होश आ गया – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 रीना… आज रात 11:00 बजे तुम अपना बैग जमा कर तैयार रखना और सीधे होटल आयत में पहुंचना, मैं तुम्हारा वही इंतजार करूंगा!

उसके बाद हम दोनों यहां से बहुत दूर एक ऐसी दुनिया में चले जाएंगे जहां कोई हमें नहीं पहचानेगा!  हमसे कोई सवाल करेगा!

हमारी खुद की अपनी प्यारी सी दुनिया होगी! बस तुम अपने साथ ज्यादा से ज्यादा रुपए और  गहने लेकर आ जाना,

ताकि हमें अपनी जिंदगी की शुरुआत करने में कोई कठिनाई न आए!. ठीक है राहुल मैं ऐसा ही करती हूं, तुम वहां मेरा इंतजार करना, मैं आ जाऊंगी,

कहकर रीना ने फोन रख दिया! अभी दिन के 11:00 बजे हैं !अभी पूरे 12 घंटे हैं उसके पास, तब तक वह आराम से अपनी तैयारी कर लेगी!

जैसे-जैसे समय करीब आता जा रहा था, रीना के दिल की धड़कन भी बढ़ती जा रही थी! मम्मी पापा और उसकी बेस्ट फ्रेंड नेहा राहुल को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते थे!

उनकी नजरों में राहुल एक आवारा किस्म का  बिगड़ैल लड़का था, जो मासूम लड़कियों की भावनाओं से खिलवाड़ करता था !

किंतु जब सर पर इश्क का भूत सवार हो तो उसकी बुराइयां भी अच्छाइ ही नजर आने लगती है! रीना के साथ भी यही हो रहा था!

शाम के 5:00 बज गए!  रीना सोचने लगी.. कि हमारी एक सपनों की  दुनिया होगी जहां सिर्फ मैं और राहुल ही होंगे! किंतु राहुल ने मुझे होटल में क्यों बुलाया,

और अपने साथ पैसे और गहने लेकर आने को क्यों कहा? राहुल तो स्वयं अच्छे पैसे वाले परिवार का लड़का है, फिर मुझे यह सब…?

ओ माय गॉड… इसका मतलब राहुल ने मुझे अपने झांसे में फंसा लिया? नहीं नहीं… मैं अपने माता-पिता की बदनामी नहीं सहन कर सकती!

अच्छा हुआ सही समय पर मुझे होश आ गया, और मैं राहुल के झांसे में आने से बच गई! अब रीना को अपनी फैसले पर कोई पछतावा नहीं था! अच्छा हुआ वक्त रहते ही होश आ गया!

  हेमलता गुप्ता ( स्वरचित)

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