दोस्तों सर्दी आते ही बाजार हरी भरी सब्जियों से भर जाता है और जहां सब्जियों की बात हो और वहां साग की बात ना हो ऐसा कैसे हो से हो सकता है। सर्दी के मौसम में सरसों की साग और मक्के की रोटी अगर मिल जाए तो फिर बात ही क्या है। साग विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं जो हमारे शरीर को हेल्दी रखते हैं। साथ में कैलोरी की मात्रा बहुत कम होने के कारण हमारे वजन को भी बढ़ने से रोक देते हैं।
साग में घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर होते हैं जिससे हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म ठीक रहता है। जो हमारे शरीर के वजन को कम करने में सहायता करते हैं। इसमें मौजूद कई तरह के विटामिन और खनिज पदार्थ हमारे शरीर के खून के बहाव को भी नियंत्रण में रहते हैं।
सर्दी के दिनों में बुजुर्ग लोगों को जोड़ो के दर्द की समस्या आम हो जाती हैं साग खाने से उनमें मिलने वाले कैल्शियम, प्रोटीन और पोटैशियम जोड़ों के दर्द में राहत देते हैं।
मेथी का साग
सर्दी के दिनों में जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है उन्हें रोजाना मेथी का साग अपने खाने में प्रयोग करना चाहिए इसके खाने से आपके ब्लड में कोलेस्ट्रॉल और लिपिड लेवल को कम कर दिल के रोगों की होने वाली संभावनाओं को कम कर देता है। मेथी के साग में फोलिक एसिड विटामिन ए, बी6, विटामिन सी, पोटैशियम, आयरन, फास्फोरस और कैल्शियम की काफी मात्रा होती है।
मेथी फाइबर के एक अच्छा स्रोत होता है जो हमारे आंत को साफ रखने में काफी हेल्प फुल होता है देखा जाए तो 100 ग्राम मेथी में 50 कैलोरी होती है। जिन औरतों को अर्थराइटिस का प्रॉब्लम होता है उनको सर्दियों में मेथी का साग जरूर अपने खाने में प्रयोग करना चाहिए। मेथी में प्रोटीन भी काफी मात्रा में होता है। मेथी आपके ब्लड के जमने की संभावनाओं को दूर कर देता है।
बथुआ का साग
सर्दी आते ही बाजार में बथुआ का साग मिलना शुरू हो जाता है. बथुआ के साग में विटामिन, कैल्शियम, फास्फोरस और पोटैशियम भी बहुत अधिक होता है। बथुआ खाने से आपको कब्ज की समस्या बिल्कुल ही नहीं रहेगी अगर आपको गैस बनता है वह भी छू मंतर हो जाएगा और इसकी वजह से होने वाले पेट दर्द से भी राहत मिलेगी।
बथुआ के साग को आप पराठा और पूरी में मिक्स करके भी खा सकते हैं। अगर हम बथुआ के साग को एक औषधि कहे तो कोई बुराई नहीं है।
पालक का साग
एक रिसर्च मे ये सामने आया है की पालक के साग मे कैंसर विरोधी फोलेट और विटामिन-बी होते हैं. पालक मे मौजूद प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, ओमेगा-3 और ओमेगा-6 हमे कई रोगो से बचते हैं। देखा जाए तो पालक मे कैलोरी की मात्र बहुत कम होती है। 100 ग्राम पालक में काफी मात्रा में नाइट्रेट होता है जो ब्लड प्रेशर को कम करने में हेल्प करता है और दिल को सुरक्षा देता है।
सरसों का साग
सरसो का साग मे भी कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, पोटैशियम, विटामिन ए, सी, डी, बी-12 मैग्नीशियम, आयरन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है। जो व्यक्ति अपने मोटापा से निजात पाना चाहते हैं उनको पालक का साग जरूर खाना चाहिए क्योकि सरसों के साग में कैलोरी और फैट बहुत कम होता है।
साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट भी मौजूद होते हैं, जो बॉडी को डिटॉक्स करने में हेल्प करते हैं। इससे बॉडी की इम्यूनिटी बढ़ती हैं और आप सर्दियों में होने वाली बीमारियों से बची रहती हैं।इसमें मौजूद कैल्शियम और पोटैशियम हड्डियों को मजबूत और हेल्दी रखता है।
चौलाई का साग
चौलाई का साग मे फाइटोन्यूट्रिएंट्स, एंटी-ऑक्सीडेंट्स, मिनरल्स और कई तरह के विटामिन होते हैं। साथ ही चौलाई के साग में लायसिन नामक अमिनो एसिड पाया जाता है। जो बढ़ती उम्र के लक्षणों को रोकने का काम करता है। इसलिए अगर आप सर्दियों के मौसम में इस साग को खाती हैं तो आप लंबे समय तक झुर्रियों से बची रह सकती हैं।
सर्दियों में चौलाई का साग खाने से बॉडी में विटामिन की कमी को पूरा किया जा सकता है। इस साग को कफ और पित्त नाश करने वाला माना जाता है।
दोस्तो इसलिए अपने दैनिक जीवन मे कोई न कोई साग का प्रयोग खाने मे जरुर करे। ये जानकारी दूसरे लोगो को भी शेयर करे ताकि हमारा भारत स्वस्थ और निरोग रह सके।