हिन्दी मे सुविचार

लफ़्ज़ों की कमी हो गई है पास हमारे.. वरना क़ाबिले तारीफ़ तो बहूत कुछ है आप में”” .

“तेरी तो फितरत थी सभी से मोहब्बत करने की….. हम बेवजह ही खुद को खुशनसीब संमझ बैठे.” .

“अच्छाई के पीछे कोई नही जाता बुराई के पीछे सभी जाते है। शराब बेचने वाला कही नही जाता दृूद् बेयने वाले को गली गली घूसना पडता है|” .

“”इन्सान सब कुछ कॉपी कर सकता हैं, लेकिन किस्मत और नसीब नहीं”।

“दुआएं रद्द नहीं होती बस, बेहतरीन वक्त पे कबूल होती है

“कदर होती है इंसान की जरुरत पड़ने पर ही क्योंकि बिना जरुरत के तो लोग मोमबत्ती भी नही जलाया करते

“सारे मसरूफ़ हैं यहाँ, दूसरों की कहानियाँ जानने में, इतनी शिद्दत से खुद को अगर पढ़ते, तो खुदा हो जाते.” .

पूरी दुनियां जीत कर भी अगर मां बाप का दिल ना जीता तो वो जीत हार के समान है…” .

तराशिये खुद को… कुछ इस कदर जहां में, पाने वाले को नाज और खोने वाले को अफसोस रहे..

भावनाओं में बहकर किसी के सामने अपनी कमजोरियाँ को बता देना सबसे बड़ी मुर्खता है.” .

दिमाग ठंडा, हो तो फैसले गलत नहीं होते और भाषा, मीठी हो तो अपने anu_creations दूर नहीं होते”

दुनिया को छोड़ो सबसे पहले उसे खुश रखो, जिसे तुम रोज आयने में देखते हो।” .

 जब जीवन नामक “स्क्रीन” “लो बैटरी” दिखाती है और “रिश्तेदार” नामक “चार्जर” नहीं मिलता तब जो “पावरबैंक” काम आतो है, उसे ही “मित्र” कहते हैं!” .

 “खुद को स्पेशल समझ करे जीना शुरु करो, क्योंकि भगवान ने कोई भी चीज फालतू नहीं बनाई है|” .

 इच्छाओं के रहते यदि प्राण चले जाए तो वो हुई मृत्यु.. ओर प्राण के रहते हुए इच्छाये चली जाए तो वो हुई मुक्ति.. रवि” .

“उत्तम से सर्वोत्तम वही हुआ है; जिसने आलोचनाओं RRajput को सुना और सहा है राम राम शुभप्रमात रामरामजी जी शुभ प्रभात” .

मैं अकेला खुद के लिए काफी हूं, मेरे वजूद को किसी के सहारे की जरुरत नहीं।” .

इज्जत मिट जाए जिस से वो दहलीज कभी मत लांघना जिन्दगी हो या इश्क़ कभी भीर मत मांगना जिंदगी गुलजार है!” .

मिल कर सब से रहिये, पर दबकर किसी से नहीं!

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