाती हैं और फिर दूसरों पर इल्जाम लगाती हैं !!

सुधा जी बोली हे भगवान !! इतने बडे हो गए तुम दोनों भाई बहन मगर अब तक बचपना नहीं गया तुम दोनों का !! हर छोटी छोटी बात पर लड़ते हो और अजय क्यूं इतना तंग करता हैं अपनी बहन को , जानता हैं कल के दिन यह ससुराल चली जाएगी तो सबसे ज्यादा तु ही रोएगा !!

अजय तपाक से बोला मैं क्यों रोऊंगा भला ?? मैं तो खुश हो जाऊंगा की मोटी शादी करके गई हमेशा के लिए , अब यह पुरा घर मेरा हैं कहकर अजय जोर जोर से हंसने लगा !!

शालू बोली हां तो किसने कहा मैं शादी करके चली जाऊंगी !! मैं कहीं जाने वाली नहीं , मैं तो यही रहुंगी जिंदगी भर !!

अजय बोला तेरी शादी तो मैं करवाकर रहुंगा मोटी देखना !!

शालू बोली रुक तु ऐसे नही मानेगा और उसके हाथ में जो किताब थी शालू उससे ही अजय को मारने उसके पीछे भागी और अजय हंसते हंसते उसके आगे भागने लगा , दोनों भाई बहन को पुरे घर में यहां से वहां भागते देख सुधा जी बोली इतने बड़े हो गए हैं दोनों भाई बहन मगर इनका बचपना नहीं गया अभी तक !! जाने कब अक्ल आएगी दोनों को !!

शालू इंजीनियरिंग का कोर्स कर रही थी और अजय सी.ए की तैयारी कर रहा था !! शालू और अजय के माता पिता मध्यमवर्गीय लोग थे !! पिता महीपाल जी खुब मेहनत करते ताकि अपने बच्चों को खुब पढ़ा सके और मां सुधा जी भी खुद पढी लिखी युवती थी जो पहले घर में ही बच्चों के ट्यूशन लिया करती थी मगर बाद में खुद के बच्चे बड़े होते गए तो उन पर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया था और दूसरे बच्चों का ट्यूशन लेना छोड़ दिया !!

शालू दिखने में बहुत सुंदर नहीं थी और ना पढ़ने में बहुत होशियार थी !! गेहुंआ रंग , मध्यम कद और साधारण सी शक्ल वाली शालू जब कॉलेज में ज्यादातर लड़कियों को अपने बॉयफ्रैंड के साथ देखती तो ख्यालों में अपने भावी राजकुमार के सपने संजोने लगती मगर फिर उसे सहसा ध्यान आता कि पढ़ना लिखना ज्यादा महत्वपूर्ण हैं , शादी तो एक दिन सभी को करनी ही होती हैं !!

अजय शालू से उम्र में सिर्फ डेढ़ साल बड़ा था !! दोनों भाई बहन एक दूसरे को दिन भर छेड़ते और झगड़ा करते आखिर भाई बहन का रिश्ता होता ही ऐसा हैं जब तक साथ हैं मजाक- मस्ती , लड़ाई – झगड़ा बना ही रहता हैं !!

एक दिन महीपाल जी घर पर एक लड़के की तस्वीर लेकर आए और सभी से बोले इस लड़के का नाम पंकज हैं !! पंकज दिल्ली में बिजली विभाग में इंजीनियर हैं !! अपने माता पिता की इकलौती संतान हैं !!

हमारे रिश्तेदारों ने यह रिश्ता सुझाया हैं अपनी शालू के लिए !! सबका कहना हैं लड़का हाथ से मत जाने देना , शालू राज करेगी वहां !!

शालू ने जैसे ही अपनी शादी की बात सुनी वह बोली मुझे अभी शादी नहीं करनी पापा और मैं कहीं नहीं जाने वाली आप सभी को छोड़कर !!

अजय जो कि मजाक में कहता रहता था कि शालू की शादी जल्दी हो जाए जब असल में घर में शालू की शादी की बाद चल रही थी तो उसे बहुत बुरा लग रहा था वह बोला पापा !! शालू की अभी कौन सी इतनी उम्र हो चली हैं , अभी छोटी ही तो हैं और वह भी पढ़ाई करना चाहती हैं तो उसे पढ़ाई पूरी कर लेने दो !!

सुधा जी बोली हां , सही तो कह रहे हैं दोनों बच्चे जी !! अभी रुक जाईए , इतनी भी क्या जल्दी हैं ??

अगला भाग

इस आदमी ने मुझसे और मेरे बच्चे से हमारी पहचान ही छीन ली !! (भाग 2) –  स्वाती जैंन: Moral stories in hindi

धन्यवाद !!

आपकी सखी

स्वाती जैंन

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