नालायक.. यह सिला दिया तूने पूरे साल भर की मेहनत का… हम तो आज तक यह सोचते रहे कि तू कमरा बंद करके अपनी पढ़ाई कर रहा है, और तू हमारी आंखों में धूल झोंक रहा था! यह देख तेरे नंबर… दसवीं बोर्ड में 65% आए हैं, कैसे करेगा अपने डॉक्टर बनने का सपना पूरा,
सही है.. तुम तो छोटी मोटी नौकरी के लायक हो, ठेला चलाना ठेला… तुमसे तो उम्मीद करना ही बेकार है अब! मैंने तुम्हारी मां ने और तुम्हारी छोटी बहन ने कितना सोचा था कि तुम्हारे दसवीं में अच्छे नंबर आएंगे तो तुम्हें साइंस दिलाएंगे जिससे तुम अपना डॉक्टर बनने का सपना पूरा करो!
अपने साथ-साथ हमारे खानदान का भी नाम रोशन करो, आज तुमने हमें सच में शर्मिंदा कर दिया! आस-पास के लोग जब पूछेंगे.. शर्मा जी.. आपके बेटे का क्या रिजल्ट रहा तो किस मुंह से बताएंगे? हमारे गधे के तो इतने कम नंबर आए हैं? हे भगवान… जतिन.. यह तूने क्या किया? डूब मर कहीं जाकर,
हमें तो कम से कम तुझ से 95% की उम्मीद थी, अब लेना कला संकाय! लड़कियों की तरह बन जाना किसी स्कूल में मास्टर, मैंने भी गलत इंसान से उम्मीद लगा लिया! यह सुनकर जतिन गुस्से में रोता हुआ घर से निकल गया, सुबह का घर से निकला जतिन शाम होने को आई, किंतु घर वापस नहीं आया!
अब तो उसके पापा को चिंता होने लगी, कहीं उनकी बात का गलत मतलब निकाल कर जतिन कोई गलत कदम ना उठा ले, नहीं नहीं.. मैं ऐसा नहीं करने दूंगा, आखिरकार वह मेरा बेटा है, मैंने चाहे उसे गुस्से में कितना भला बुरा कह दिया लेकिन मैं तो उसे बहुत प्यार करता हूं, मैं उसे इस तरह से हताश नहीं करूंगा,
गलती मेरी ही थी जो मैंने उसे इतना भला बुरा कह दिया, अब उसके अच्छे नंबर नहीं आए तो कोई बात नहीं, क्या कम नंबर लाने वालों की कोई जिंदगी नहीं होती, मेरे भी तो मेरे जमाने में बहुत कम नंबर आए थे किंतु मेरे घर वालों ने तो उस वक्त मुझे हिम्मत दी थी और कहा था कोई बात नहीं बेटा एक इम्तिहान ही तो है,
अगली बार में अच्छे नंबर आएंगे! आज मैं भी अच्छी नौकरी कर रहा हूं, तो फिर मैं अपने बेटे केसमय में ऐसा कैसे भूल गया, मुझे तो अपने बेटे की हिम्मत बननी चाहिए, हे भगवान बस उसने कुछ कर ना लिया हो? वह जहां भी हो सकुशल हो, मैं उसकी खोज खबर के लिए जाता हूं!
और खोज खबर करने के पश्चात देखा… जतिन समुद्र किनारे रेत में बैठा हुआ रो रहा था, उसके पापा ने उसके पास जाकर उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहा… कोई बात नहीं बेटा …जो हो गया, सो हो गया, अब पीछे मुड़कर मत देखना! अभी तो बहुत इम्तहान बाकी है, और मुझे पूरा विश्वास है
अगली बार तुम बहुत अच्छा करोगे और जो तुम चाहते हो वह हासिल करके रहोगे, अभी घर चलो सब तुम्हारे लिए बहुत परेशान हो रहे हैं, तुम्हारे नंबर हमारे लिए मायने नहीं रखते, हमारे लिए बेटा तुम सिर्फ तुम मायने रखते हो, और मैं अपने बेटे को ऐसे नहीं खो सकता,
यह सुनकर जतिन ने अपने पापा से वादा किया कि पापा… आज के बाद वह जी जान लगाकर मेहनत करेगा और आपका सर कभी नहीं झुकने देगा और ऐसा कह कर बह अपने पापा के गले लग गया!
हेमलता गुप्ता स्वरचित
मुहावरा प्रतियोगिता खोज खबर करना