इल्ज़ाम :~ सही या ग़लत – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ मैडम जी हमें आपसे कुछ बात करनी है ।” दरवाज़े की घंटी बजते जैसे ही रति ने दरवाज़ा खोला सामने सोसायटी में काम करने वाली दो ( कला और सविता) महिलाओं ने कहा 

“हाँ बोलो।” रति ने कहा 

“क्या हम अंदर आ जाए?” उनमें से एक ने कहा जिसका नाम कला था 

“ हाँ आ जाओ ।” कह कर रति एक किनारे हो गई 

सविता ने अंदर आ दरवाज़ा लगा दिया 

“ क्या बात है बोलो?” रति उन्हें यूँ अचानक आया देख पूछी 

“ मैडम वो रमेश है ना जो सोसायटी का गार्ड है वो अच्छा आदमी नहीं है।” कला ने कहा 

“ तुम लोग ऐसा क्यों बोल रही हो… वो आते जाते सबको सलाम करता है… हमारे हाथ में सामान देख झट से लेकर फ़्लैट तक पहुँचा देता है ,सबकी इज़्ज़त करता है और तुम लोग उसके बारे में ऐसा बोल रही हो… मैं मान ही नहीं सकती बिना मतलब तुम लोग उसके नाम पर धब्बा लगा रही हो।” रति ने जो एक साल से रमेश को देख रही थी कला और सविता की बात पर भरोसा ना कर सकी

“ मैडम जी हम सच कह रहे हैं… कल मैं स्टाफ़ के लिए जो कमरा बना है उधर खाना खाने गई थी … मैं कला का इंतज़ार कर रही थी तभी किसी के आने की आहट हुई मुझे लगा कला होगी …इतने में मैंने महसूस किया किसी का हाथ मेरी कमर पर है और ओठ मेरे कान पर … मैडम मैं घबरा कर कोहनी से उसके पेट में मारी पलट कर देखी तो रमेश खड़ा था… मैं उसको डाँटतीं उसके पहले ही वहाँ कला आ गई और वो रमेश उधर खूँटी पर टंगा अपना बैग लेकर निकल गया …

जब ये बातें मैंने कला को बताई तो वो रमेश को बोलने गई ..पर वो मुझे ही गलत ठहरा रहा था….कह रहा सविता ही मुझे बुलाई थी… मैडम जी मैं उसे क्यों बुलाऊँगी… वो झूठ बोल रहा है…. हमें समझ में नहीं आया किससे शिकायत करें जो हमारी बात सुने समझें इसलिए आपके पास आए है.. ऐसे एक दो मैडम से और बात की है पर कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है…ऐसे में हमारा यहाँ काम करना मुश्किल हो जाएगा ।” सविता के चेहरे पर डर और घबराहट साफ़ दिख रहा था 

“ सविता सही कह रही है मैडम जी… रमेश की हिम्मत बढ़ेगी तो हमारा यहाँ काम करना मुश्किल हो जाएगा ।” कला ने भी कहा

“ ओहह… रमेश ऐसा भी कर सकता हमने सपने में भी नहीं सोचा था… साहब को आने दो वो तुम लोगों के मैनेजमेंट में बात करेंगे अगर रमेश ने गलती की है तो सज़ा भी ज़रूर मिलेगी ।” रति उनकी बात सुन उन्हें समझा कर भेज दी

शाम को रति ने अपने पति से जब कहा तो पता चला रमेश की बात वो भी जान रहे हैं और बोले ,”अभी सारे लोग सी सी टीवी देख कर फ़ैसला लेंगे ।”

सब जाँच पड़ताल के बाद रमेश ही दोषी पाया गया … सब आश्चर्य कर रहे थे इतना संस्कारी दिखने वाला बंदा ऐसी हरकत कैसे कर सकता है…उसको भी पता ही होगा पकड़े जाने पर उसके उपर ये धब्बा लग जाएगा फिर वो कैसे सबकी नज़रों का सामना कर पाएगा ….पर कहते है ना  जब मति भ्रष्ट हो जाए तो संस्कार भी धरे के धरे रह जाते है।

जिस कम्पनी ने रमेश को नियुक्त किया था उसे निकाल दिया और रमेश सबकी नज़रों में गिर गया ।

रचना पर आपकी प्रतिक्रिया का इंतज़ार रहेगा ।

धन्यवाद 

रश्मि प्रकाश 

#मुहावरा 

#धब्बालगना 

2 thoughts on “इल्ज़ाम :~ सही या ग़लत – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi”

  1. Ye तो अच्छा हुआ cctv कॅमेरा की वजह से such बाहर आया और कोई नया रमेश के गलत इरादे से बच गया. 👌👌😊🙏

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