नेहा के ससुराल में आज उत्सव सा माहौल था । किचन से व्यंजन बनने की ख़ुशबू सारे घर में फैल रही थी ।और हो भी क्यों न उसकीननद सीमा को देखने लड़के वाले आ रहे थे । पढ़ी लिखी सीमा दिखने में भी खूबसूरत है , लड़का भी अच्छी नौकरी में है ।फ़ोटो देख उन्हेंसीमा बहुत पसंद आयी ,
ऐसा उनकी बातों से लगा ,और देखना दिखाना तो औपचारिक ही लग रहा था ,क्योंकि नेहा के ससुर जी व पतिभी लड़के वालों के घर जाकर घर वर देख आए है । इसलिए स्वागत का इंतज़ाम सीमा की भावी ससुराल की तरह ही हो रहा है ।इनसबके साथ एक और बात थी ,लड़के वाले नेहा के पुराने पड़ोसी रह चुके है ।
रसोई में काम करते हुए नेहा की सासु जी बोली , “बहू सौरभ तुम्हारे पड़ोसी रह चुके है ,इस बात से मुझे तसल्ली है ,कि बिटिया जानपहचान के घर में जाएगी ,नही तो आजकल का ज़माना तो तुम देख ही रही हो । “
“जी माँजी । “नेहा बोली ।
लड़के वाले नियत समय पर आ गए थे , लड़की देखने दिखाने की रस्म हुई , दोनो ही पक्ष को सब अच्छा लगा । हँसी ख़ुशी के माहौल मेंखाना हुआ । रिश्ता लगभग तय ही था ।उन्होंने रस्मी तौर पर घर जाकर जवाब देने का कहा ।
उनके जाने के बाद थके होने से सब अपने अपने कमरे में जाकर आराम करने लगे । थकी होने के बावजूद नेहा के आँखो में नींद न थी ।पता नही किन ख़्यालों में गुम थी ।
तभी पति राहुल ने पूछा “क्या बात है , नेहा नींद नही आ रही ?”
नेहा चौक कर बोली “नही ऐसी कोई बात नही ।”
“नेहा मैं पिछले कुछ दिनों से देख रहा हूँ , तुम कुछ अनमनी सी हो ,और आज तो कुछ ज़्यादा ही बेचैन लग रही हो ।”राहुल ने फिर पूछा ।
“नही ऐसा कुछ नही ।”नेहा बोली ।
“हमारी शादी को ज़्यादा समय तो नही हुआ है ।पर मैं तुम्हें इतना तो समझने लगा हूँ ,कि कोई तो उलझन है ,प्लीज़ मुझे बताओ ।”राहुलने कहा ।
“आप हमेशा पूछते है न मुझे बारिश से इतना डर क्यों लगता तो सुनिए , बात उस समय की है जब मैं फ़र्स्ट ईयर में थी ,मम्मी ऑफ़िस सेशाम ६ बजे तक आती थी ।काम वाली आँटी ५ बजे तक घर चली जाती थी , बारिश के दिन थे ,उस दिन मौसम खुला होने से आँटी नेकपड़े धो कर ऊपर साँझा छत पर सूखा दिए थे ,लेकिन शाम को ५ बजे के लगभग एकदम से बादल घिर आए , मैंने आँटी से कहा “आपघर जाओ ।”
वो बोली “दीदी ऊपर से कपडे लाने है ।”
मैंने कहा “वो मैं ले आऊँगी ,आप जाओ बारिश आने वाली है ।”
वो घर और मै छत की ओर चल दी ,उन दिनो मुझे बारिश बहुत पसंद थी ।मै गुनगुनाते हुए कपडे उठाने लगी ।बूंदा बांदी शुरू हो गई थी ।मैं चेहरे पर पानी की बूँदे महसूस कर ख़ुश हो रही थी ।तभी सीड़ियों पर आहट हुई ।मैंने देखा हमारे पड़ोसी का बिगड़ैल लड़का सौरभ था।
मै जल्दी से नीचे जाने लगी ।. उसने मेरा हाथ पकड़ मेरे साथ ग़लत हरकत करने की कोशिश की ।डर के मारे मेरी घिग्घी बंध गई ।तभी अचानक दो आँटी की बात करने की आवाज़ आयी ।वो भी कपडे उठाने आई थी। सौरभ झट से टंकी के पीछे छुप गया। आँटीआयी और मुझे देख बोली “अरे बेटा पानी मै क्यों भीग रही हो ,देखो तुम तो काँप भी रही हो ,जाओ जल्दी नीचे जाओ ।”मैं जल्दी से नीचेनीचे भागी ।
कुछ रुक कर नेहा फिर बोली “आपको तो पता है मेरे पापा थे नही ,मम्मी परेशान न हो इसलिए उन्हें कुछ बता नही पाई ,ये तो ग़नीमत थीकि दो महीने बाद सौरभ के पिता का तबादला होने से वो लोग वहाँ से चले गए ।पर जब से मुझे बारिश से डर लगने लग। “
“ये बात तुमने पहले क्यों नही बताई ।”राहुल ने पूछा ।
“मैंने सोचा लड़कियों की बात तो चलती रहती है , पर मैं बात शादी तक नही पहुँचने देती ।”नेहा बोली ।
“अब ये बात तो मम्मी पापा को बताना पड़ेगी । “ राहुल बोला ।
“हाँ आप बता ही दे ।”नेहा बोली ।
राहुल अपने मम्मी पापा के कमरे में पहुँचा तो देखा दोनो किसी सोच में बैठे थे ।
राहुल को देख पापा बोले “राहुल बेटे एक परेशानी आ गई है ।”
“क्या पापा ?”राहुल ने पूछा ।
“बेटा मेरे एक दोस्त का बेटा सौरभ के शहर में ही नौकरी करता है। मैंने उस से उसके बारे में पता करने को कहा था , उसने बताया किलड़के का चाल चलन ठीक नही है । “पापा बोले ।
“पापा नेहा भी कुछ ऐसा ही बता रही है ,पहले वो बताने में डर रही थी ।” राहुल बोला ।
“ओह फिर तो हम बच गए ।मैं उन्हें रिश्ते के लिए मना कर देता हूँ ।” पापा बोले ।
अब नेहा को बारिश से डर नही लगता है , क्योंकि उसका हमसफ़र उसके साथ हर कदम पर उसके साथ है ।